कहां शादी में दूल्‍हे को लटकाकर जूतों से पीटते हैं क्‍यों निभाते हैं ये रस्‍म

देश-विदेश में शादी के समय कई ऐसी रस्‍में निभाई जाती हैं, जिनको देखकर लोग सोचने को मजबूर हो जाते हैं. समझ नहीं आता कि आज भी इन रस्‍मों को क्‍यों निभाया जा रहा है? ऐसी ही एक परंपरा है दूल्‍हे को उल्‍टा लटकाकर जूतों से पीटना. क्‍या आप जानते हैं कि ये रस्‍म कहां निभाई जाती है?

कहां शादी में दूल्‍हे को लटकाकर जूतों से पीटते हैं क्‍यों निभाते हैं ये रस्‍म
भारत में होने वाली शादियों में अलग-अलग कई रस्‍में निभाई जाती हैं. ऐसी ही शादी की एक रस्‍म ‘जूते चुराई’ भी होती है. इसमें दुल्‍हन की बहनें दूल्‍हे से शगुन लेने के बाद जूते लौटा देती हैं. देश में कुछ जगहों पर अग्नि के बजाय पानी के 7 फेरे लिए जाते हैं. कुछ जगह दूल्‍हे के बजाय उसकी बहन के दुल्‍हन के साथ 7 फेरे लेने की प्रथा है. कहीं, दूल्‍हा और दुल्‍हन को एक साल तक गुप्‍त जगह पर एकसाथ रहना होता है. इसके बाद बुजुर्ग शादी को वैध करार देते हैं. फिर शादी का जश्‍न मनाया जाता है. आज हम आपको शादी में होने वाली ऐसी रस्‍म के बारे में बता रहे हैं, जिसमें दूल्‍हे की बैंड बज जाती है. दरअसल, एक देश ऐसा भी है जहां शादी के दौरान दूल्‍हे को उलटा लटकाकर जमकर पिटाई की जाती है. सबसे पहले दूल्‍हे के दोस्‍त ही उसके पैरों में एक लकड़ी बांधकर उसे उलटा लटका देते हैं. इसके बाद उसकी डंडे से पिटाई की जाती है. कुछ लोग जूते-चप्‍पलों से भी दूल्‍हे की पीटते हैं. कुछ लोग दूल्‍हे को येलो कॉर्विना मछली से भी पीटते हैं. इस पिटाई में खास बात ये होती है कि डंडे, जूते, चप्‍पल या मछली से सिर्फ दूल्‍हे के तलवों को ही पीटा जाता है. इस दौरान दूल्‍हे के पैरों से जूते निकाल दिए जाते हैं. कुल मिलाकर शादी करने के बाद सबसे पहले दूल्‍हे की खूब पिटाई की जाती है. दूल्‍हे की पिटाई कौन-कौन करता है? दक्षिण कोरिया की शादियों में निभाई जाने वाली इस रस्‍म के दौरान लड़की पक्ष का कोई सदस्‍य शामिल नहीं होता है. ये पिटाई सिर्फ दूल्‍हे के दोस्‍त और रिश्‍तेदार ही करते हैं. साउथ कोरिया में इस विचित्र परंपरा को बिना किसी झिझक या रोकटोक के आज भी निभाया जाता है. दक्षिण कोरियाई लोग शादी में इस रस्‍म को पूरे जोश और उत्‍साह के साथ मनाते हैं. सोचिए अगर यही रस्‍म भारत में मनाई जाने लगे तो झगड़े की नौबत आ जाएगी. साउथ कोरिया के लोगों का मानना है कि अगर दूल्‍हा इस रस्‍म में पास हो जाता है तो उसके वैवाहिक जीवन में दिक्‍कतें बहुत कम आती हैं. इस दौरान उससे लगातार सवाल भी पूछे जाते हैं. ये भी पढ़ें – वेज और नॉनवेज में कौन सा भोजन तेजी से पचता है? किस फूड को पचने में लगती है कितनी देर क्‍या है रस्‍म निभाने के पीछे मकसद? शादी में इस रस्‍म को निभाने की बड़ी वजह बताई जाती है. दक्षिण कोरियाई लोगों का मानना है कि बिना उफ्फ किए मार खाकर दूल्‍हा दुल्‍हन के सामने अपनी मर्दानगी साबित कर देता है. वहीं, उनके आगे जीवन में परेशानियां नहीं आती हैं, क्‍योंकि दूल्‍हा पहले ही मार खाकर जिंदगी भर के लिए मजबूत हो जाता है. येलो कॉर्विना मछली से मार खाने के पीछे भी एक वजह है. लोगों का कहना है कि इस मछली से मार ज्‍यादा जोर से पड़ती है. इस मछली से मार खाने के बाद दूल्‍हा जिंदगी भर के लिए मजबूत हो जाता है. हालांकि, अब ये रस्‍म ताकत की आजमाइश से ज्‍यादा मनोरंजन के लिए निभाई जाती है. ये भी पढ़ें – तरबूज लाल और पीले क्‍यों होते हैं, कैसे बनता है पीला रंग, क्‍या अफ्रीका से दुनिया में पहुंचा ये सुपरफ्रूट कहां दुल्‍हन को रोज रोना पड़ता है? चीन में भी शादी के दौरान कुछ अजीबोगरीब रस्‍में निभाई जाती हैं. चीन में दुल्‍हन को शादी से एक महीना पहले रोजाना एक घंटे रोना पड़ता है. दरअसल, इसे लोग दुल्‍हन के वैवाहिक जीवन के लिए अच्‍छा शकुन मानते हैं. चीन के एक इलाके में दूल्‍हा-दुल्‍हन को शादी से पहले मुर्गे की चीरफाड़ करके उसका लीवर निकालना पड़ता है. इसी रस्‍म को निभाने के बाद उनकी शादी की तारीख तय की जाती है. खाना खाकर तोड़ डालते हैं क्रॉकरी जर्मनी में दूल्‍हा-दुल्‍हन को आशीर्वाद देने के लिए सभी मेहमान दुल्हन के घर पहुंचते हैं. फिर खाना खाने के बाद क्रॉकरी तोड़ देते हैं. इस रस्‍म को दूल्हा-दुल्हन के लिए अच्छी तकदीर लाने के लिए निभाया जाता है. जर्मनी में इस रस्‍म को पोल्टरबेंड भी कहा जाता है. इसके बाद दूल्‍हा-दुल्‍हन को साथ मिलकर टूटे हुए बर्तनों का ढेर साफ भी करना होता है. लोगों का मानना है कि इससे बुरी आत्‍माओं का साया नवविवाहित जोड़े से दूर रहता है. दरअसल, सभी मेहमान बुरी आत्माओं को भगाने के लिए ही जमीन पर क्रॉकरी फेंककर तोड़ते हैं. Tags: Marriage, Online wedding rituals, Royal Traditions, Weird newsFIRST PUBLISHED : May 4, 2024, 16:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed