पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने किया कॉलेजियम सिस्टम का बचाव जजों की नियुक्ति की बताई पूरी प्रक्रिया
पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने किया कॉलेजियम सिस्टम का बचाव जजों की नियुक्ति की बताई पूरी प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने देश के न्यायधीशों की नियुक्ति करने वाली मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम का बचाव किया है. हाल ही में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश की न्यायपालिका के कॉलेजियम को लेकर सवाल खड़े किये थे.
हाइलाइट्सपूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम का बचाव किया.रिटायर्ड जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया बिल्कुल संतुलित है.पिछले महीने केंद्रीय कानून मंत्री ने कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाया था.
नई दिल्ली. भारत के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कॉलेजियम मुद्दे पर यूयू ललित ने देश के न्यायधीशों की नियुक्ति को लेकर बचाव किया है. पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने इस प्रक्रिया को सही ठहराया. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि ‘जब उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की बात आती है, तो उच्च न्यायालय में कॉलेजियम 1+2 की सिफारिश करता है. जिसके बाद यह सिफारिश राज्य सरकार के पास जाती है. सरकार से इनपुट भी रिकॉर्ड में लाया जाता है. फिर मामला केंद्र सरकार तक पहुंचता है.’
रिटायर्ड जस्टिस ललित ने कहा, ‘इसके बाद केंद्र द्वारा संबंधित व्यक्ति के प्रोफाइल के बारे में खुफिया ब्यूरो से राय मांगी जाती है. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचता है, जहां हम सलाहकार न्यायधीशों की राय लेते हैं. इसके बाद कॉलेजियम सिफारिश करना शुरू करता है, जो हाईकोर्ट की सिफारिशों के अलावा किसी दूसरे नामों की सिफारिश नहीं कर सकता.’
पूर्व सीजेआई ने बताया कि इस तरह की कार्यप्रणाली के माध्यम से पिछले कॉलेजियम में हम 250 ऐसी नियुक्तियों की सिफारिश कर सकते थे. जो अंततः की गईं, जिसके बाद यह साफ है कि यह प्रक्रिया अच्छी तरह से स्थापित और स्वीकृत है.
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश की न्यायपालिका के कॉलेजियम को लेकर सवाल खड़े किये थे. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि हाईकोर्ट और निचली अदालत की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है. न्याय प्रणाली को फिर से जीवंत करने का वक्त आ गया है. न्यायिक नियुक्तियों में तेजी लाने के लिए वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली पर विचार करने की जरूरत है. किसी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है तो उसका सर्वोत्तम प्रयोग करने पर ध्यान देना चाहिए.
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Tags: Collegium, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 13, 2022, 20:44 IST