अब इन साहित्यिक विषयों की भी पढ़ाई करेंगे छात्र एमए के पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव

अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि अंग्रेजी विभाग ने एमए चतुर्थ सेमेस्टर के लिए तुलनात्मक साहित्य पाठ्यक्रम को विशेष रूप से तैयार किया है. जिसमें विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं के साहित्यिक धरोहरों का गहन अध्ययन कराया जाएगा. 

अब इन साहित्यिक विषयों की भी पढ़ाई करेंगे छात्र एमए के पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव
गोरखपुर. दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के अंग्रेजी विभाग ने अपने पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब एमए अंग्रेजी के विद्यार्थियों को अंग्रेजी, लैटिन और ग्रीक महाकाव्यों के साथ-साथ फारसी कवि फिरदौसी, हिंदी कवि जयशंकर प्रसाद और संस्कृत के महान कवि कालिदास के द्वारा रचित  साहित्यिक धरोहरों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा. इस बदलाव को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है. जिसमें अंतर-विषयक और समग्र शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है. भारतीय महाकाव्यों का तुलनात्मक अध्ययन अंग्रेजी विभाग ने एमए चतुर्थ सेमेस्टर के लिए तुलनात्मक साहित्य पाठ्यक्रम को विशेष रूप से तैयार किया है. जिसमें विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं के साहित्यिक धरोहरों का गहन अध्ययन कराया जाएगा. इस पाठ्यक्रम की प्रमुख इकाई में ‘वाल्मीकि रामायण’, तुलसीदास रचित ‘रामचरितमानस’ और तमिल साहित्य की महान कृति कंबन का ‘रामावतारम’ पर तुलनात्मक अध्ययन शामिल है. इसके अलावा, ग्रीक लेखक होमर का ‘ओडिसी’, वर्जिल का लैटिन महाकाव्य ‘एनीड’, अंग्रेजी कवि मिल्टन का ‘पैराडाइस लॉस्ट’ और फारसी कवि फिरदौसी का ‘शाहनामा’ जैसे महत्वपूर्ण महाकाव्यों का अध्ययन भी कराया जाएगा. यह पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को प्राचीन और मध्यकालीन साहित्यिक परंपराओं के वैश्विक दृष्टिकोण से परिचित कराएगा. कालिदास और आधुनिक साहित्य का मिश्रण अंग्रेजी विभाग के पाठ्यक्रम में कालिदास रचित ‘अभिज्ञानशाकुंतलम’ (चौथा अंक) का भी अध्ययन कराया जाएगा. इसके साथ ही विद्यार्थियों को दुष्यंत-शकुंतला की पौराणिक कहानी के आधुनिक पुनराख्यान, जैसे कि यशपाल का ‘अप्सरा का शाप’, कन्नड़ लेखिका वैदेही की कहानी ‘एन आफ्टरनून विद शकुंतला’ और व्यास की ‘महाभारत’ के संभव पर्व का अध्ययन करने का मौका मिलेगा. अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को साहित्यिक परंपराओं और विभिन्न समाजों में साहित्यिक विषयों के रूपांतरण का गहन समझ प्रदान करेगा. Tags: Education, Gorakhpur news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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