Ground Report: लोग बोले- मंत्रिमंडल में दबाव दिखा पर मानमानी नहीं चली

मोदी सरकार 3.0 के गठन के बाद सोमवार सुबह-सुबह गली-मुहल्‍लों, पार्कों और चाय के खोखे पर कैबिनेट को लेकर चर्चा होते दिखी. कोई इतने भारी भरकम मंत्रिमंडल को लेकर सवाल उठाता दिखा तो कोई सहयोगी दलों की मनमानी न चलने पर खुश भी दिखे.

Ground Report: लोग बोले- मंत्रिमंडल में दबाव दिखा पर मानमानी नहीं चली
नई दिल्‍ली. मोदी सरकार 3.0 के गठन के बाद सोमवार सुबह-सुबह गली-मुहल्‍लों, पार्कों और चाय के खोखे पर कैबिनेट को लेकर चर्चा होते दिखी. कोई इतने भारी भरकम मंत्रिमंडल को लेकर सवाल उठाता दिखा तो कोई सहयोगी दलों की मनमानी न चलने पर खुश भी दिखे. यह भी सवाल लोग उठाते दिखे कि क्‍या मोदी 2.0 जैसे बड़े फैसले सहयोगी दल लेने देंगे? साहिबाबाद बस अड्डा के बाहर चाय की दुकान में काफी संख्‍या में लोग सिटी बस का इंतजार कर रहे थे. ये लोग नियमित यात्री हैं, इसलिए एक दूसरे से अच्‍छी तरह परिचित थे. बात मंत्रिमंडल को लेकर शुरू हुई तो सबसे पहले बुजुर्ग से दिखने वाले वकील साहब बोले, भाई जो भी हो लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में दबाव जरूर दिखा. इसी वजह से इतना भारी-भरकम मंत्रिमंडल बनाया गया है. पूर्व में शपथ ग्रहण के दौरान इतना बड़ा मंत्रिमंडल नहीं बनाया गया था. मोदी कैबिनेट 3.0 में 71 मंत्रियों में 27 ओबीसी, 10 दलित, 5आदिवासी… जानें जातिगत समीकरण बोले. वकील साहब लेकिन मोदी ने किसी की मनमानी नहीं चलने दी. बड़े सहयोगी दलों को ही दो-दो मंत्री पद दिए गए. तभी चर्चा में पास में बैठे चौधरी जी शामिल हो गए. भाई मंत्रिमंडल पूरी तरह से बैलेंस है. हर वर्ग हर जाति को मौका दिया गया है. लेकिन एक बात जरूर है कि पिछले बार जैसे मोदी जी बार फैसले ले पाएंग क्‍या? तभी वकील साहब बोले, तुम्‍हारे चौधरी (जयंत चौधरी) अपने आपको किसानों के नेता कहते हैं, लेकिन शपथ अंग्रेजी में लेते हैं. जबकि दक्षिण भारत के मंत्री तक हिन्‍दी में शपथ ली. चौधरी जी बोले, भाई पढ़ा लिखा है, इसलिए अंग्रेजी में शपथ ली. तभी पीछे बैठे तिवारी जी बोले, आपका मतलब यह है कि और मंत्री पढ़े लिखे नहीं हैं. नहीं ऐसा नहीं है, यह तो अपना फैसला है. हिन्‍दी में लेते तो बेहतर होता. तभी मास्‍टर जी ने सवाल उठाया कि क्‍या पिछली बार जैसे फैसले मोदी जी ले पाएंगे. चौधरी जी बोल पड़े, मोदी जी हैं, सब मैनेज कर लेंगे. इसी दौरान बस आ गयी और सभी लोग बस में चढ़ गए चले गए. कैबिनेट में बीजेपी का गजब का गणित, 18 फीसदी का ऐसा जुगाड़, एनडीए का हर सहयोगी हो रहा हैरान इसी तरह, वसुंधरा के प्रमुख आदर्श पार्क में पड़ी बेंचों पर सुबह सैर करने वालों का जमघट लगा था. यहां पर भी चर्चा का विषय मोदी कैबिनेट ही था. यूपी पॉवर कॉरपोरेशन से रिटायर सिन्‍हा जी बोले, मंत्रिमंडल ने शपथ ले ली, लेकिन उससे जरूरी है कि किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय दिया जाता है. भाजपा के पास कौन सा रहता है और सहयोगी दलों के पास कौन सा जाता है. मोदी कैबिनेट 3.0 में सहयोगी छोटे दलों को पहले और बड़े दल को बाद में शपथ की रही चर्चा… यूपी आवास विकास से रिटायर अशोक श्रीवास्‍तव बोल पड़े, किसी को कोई भी मंत्रालय मिल जाए, सभी को रिपोर्ट तो मोदी जी देनी होगी. हां, इस बार कुछ सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल न करना बात समझ में नहीं आ रही है. तभी दुबे जी बोल पड़े, कुछ को शामिल न कर ठीक ही किया मोदी जी ने. इसलिए तो कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल में मोदी की ही चल रही है. थोड़ा बहुत तो ऊपर नीचे तो चलता है. तभी सिन्‍हा जी फिर से बोले, गठबंधन दल के ऐसे बुजुर्ग नेता भी मंत्री बने हैं, जो ठीक से चल नहीं पा रहे थे, ये मोदी जी के साथ कैसे काम कर पाएंगे. दुबे जी बोले, भाई यही तो सहयोगी दलों का दबाव है. धूप तेज होते ही लोगों ने पार्क से जाना शुरू कर दिया. Tags: Modi cabinet, Modi government, Modi GovtFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 09:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed