सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल को जमानत देते हुए सहभागी लोकतंत्र (Participatory Democracy) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आम चुनाव लोकतंत्र को शक्ति प्रदान करते हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि लोकसभा चुनाव, 5 साल में होने वाली एक अहम लोकतांत्रिक घटना है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से पहले लोकसभा चुनाव के पहलू पर भी विचार करना था.
चुनाव को लेकर क्या दलील थी?
अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम राहत की मांग करते हुए लोकसभा चुनाव का मुद्दा भी उठाया था. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 7 मई को AAP नेता के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए दलील दी थी कि चुनाव में सभी दलों को समान अवसर (Level Playing Field), संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है. सिंघवी ने तर्क दिया था कि, “लोकतंत्र, संविधान की बुनियादी संरचना यानी बेसिक स्ट्रक्चर का हिस्सा है (Basic Structure). स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, संविधान की बुनियादी संरचना की अहम कड़ी है और समान अवसर भी इसका हिस्सा है…”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ‘यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि लोकसभा चुनाव इस साल की सबसे महत्वपूर्ण घटना है. करीब 65-70 करोड़ मतदाता, इस देश की सरकार चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे…’ सुप्रीम कोर्ट ने एक तरीके से सिंघवी की ‘सबके लिए समान अवसर’ वाली दलील से अपनी सहमति जताई. केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भले ही तमाम शर्तें रखी हैं, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने की इजाजत दे दी है.
क्या है इस फैसले का मतलब?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मतलब साफ है कि केजरीवाल अपनी सियासी गतिविधियां जारी रख सकते हैं. लोकसभा चुनाव की बात करें तो 3 चरण का मतदान हो चुका है और 4 चरण की वोटिंग अभी बाकी है. जिसमें केजरीवाल की पार्टी AAP के लिए महत्वपूर्ण पंजाब और दिल्ली भी शामिल है. दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के लिए 25 मई को चुनाव होना है. तो वहीं पंजाब में 1 जून को मतदान है. इन दोनों सूबों में आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में है. अंतरिम जमानत मिलने के बाद केजरीवाल इन दोनों राज्यों में अपने उम्मीदवारों अथवा गठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार कर सकते हैं.
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केजरीवाल के सामने कौन सी शर्तें?
1- सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय जाएंगे और न ही सचिवालय.
2- केजरीवाल किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक किसी आदेश पर लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी हासिल करने के लिए उनका दस्तखत अनिवार्य न हो.
3- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल अपने खिलाफ चल रहे हैं मुकदमे से जुड़ा कोई बयान नहीं देंगे और इसपर सार्वजनिक मंच (मीडिया आदि में) कोई बातचीत नहीं करेंगे.
4- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) केस से जुड़े गवाहों अथवा संबंधित व्यक्तियों से भी कोई बात भी नहीं करेंगे.
Tags: Abhishek Manu Singhvi, Arvind kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Justice DY Chandrachud, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 09:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed