पाक के लिए खौफ का डबल डोज जानिए आखिर यह है क्या

Explainer Carrier battel group: भारतीय नौसेना 2 कैरियर बैटल ग्रुप ऑपरेट करता है, INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य. पाकिस्तान के पास 70 साल बाद भी जंगी जहाजों की संख्या 50 के पार नहीं पहुंचा सका. ऑल वेदर फ्रेंड चीन उसकी मदद कर रहा है. अरब सागर जो कि दुनिया की लाइफ लाइन कहा जाता है. यहां पर भारतीय नौसेना चीन पाकिस्तान के गठजोड़ को तोड़ने की पूरी तैयारी कर चुका है.

पाक के लिए खौफ का डबल डोज जानिए आखिर यह है क्या
Explainer Carrier battel group: अरब सागर में पाकिस्तान पहले सिर्फ कुछ नॉटिकल मील दूर तक ही ऑपरेट करता था. जब से चीन ने उसकी नौसेना को आकार देना शुरू किया वह अब अपनी हद से बाहर आने लगा है. चीन पहले ही एंटी पायरेसी और हाईड्रोग्राफी के नाम पर हिंद महासागर के रास्ते अरब सागर तक पहुंचने लाग है. दोनो देशों को समय समय पर भारतीय नौसेना को भी अपनी ताकत का एहसास दिखाना ही पड़ता है. भारतीय नौसेना ने एक ऐसा डेपलायमेंट किया है उससे चीन पाकिस्तान के होश फाख्ता हो गए. भारतीय नौसेना ने अपने दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर को अरब सागर में तैनात कर दिया है. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत ने वेस्टर्न फ्लीट “सोर्ड आर्म” के कैरियर बैटल ग्रुप INS विक्रमादित्य को ज्वाईन किया है. कई मल्टी डोमेन अभ्यास और ट्विन कैरियर फाइटर ऑपरेशन को अंजाम दो चुका है. क्या होता है कैरियर बैटल ग्रुप? एयरक्राफ्ट कैरियर समुद्र पर तैरता एक एयरफील्ड है. एयरक्राफ्ट कैरियर की वजह से समंदर में एयर अटैक करने की क्षमता दोगुनी हो जाती है. एयर ऑपरेशन को अंजाम देना हो तो जमीनी एयर बेस से एयरक्रफ्ट को लॉंच किया जाता है. समंदर में दुशमन के जहाजों को निशाना बनाने के लिए समुद्र में दुशमन के इलाक़े के करीब एयरक्राफ्ट कैरियर को पोजिशन कर के एयर ऑप्रेशन लॉंच किया जा सकता है. एयरक्राफ्ट कैरियर कभी अकेले मूव नहीं करता इसके साथ इस कैरियर तक पहुंचने वाले किसी भी खतरे को दूर करने लिए दर्जनों जंगी जहाज़ और सबमरीन मौजूद रहते है. एयरक्राफ्ट कैरियर पर दुश्मन देश की नजर सबसे पहले होती है क्योंकि ये अगर इसे निशाना बनाया तो नौसेना की कमर टूट जाती है. लेहाजा इसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है. अगर हम भारतीय कैरियर बैटल ग्रुप की बात करें तो एक ग्रुप में डेस्ट्रॉयर, फ्रीगेट, सबमरीन और सपोर्ट शिप की संख्या 8 से 12 होती है. ऑप्रेशन के लेहाज से इनकी संख्या को कम ज्यादा किया जाता है. मिसाइल बोट या कॉर्वेट, ऑयल टैंकर शिप भी लगातार इस बैटल ग्रुप के साथ मूव करते है. 250 नॉटिकल मील तक का इलाका हो जाता है अभेद्य हर जंगी जहाज, फाइटर एयरक्राफ्ट, हैलिकॉप्टर एक दूसरे से कनेक्ट होते है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर की तरफ आने वाले हर टार्गेट या खतरे को एंगेज करते है. यह सभी एयरक्राफ्ट कैरियर के 30 से 40 नॉटिकल मील के रेडियस पर अलग अलग तरह से पोजिशन होते है.अगर भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप के इफेक्टिव रेंज की बात करें तो सामान्य तौर पर 200 से 250 नॉटिकल मील तक के इलाके को यह बैटल ग्रुप सुरक्षित रखने में सक्षम है. जंग के दौरान यह और बढ़ जाती है. कैरियर बैटल ग्रुप से एंटी सबमरीन वॉरफेयर ऑप्रेशन, एंटी शिप ऑप्रेशन, एयर डिफेंस, सर्वेलांस और सर्च एंड रेसक्यू ऑप्रेशन चलाए जा सकते है. कैरियर बैटल ग्रुप और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में फर्क भारतीय नौसेना के पास फिलहाल दो एयरक्राफ्ट कैरियर है. तीसरे कैरियर को लेकर अभी चर्चा जारी है. दुनिया में एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप को दो नाम से जाना जाता है. एक है कैरियर बैटल ग्रुप  (CBG). दूसरा है कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG). अमेरिका, फ्रांस, चीन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को ऑपरेट करते है. यह इस तरह से डिजाइन किया गाया होता है कि समंदर से जमीन पर हमला किया जा सके. यहा आकार में भी बड़े होते है . कैरियर बैटल ग्रुप जो भारतीय नौसेना ऑपरेट करते है. इसका डिजाइन इस तरह से किया गया है कि वह संमंदर में उनकी फ्लीट को होने वाले दुशमन के जहाजों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है. चीन के पास फिलहाल 3 एयरक्राफ्ट कैरियर है और पाकिस्तान के पास एक भी नहीं. Tags: Aircraft operation, Indian navyFIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 11:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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