Go First को बड़ा झटका हाईकोर्ट ने लीज पर लिए विमानों की वापसी को दी मंजूरी

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने नागरिक उड्डयन नियामक महानिदेशक को निर्देश दिया है कि वह पांच दिन के भीतर एयरलाइन द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों के डी-रजिस्ट्रेशन आवेदनों का निपटान करे.

Go First को बड़ा झटका हाईकोर्ट ने लीज पर लिए विमानों की वापसी को दी मंजूरी
नई दिल्ली. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने नागरिक उड्डयन नियामक महानिदेशक को निर्देश दिया है कि वह पांच दिन के भीतर एयरलाइन द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों के डी-रजिस्ट्रेशन आवेदनों का निपटान करे. साथ ही हाईकोर्ट ने संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्‍ट द्वारा इन विमानों को उड़ाने पर भी रोक लगा दी है. डीजीसीए को अगले पांच कार्य दिवसों के भीतर गो फर्स्ट द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों का रजिस्‍ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा. हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक पट्टेदारों को विमान वापस दिया जा सकता है. जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने आदेश ने कार्यान्वयन में देरी करने के रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) के अनुरोध को खारिज कर दिया. जिससे गो फर्स्ट को अपने सभी 54 विमानों को खोने का खतरा हो गया है. अगर गो फर्स्ट इस मामले में तुरंत स्थगन आदेश हासिल नहीं करता है तो उसके विमानों को मालिक कंपनियों को वापस लौटाया जा सकता है. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला पेमब्रोक एविएशन, एक्सीपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट 2, ईओएस एविएशन और एसएमबीसी एविएशन सहित विमान पट्टेदारों द्वारा शुरू की गई कानूनी लड़ाई के बाद आया है. जिन्होंने आर्थिक रूप से संकटग्रस्त एयरलाइन को पट्टे पर दिए गए विमानों की वापसी की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी. अदालत का फैसला डीजीसीए के मई 2023 के पिछले संचार को प्रभावी ढंग से रद्द कर देता है. जिसने पट्टेदारों को बताया था कि गो फर्स्ट संकट में फंसने के कारण विमानों को अपंजीकृत करने के उनके आवेदन रोक दिए गए थे. हाईकोर्ट के आदेश में बताया गया है कि पट्टादाताओं को विमान के नवीनतम रखरखाव की जानकारी प्रदान करने के लिए अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) को अब उपकरण के निर्यात और उड़ान योग्यता के संबंध में पट्टादाताओं के साथ सीधे संपर्क करने का काम सौंपा गया है. प्रारंभ में डीजीसीए ने विमान का पंजीकरण रद्द करने में असमर्थता के लिए स्थगन को आधार बताया. हालांकि अक्टूबर 2023 में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ जब कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया कि विमानन पट्टों को दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (आईबीसी) के तहत स्थगन प्रावधानों से छूट दी गई थी. फिलहाल चल रही मुकदमेबाजी के जवाब में गो फर्स्ट के लिए बोलियां दो अलग-अलग संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत की गईं. इनमें स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह और निशांत पिट्टी की बिजी बी एयरवेज के नेतृत्व में एक संघ और शारजाह स्थित स्काई वन से एक अलग बोली का प्रस्ताव मिला है. गोफर्स्ट ने दिवालियेपन के लिए अपने स्वैच्छिक आवेदन के बाद पिछले साल मई में दिवाला समाधान प्रक्रिया में प्रवेश किया. . Tags: Airline, Airline News, Airlines, DELHI HIGH COURTFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 20:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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