अगर सूरज की रोशनी पृथ्वी पर आनी बंद हो गई तो क्या होगा
अगर सूरज की रोशनी पृथ्वी पर आनी बंद हो गई तो क्या होगा
थोड़ी देर के लिए सूर्य ग्रहण क्या पड़ता है, धरती का तापमान तो गिरता ही गिरता ही है, पेड-पौधे से लेकर सारे जीव-जंतु व्याकुल होने लगते हैं. मनुष्य का दिल घबराने लगता है. क्या आपने सोचा है कि अगर सूर्य पूरी तरह से रोशनी और गरमी पृथ्वी को देना बंद कर दे या ऐसा कुछ हो जाए कि सूर्य गायब हो जाए तो इस धरती का हाल फिर आने वाले दिनों में क्या होता जाएगा.
हाइलाइट्सअगर सूर्य की रोशनी और गर्मी धऱती पर आनी बंद हो गई तो एक हफ्ते में कैसी दुनियाफिर एक साल बाद क्या होगा इसका तापमान, क्या कुछ तब तक जिंदा रहेगातब धरती में आखिर हिस्से में गर्मी रहेगी जो इंसान को बचा सकती है, क्या पेड़-पौधे हो जाएंगे विलुप्त
जब पूर्ण सूर्यग्रहण होता है तो कुछ समय के लिए दिन में भी रात हो जाती है. सूरज की रोशनी पृथ्वी के कुछ हिस्सों में आनी बंद हो जाती है और ऐसा लगता है कि अंधेरा छा गया. हालांकि ये स्थिति कुछ देर के लिए ही होती है, उसके बाद सब ठीक हो जाता है. सूरज फिर नजर आने लगता है, उसकी रोशनी फिर धरती पर पहुंचने लगती है, उससे हमें गर्मी मिलने लगती है. सभी वनस्पतियां फोटो सिंथेसिस के जरिए जिंदा रहती हैं लेकिन अगर सूरज की रोशनी पूरी तरह अगर पृथ्वी पर आना बंद हो जाए तो क्या होगा, कभी आपने सोचा.
अगर आप गर्मागर्म कॉफी को फ्रिज में रखते हैं तो ये तुरंत ठंडा नहीं होता बल्कि समय लेता है अगर सूर्य भी नदारद हो जाए या इसकी रोशनी पृथ्वी तक आनी बंद हो जाए तो पृथ्वी ठंडी तो होगी लेकिन कुछ दिनों में. हालांकि पृथ्वी का कुछ हिस्सा गर्म तो खासकर इसलिए क्योंकि ये अपनी कक्षा में घूमती रहेगी.
यकायक तो ठंडी नहीं होगी पृथ्वी
पॉपुलर साइंस मैगजीन एक लेख के अनुसार, अंतरिक्ष में विचरण होने के कारण ये लाखों साल पूरी तरह ठंडी नहीं होने वाली लेकिन ये जानना दिलचस्प होगा कि बगैर सूरज पृथ्वी का तापमान कितना गिरेगा और कब माइनस में चला जाएगा. फिर क्या हालत होने लगेगी.
अगर सूर्य की रोशनी धरती पर पहुंचनी बंद हो गई तो एक हफ्ते में पृथ्वी का तापमान शून्य पर पहुंच जाएगा. (साइंस मैग)
एक हफ्ते में तापमान हो जाएगा शून्य और फिर ..
लेकिन ये तो मान लीजिए कि पृथ्वी की सतह का हिस्सा जितना ठंडा रहेगा. उतना फ्रीजिंग तापमान समुद्र के अंदर काफी गहरे पानी में तो नहीं रहेगा. वैसे सूुरज की रोशनी और गर्माहट के पृथ्वी तक नहीं पहुंचने के कारण एक हफ्ते में पृथ्वी की सतह का तापमान शून्य डिग्री के नीचे चला जाएगा. हर ओर बर्फ नजर आने लगेगी. इमारतों से लेकर सड़कों तक बर्फ ही बर्फ. हर ओर बर्फीली चादर.
साल भर में कितना होगा तापमान
जिंदगी मुश्किल हो जाएगी. फिर धीरे धीरे तापमान माइनस की ओर बढ़ने लगेगा. सालभर में ये तापमान -100 डिग्री तक चला जाएगा. निश्चित रूप से समुद्र की ऊपरी परतें भी बर्फ में बदल चुकी होंगी लेकिन इसके नीचे और गहरे में जाने पर बर्फ के नीचे पानी बहता रहेगा और यही नीची परत पर बहते पानी का ही नतीजा होगा कि समुद्र कभी पूरी तरह ठोस बर्फ में नहीं बदलेंगे. सैकड़ों हजारों साल में भी नहीं. लाखों साल बाद हमारी पृथ्वी का तापमान -400 डिग्री पर जाकर स्थिर हो जाएगा.
धरती की ऊपरी सतह पर बर्फ की चादरें बिछ चुकी होंगी तो समुद्र की ऊपरी कई परतें बर्फ में जम चुकी होंगी लेकिन इसकी गहराई में नीचे की परतों में पानी जरूर बहता रहेगा. जो नहीं जमेगा. यहां पनडुब्बी में रहा जा सकता है. (photo – canva)
जब पृथ्वी का तापमान -400 डिग्री हो जाएगा तब
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलॉजी के प्लेनेटरी साइंसेज के प्रोफेसर कहते हैं कि जब पृथ्वी का तापमान -400 डिग्री पर स्थिर हो जाएगा तो पृथ्वी के अंदर से निकलने वाली गर्मी अंतरिक्ष में पृथ्वी द्वारा रेडिएट की जाने वाली हीट के बराबर होगी.
तब कौन जिंदा रहेगा और कौन नहीं
हालांकि इस तापमान पर भी पृथ्वी पर रहने वाले कुछ बहुत ही छोटे जंतु जिनको माइक्रोआर्गनिज्म कह सकते हैं, वो जिंदा रहेंगे. धरती की आबादी सूरज के ओझल होने के कुछ दिनों बाद खत्म हो जाएगी. तुरंत फोटो सिंथेसिस की प्रकृति रुक जाएगी, जो नेचर की सभी वनस्पतियों यानि पेड़ पौधों को खत्म कर देगी. ये सभी कुछ हफ्तों में मरने लगेंगे.
बहुत बड़े पेड़ कब तक जिंदा रहेंगे
हो सकता है कि बड़े पेड़ अपने मेटाबॉलिज्म के कारण दशकों तक जिंदा रह लें. इसकी वजह उनका धीमा मेटाबॉलिज्म और पर्याप्त शूगर स्टोरेज होगी. चूंकि खाना खत्म हो चुका होगा लिहाजा सभी जानवर भी जल्दी ही खत्म हो जाएंगे.
कुछ ही समय बाद तब पृथ्वी पर चारों ओर बर्फ की चादर होगी. पेड-पौधे खत्म हो चुके होंगे. मनुष्य भी ज्यादातर खत्म हो चुके होंगे. तापमान तेजी से माइनस में ढुलक रहा होगा. (साइंस मैग)
तब मनुष्य कहां जिंदा रह सकता है
क्या मनुष्य इसके बाद भी जिंदा रह पाएंगे. हां वो पनडुब्बियों के भीतर जिंदा रह पाएंगे, जो समुद्र के गहरे और गर्म इलाके में होंगी, लेकिन एक अच्छा विकल्प नाभिकीय या जियो थर्मल पॉवर बासिंदे होंगे. ऐसे में आइसलैंड एक मुफीद जगह होगी, जहां 87 फीसदी लोग जियोथर्मल एनर्जी से खुद को वहां बनाए रखते हैं और जिंदा रहते हैं. हालांकि रोचेस्टर यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर एरिक ब्लैकमन कहते हैं कि ज्वालामुखी की गर्मी का इस्तेमाल करके भी लोग सैकड़ों साल जिंदा रह सकते हैं.
अगर सूर्य गायब ही हो गया तब
वैसे ये तो समझ लीजिए सूर्य पृथ्वी को केवल रोशनी और गर्मी ही नहीं देता बल्कि पृथ्वी उसकी कक्षा में चारों ओर घूमते हुए खुद को भी एक लय में बनाए रखती है, एक गुरुत्वाकर्षण ताकत से बंधी होती है. अगर सूर्य नहीं रहा तो पृथ्वी गेंद की तरह अंतरिक्ष में उछलते हुए कहां जाएगी. पता नहीं. लेकिन ये भी समझ लीजिए कि ना तो सूर्य की रोशनी और गर्मी रुकनी संभव है और ना ही सूर्य का अपनी जगह से गायब हो जाना इसलिए मस्त रहिए. धऱती पर जीवन को फिलहाल कोई खतरा नहीं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Earth, OMG, Science, Science facts, Solar eclipse, Sun, TemperatureFIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 17:39 IST