कौन थीं युधिष्ठिर की पत्नी क्यों साथ नहीं गईं वनवासक्यों कहीं गईं रहस्यमयी
कौन थीं युधिष्ठिर की पत्नी क्यों साथ नहीं गईं वनवासक्यों कहीं गईं रहस्यमयी
Mahabharat Katha: महाभारत में सभी पांडवों भाइयों की द्रौपदी के अलावा अलग पत्नियां भी थीं. युधिष्ठिर की भी एक पत्नी थीं. वह कौन थीं. युधिष्ठिर के जीवन में उनकी क्या भूमिका थी.
हाइलाइट्स धर्माचार्य युधिष्ठिर की पत्नी का नाम देविका था देविका और युधिष्ठिर का एक बेटा भी था जब युधिष्ठिर स्वर्गारोहण पर निकले तो वह साथ थीं
क्या आपको मालूम है कि पांडव भाइयों में प्रमुख युधिष्ठिर की पत्नी कौन थीं. पूरी महाभारत कथा में उनके बारे में बहुत कम मिलता है. हालांकि द्रौपदी को भी उनकी पत्नी कहा जाता है लेकिन वह तो सभी पांचों भाइयों की संयुक्त पत्नी थीं. युधिष्ठिर ने शादी की थी. उनकी द्रौपदी के अलावा एक ही पत्नी थीं. जिससे उन्हें एक बेटा भी था. हालांकि उन्हें महाभारत की सबसे रहस्यमय महिलाओं में माना जाता था.
धर्माचार्य युधिष्ठिर की पत्नी का नाम देविका था. वह एक क्षत्रिय राजकुमारी थी, जिसका विवाह पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर से हुआ था. हालांकि महाभारत में उनकी भूमिका को लेकर काफी बहस की जाती है लेकिन सही बात यही है कि उनकी भूमिका इसमें स्पष्ट नहीं है. वह वनवास में युधिष्ठिर के साथ नहीं गईं थीं. वनवास से पूर्व ही उनका विवाह युधिष्ठिर के साथ हो चुका था. लेकिन उनका विवाह द्रौपदी के बाद हुआ था.
तब युधिष्ठिर ने कहा – वह अविवाहित हैं
जब अर्जुन स्वयंवर नीचे पानी में प्रतिबिंब देखकर ऊपर घूमती हुई मछली की आंख में निशाना लगाते हैं तो द्रौपदी उन्हें वर लेती हैं. तब जब राजा द्रुपद से युधिष्ठर का परिचय कराया जाता है तो वह यही कहते हैं कि वह अभी अविवाहित हैं. युधिष्ठिर की पत्नी देविका (image generated by LEONARDO ai)
कब हुआ युधिष्ठिर का विवाह
देविका और युधिष्ठिर के बीच विवाह तो हुआ लेकिन ये कब हुआ, ये साफ नहीं है. कुछ स्रोतों का दावा है कि वह उनके युवराज के रूप में राज्याभिषेक के बाद उनकी पत्नी बनीं. जबकि कुछ सुझाव ये हैं कि उनका युधिष्ठिर से विवाह कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद हुआ. महाकाव्य की प्रमुख घटनाओं में उनकी उपस्थिति का उल्लेख नहीं है.
वनवास में क्यों नहीं गईं साथ
वैसे आमतौर पर कहा जाता है कि जब पांडवों को 14 साल का वनवास हुआ तो युधिष्ठिर का विवाह हो चुका था. देविका को युधिष्ठिर ने मां कुंती के पास ही छोड़ दिया था. वह वनवास के दौरान उनके साथ ही रहीं.
क्या था दोनों के पुत्र का नाम
देविका का युधिष्ठिर से यौधेय नाम का एक पुत्र था. जिसने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लिया और मारा गया. क्योंकि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों के कोई पुत्र जीवित नहीं बचा था. बस उत्तरा के गर्भ में परीक्षित पल रहे थे. जिन्हें बाद में युधिष्ठिर ने 36 बरसों तक राजपाट करने के बाद शासन सौंप दिया था. फिर वह हिमालय की ओर अपने भाइयों और पत्नियों के साथ अंतिम यात्रा पर निकल गए थे. हालांकि विष्णु पुराण में युधिष्ठिर के पुत्र का नाम देवक और माता का नाम यौधेयी बताया गया है. धर्माराज युधिष्ठिर के साथ देविका (Image generated by Leonardo AI)
किस वंश से ताल्लुक रखती थीं
देविका का उल्लेख महाभारत में मिलता है. वह महान राजा, गोवासेन, सिवी साम्राज्य के शासक की बेटी थी. युधिष्ठिर की पत्नी थी. देविका एक बहुत ही पवित्र महिला थीं. महाकाव्य महाभारत में महिलाओं के बीच उनका उल्लेख ” रत्न ” के रूप में किया गया. लेकिन चूंकि उनका बहुत उल्लेख महाभारत में नहीं हुआ लिहाजा उन्हें रहस्यमयी मान लिया गया.
कैसे थे देविका और द्रौपदी के रिश्ते
वह हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर के साथ रहती थीं.युधिष्ठिर ने उसके साथ बहुत दयालुता से व्यवहार किया. द्रौपदी के समान उस पर बहुत प्यार और स्नेह बरसाया. देविका को भगवान यम धर्म महाराज की पत्नी माता उर्मिला का अवतार माना जाता है. वह माता कुंती और द्रौपदी के साथ अच्छी तरह रहती थीं. सभी के साथ स्नेह से पेश आती थी. अर्जुन, भीम, नहुला और सहदेव ने उन्हें अपनी मां की तरह माना. उनका बहुत सम्मान किया.
देविका भगवान कृष्ण की एक सच्ची भक्त थीं. जब भी कोई समस्या आती थी तो वह भगवान कृष्ण से प्रार्थना करती थीं. कलियुग की शुरुआत में उत्तर भारत के लोग माता देविका और द्रौपदी को अपने इष्ट देवता के रूप में पूजते थे. समय के साथ लोग देविका के महान चरित्र को भूलने लगे.
ग्रंथों में देविका और द्रौपदी के बीच अच्छे संबंध बताए गए हैं. दोनों महिलाएँ एक-दूसरे का सम्मान करती थीं. हालांकि ये बात सही है कि द्रौपदी की शर्त थी कि जब भी वह पांडवों में किसी के साथ रहेगा, तब उनकी पत्नियों में उनके मिलाप में कतई आड़े नहीं आएंगी. वो समय पूरी तरह उनका अपना होगा.
स्वर्गारोहण में युधिष्ठिर के साथ गईं
कहा जाता है कि 36 सालों के शासनकाल के बाद जब युधिष्ठिर अपने भाइयों के साथ स्वर्गारोहण के लिए हिमालय के मेरू पर्वत की ओर जाते हैं तो सभी भाइयों की सभी पत्नियां भी साथ होती हैं हालांकि यहां देविका कोई जिक्र नहीं आता. इसलिए दोनों तरह की बातें कही जाती हैं कि वह इस स्वर्गारोहण में शुरू में गिरकर मृत्युलोक चली गईं. ये भी कहा जाता है वह इस यात्रा में नहीं थीं बल्कि उनकी मृत्यु बाद में हुई
Tags: MahabharatFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed