खुशखबरी! अब भारतीय भी ले सकेंगे अंतरिक्ष सैर का आनंद ये देसी कंपनी जल्द शुरू करेगी सेवा

स्पेस आरा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश पोरवाल ने बताया कि कंपनी ने अपनी अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए ​2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए कर्नाटक और मध्यप्रदेश में दो स्थान चिन्हित किए गए हैं और इस बारे में जल्द निर्णय कर लिया जाएगा.

खुशखबरी! अब भारतीय भी ले सकेंगे अंतरिक्ष सैर का आनंद ये देसी कंपनी जल्द शुरू करेगी सेवा
देहरादून: भारत की एक कंपनी अब गुब्बारे के जरिए पर्यटकों को अंतरिक्ष की सैर कराएगी. एलन मस्क की ‘स्पेस एक्स’ से प्रेरित होकर मुंबई स्थित ‘स्पेस औरा एयरोस्पेस टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी ने इसके लिए दस फीट गुणा आठ फीट परिमाप का ‘स्पेस कैप्सूल या स्पेसशिप’ बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें पायलट के अलावा एक बार में छह पर्यटक बैठकर अंतरिक्ष तक जा सकेंगे. हालांकि, स्पेस कैप्सूल पृथ्वी के ऊपर 35 किलोमीटर के दायरे में ही रहेगा. देहरादून में एक विश्वविद्यालय में चल रही विज्ञान प्रदर्शनी ‘आकाश तत्व’ में कंपनी ने असली स्पेस कैप्सूल ‘एसकेएपी वन’ का प्रोटोटाइप भी पेश किया, जिसे वैज्ञानिकों और आम जनता दोनों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. स्पेस आरा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश पोरवाल ने बताया कि कंपनी ने अपनी अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए ​2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के लिए कर्नाटक और मध्यप्रदेश में दो स्थान चिन्हित किए गए हैं और इस बारे में जल्द निर्णय कर लिया जाएगा. ये भी पढ़ें- T20 World Cup Semis: भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 22 बार भिड़ंत, जानें किस टीम का पलड़ा रहा भारी पोरवाल ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान ( टीआइएफआर) के पूर्व वैज्ञानिकों की सहायता से कंपनी समय से लक्ष्य पूरा करने में जुटी हुई है. उन्होंने बताया कि सभी जरूरी आधुनिक सुविधाओं, जीवन रक्षक और संचार प्रणाली से लैस स्पेस कैप्सूल को एक हाइड्रोजन या हीलियम गैस से भरे हुए एक स्पेस बैलून की सहायता से समुद्र तल से 30—35 किलोमीटर उपर ले जाया जाएगा जहां पर्यटक करीब एक घंटे तक पृथ्वी की सतह और अंतरिक्ष का नजदीक से दीदार करने के साथ ही उसे महसूस भी कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि उसके बाद हाई एल्टीट्यूड स्पेस बैलून में से धीरे-धीरे गैस कम की जाएगी और एक पैराशूट खोला जाएगा जिसकी सहायता से स्पेस कैप्सूल नीचे आना शुरू होगा. एक निश्चित उंचाई पर स्पेस बैलून को स्पेस कैप्सूल से अलग कर दिया जाएगा और बहुत धीमी गति से अंतरिक्ष पर्यटकों को आराम से नीचे लाया जाएगा. पोरवाल ने कहा कि पर्यटकों को सैर पर ले जाए जाने से पहले करीब एक सप्ताह तक उन्हें भारतीय योग एवं आध्यात्मिक विज्ञान की मदद से एक शांत वातावरण में रखा जाएगा जिससे उनकी यात्रा एक खुशनुमा तरीके से संपन्न हो और वह उसका पूरा आनंद ले सकें. उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अंतरिक्ष की सैर और भारतीय संस्कृति का अद्भुत सम्मिश्रण कर दुनिया भर के अंतरिक्ष पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित कर उसे अंतरिक्ष पर्यटन गतिविधियों का केंद्र बनाना है.’ उन्होंने कहा कि दुनिया की दिग्गज कंपनियों ‘स्पेस एक्स’ और ‘ब्लू ओरिजिन’ के मुकाबले उनकी कंपनी बहुत कम पैसे में अंतरिक्ष की सैर कराएगी और यह भी अंतरिक्ष पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करेगा. पोरवाल ने कहा कि हांलांकि, अभी अंतिम रूप से किराया तय नहीं किया गया है लेकिन यह 50 लाख रू के करीब होगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: India, ISRO, Space tourism, Space travelFIRST PUBLISHED : November 06, 2022, 19:59 IST