सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद क्या करते हैं चीफ जस्टिस काम या आराम
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद क्या करते हैं चीफ जस्टिस काम या आराम
देश के 50वें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे. इसके बाद वो क्या करेंगे. इसका उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया. आमतौर पर रिटायर होने के बाद देश के पूर्व सीजेआई किसी ना किसी भूमिका में काम करते रहे हैं
हाइलाइट्स ज्यादातर पूर्व सीजेआई चेयरमैन के कमीशन के चेयरमैन बनते रहे हैं कई मुख्य न्यायाधीश ने रिटायर होने के बाद यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर का रोल लिया पूर्व जस्टिस बोवडे वाइस चांसलर हैं तो गोगोई राज्यसभा सदस्य
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे. उन्होंने 09 नवंबर 2022 को इस पद का कार्यभार ग्रहण किया था. रिटायर होने के बाद उन्होंने कुछ दिन रिलैक्स यानि आराम करने की इच्छा जताई है. आजादी के बाद वह सुप्रीम कोर्ट के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं. क्या आपको मालूम है कि रिटायर होने के बाद देश में मुख्य न्यायाधीश रही हस्तियां क्या करती हैं.
रिटायर होने के बाद सभी पूर्व मुख्य न्यायाधीश अपने तरीके से अलग क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं. कुछ राजनीति में गए तो कुछ विश्वविद्यालयों के चांसलर बने. एक चीफ जस्टिस ने तो राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए पद से ही इस्तीफा दे दिया. कुछ ऐसे भी रहे कि रिटायर होने के बाद फिर आगे की लाइफ में पूरी तरह रिलैक्स किया यानि किसी भूमिका से बंधना उचित नहीं समझा.
वैसे ज्यादातर चीफ जस्टिस ने रिटायर होने के बाद गैर विवादित भूमिकाएं चुनीं. इससे पहले यूयू ललित 08 नवंबर 2022 को रिटायर होने वाले आखिरी मुख्य न्यायाधीश थे. भारत के सभी मुख्य न्यायाधीश अपने जन्मदिन के दिन 65 साल का होने पर रिटायर होते हैं. देश के बहुत से मुख्य न्यायाधीश रिटायरमेंट के बाद किसी कमीशन के चेयरमैन जरूर बने. देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं.
दूसरे मुख्य न्यायाधीश स्टेट काउंसिल मेंबर बन गए
देश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश बने पतंजलि शास्त्री चेन्नई से ताल्लुक रखते थे. करीब तीन साल तक पद पर रहे. रिटायर होने पर उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रो वाइस चांसलर बना दिया गया. वो कई बोर्ड में भी रहे. फिर उनकी दिलचस्पी राजनीति में हुई. वह तब मद्रास संविधान सभा के सदस्य बन गए, इसे आज की भाषा में आप विधायक भी कह सकते हैं. वो इस भूमिका में 1958 से 1962 तक रहे. पतंजलि शास्त्री 1951 से 1954 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे. रिटायरमेंट के बाद वह मद्रास संविधान सभा के सदस्य भी बन गए. (फाइल फोटो)
फिर उनका जीवन आध्यत्मिकता के नाम रहा
1959 में बिहार के बीपी सिन्हा चीफ जस्टिस बने. वह पद पर 1964 तक रहे यानि वो करीब चार साल इस पद पर रहे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने जीवन आध्यात्मिकता और धार्मिकता के नाम कर दिया. मन पूजा पाठ में लगाने लगे. बाद में उनकी आंखों की रोशनी जाती रही. 1986 में पटना में उनका निधन हो गया.
कई सीजेआई वाइस चांसलर बने
रिटायर के बाद कई पूर्व मुख्य न्यायाधीश देश के विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर बने हैं. इसमें सबसे पहले थे पीबी गजेंद्रगडकर. उन्होंने कई किताबें लिखीं और 1966 में रिटायर होकर मुंबई यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर बने.
इसी तरह वर्ष 1993 से लेकर 1994 तक मुख्य न्यायाधीश रहे एमएन वेंकटचलैया भी रिटायर होने के बाद सत्य साईं इस्टीट्यूट ऑफ हाई लर्निंग के चांसलर बने.
वर्ष 1994 से लेकर 1997 तक इस शीर्ष पद पर रहे एएम अहमदी रिटायरमेंट के बाद दो बार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चांसलर बने. वो लगातार दुनियाभर में कई जगहों पर लेक्चर देने जाते रहे. विश्वेश्वर नाथ खरे जब 2004 में रिटायर हुए तो झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सटी के चांसलर बन गए. 1968 से लेकर 70 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हिदातुल्लाह देश के उप राष्ट्रपति बने. उन्होंने कई महीने तक राष्ट्रपति का पदभार भी संभाला था. (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति का चुनाव लड़े और हार गए
के सुब्बाराव वर्ष मार्च 1966 मेें देश के मुख्य न्यायाधीश बने. लेकिन करीब दस महीने बाद विपक्षी दलों ने जब उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि वो जाकिर हुसैन के खिलाफ ये चुनाव हार गए.
हिदायतुल्लाह उप राष्ट्रपति बने
1968 से लेकर 70 तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हिदातुल्लाह पद से रिटायर होने के बाद देश के छठे उप राष्ट्रपति बने. वो एक्टिंग राष्ट्रपति भी रहे.
जस्टिस सतशिवम राज्यपाल बने
वर्ष 2013 से 2014 तक मुख्य न्यायाधीस रहे जस्टिस सतशिवम ने सेवानिवृति पर केरल में राज्यपाल का पद स्वीकार किया तो उनकी आलोचना हुई.
तीन सीजेआई राज्यसभा में गए
रंजन गोगोई रिटायर होने के बाद राज्यसभा में मनोनीत किए गए. हालांकि ये पहला अवसर नहीं था जबकि सुप्रीम कोर्ट के जज राज्य सभा में पहुंचे. इससे पहले कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतकर रंगनाथ मिश्रा 1998 से लेकर 2004 तक राज्य सभा सदस्य रहे.
रंगनाथ का परिवार ओडिसा में कांग्रेस की राजनीति से गहरे तक जुड़ा था. उनके पिता ओडिसा में कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे थे. बाद में देश के मुख्य न्यायाधीश बने दीपक मिश्रा उनके भतीजे हैं.इससे पहले कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के एक और जज बहारुल इस्लाम को राज्य सभा में भेजा था.
अलग अलग कमीशन के चेयरमैन बने
देश के ज्यादातर रिटायर्ड चीफ जस्टिस ने पद से हटने के बाद किसी ना किसी तौर पर अलग अलग कमीशन के चेयरमैन का रोल स्वीकार किया. इसमें जस्टिस जेसी वर्मा से लेकर जस्टिस कमल नारायण सिंह और जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा शामिल हैं.
जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा को रिटायर होने के बाद आईपीएल फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई के ढांचे में आमूलचूल बदलाव के लिए संस्तुति करने वाले आयोग का चेयरमैन बनाया गया था.
मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित विभिन्न कानूनी और शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं तोसमकालीन कानूनी मुद्दों और सुधारों से जुड़ी संस्थाओं के साथ काम करते रहे हैं.
जस्टिस बोबडे विवि के कुलपति बन गए
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे में अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए. उसके बाद से वो महाराष्ट्र में दो राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में कार्यरत हैं.
चंद्रचूड़ के पिता ने क्या किया, जो सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाई.वी. चंद्रचूड़ भी 1978 से 1985 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. वह देश में सबसे लंबे समय तक इस पोजिशन पर काम करने वाले चीफ जस्टिस थे. 7 साल और 139 दिन.
अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने कई शैक्षणिक संस्थानों के बोर्ड में काम किया. कानूनी पाठ्यक्रम के विकास में योगदान दिया. उन्होंने कानूनी मामलों में सलाहकार भूमिकाएं निभाईं.
Tags: Chief Justice, Chief Justice of India, DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 08:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed