एक अदृश्य जहर शरीर को कर रहा है खोखला! जानिए क्या है Lead Poisoning

Lead poisoning: भारत में लीड विषाक्तता के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है. लीड, एक विषैला धातु, है जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. लीड विषाक्तता के प्रमुख कारणों में पुरानी पाइपलाइन, लीड-आधारित पेंट, सस्ते खिलौने, औद्योगिक अपशिष्ट, और वायुमंडलीय प्रदूषण शामिल हैं.

एक अदृश्य जहर शरीर को कर रहा है खोखला! जानिए क्या है Lead Poisoning
विशाल झा /गाज़ियाबाद: भारत में सीसे (लीड) की विषाक्तता एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनती जा रही है. लीड, एक विषैला धातु है जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. पिछले कुछ वर्षों में लीड विषाक्तता के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार है. इस बारे में जब डॉक्टर भूषण से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि लीड का इस्तेमाल कई इंडस्ट्री में होता है. लेकिन, इसका मानव जाति पर काफी गंभीर असर पड़ता है. आइए डॉक्टर से जानते हैं कि इसका प्रभाव इंसानों पर क्या होता है. कौन है डॉक्टर इंदु भूषण, क्या है Lead Poisoning? डॉ इंदु भूषण ‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ में एक वालंटियर की तरह कार्य कर रहे हैं. डीआर भूषण नेशनल हेल्थ अथॉरिटी भारत सरकार में प्रमुख पद पर रह चुके हैं. पूर्व में आईएएस सेवा में राजस्थान कैडर को भी सर्व कर चुके है. डॉ भूषण ने बताया की लीड के लिए भारत में जागरूकता फैलाने की जरूरत है. इसके लिए स्कूल कॉलेज में विशेष अभियान और ब्लड लेवल चेकिंग का महा अभियान लोगों के बीच चलाना होगा. इससे यह पता लग सके कि लोगों के ब्लड में लीड का स्तर कितना है. और इस तरफ भारत सरकार का ध्यान भी केंद्रित करने की पूरी कोशिश है. आइए जानते हैं कि लीड का इंसानों पर कैसे प्रभाव पड़ता है. पानी और पाइपलाइन: लीड की विषाक्तता का एक प्रमुख स्रोत जल वितरण प्रणाली है. पुराने और क्षतिग्रस्त पाइपलाइन, जो अभी भी कुछ क्षेत्रों में उपयोग की जा रही है, लीड युक्त होती हैं. इन पाइपों से गुजरने वाला पानी लीड को अवशोषित कर लेता है, जिससे यह मानव शरीर में प्रवेश करता है. पेंट और पिगमेंट्स: कई घरों में अभी भी पुरानी दीवारों पर लीड-आधारित पेंट मौजूद हैं. दीवारों की छीलन और पेंट का टूटना लीड युक्त धूल उत्पन्न करता है, जिसे सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाता है. बच्चे विशेष रूप से इसके संपर्क में आ सकते हैं. क्योंकि, वे अक्सर घर के फर्श पर खेलते हैं और वस्तुओं को मुंह में डालते हैं. खिलौने और बर्तन: बाजार में उपलब्ध कुछ सस्ते खिलौने और धातु के बर्तन भी लीड विषाक्तता के स्रोत बन सकते हैं. ये उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण के अभाव में लीड मिलाकर बनाए जाते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं. उद्योग और फैक्ट्री वेस्ट: बैटरी निर्माण, पेंट उद्योग और रीसाइक्लिंग उद्योग जैसे उद्योगों में लीड का उपयोग होता है. इन उद्योगों के अपशिष्ट से पर्यावरण में लीड का स्तर बढ़ जाता है जिससे हवा, मिट्टी और पानी दूषित हो जाते हैं. जो लोग इन उद्योगों के आसपास रहते हैं, वे लीड के संपर्क में आने का अधिक जोखिम उठाते हैं. वायुमंडलीय प्रदूषण: वाहनों के धुएं में भी लीड की उपस्थिति पाई गई है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अभी भी लीड युक्त पेट्रोल का उपयोग होता है. इसके अलावा, कचरा जलाने से उत्पन्न धुएं में भी लीड हो सकता है. बढ़ते मामलों का प्रभाव: लीड विषाक्तता खासकर बच्चों के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. इसके कारण व्यवहार संबंधी समस्याएं, सीखने में कठिनाई, सुनने में समस्या और विकास में देरी हो सकती है. वयस्कों में यह उच्च रक्तचाप, गुर्दे की क्षति, और प्रजनन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. Tags: Ghaziabad News, Health News, Local18FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 15:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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