फिरोजाबाद. भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा गगनयान मिशन की तैयारी की जा रही है. इसके लिए फिरोजाबाद हजरतपुर में आयुक्त उपस्कर निर्माणी द्वारा हाई टेक्नोलॉजी वाले पैराशूट तैयार किये जा रहे हैं. ये गगनयान मिशन को पूरा करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर सॉफ्ट लैंडिंग कराएंगे. यह पैराशूट एकदम सुरक्षित हैं. इनसे पृथ्वी पर लैंडिंग करने में न केवल मदद मिलेगी बल्कि कोई जनहानि भी नहीं होगी. वहीं फिरोजाबाद में इन पैराशूट को तैयार कर जल्द ही इसरो को सौंप दिया जाएगा.
नायलॉन टेक्नोलॉजी से हो रहे तैयार
फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के महाप्रबंधक अमित सिंह ने लोकल 18 से बातचीत की और बताया कि इसरो द्वारा शुरू किया जा रहे गगनयान मिशन के लिए हाई टेक्नोलॉजी के साथ पैराशूट बनाए जा रहे हैं . अभी तक भारत में इस तरह के पैराशूट का किसी भी मिशन में इस्तेमाल नहीं किया गया है. गगनयान के जरिए अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे और उनकी रीएंट्री के लिए इन पैराशूट को तैयार किया जा रहा है.
3 एजेंसियां चेक करेंगी क्वालिटी
पृथ्वी के एटमॉस्फेयर में आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग फिरोजाबाद में बनने वाले इन पैराशूट के जरिए ही की जाएगी. अभी तक तैयार होने वाले सभी पैराशूटस में सबसे उच्च कोटि के यह पैराशूटस तैयार किए जा रहे हैं. पैराशूट के बनने के बाद उनकी क्वालिटी को तीन एजेंसियां चेक करेगी.जिनमें सबसे पहले हमारी इंटर्नल चेक करेगी उसके बाद डीआरडीओ की शाखा एआरडीओ आगरा द्वारा चेक किया जाएगा और फिर लास्ट में इसरो टीम द्वारा इन पैराशूटस को चेक किया जाएगा.
नायलॉन के 66 फेब्रिक का इस्तेमाल
यहां 14 पैराशूट सेट बनाए जा रहे हैं हर सेट में 8 पैराशूट होते हैं और यह सभी फिरोजाबाद में ही बनाए जा रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि यह सभी पैराशूट अगले 3 महीने में बनाकर इसरो को दे दिए जाएंगे. इन पैराशूटस को स्पेस रीएंट्री पैराशूट के नाम से जाना जाता है.यह इंडिया में पहली बार बन रहे हैं. निदेशक ने बताया कि अंतरिक्ष से जो कैप्सूल नीचे आता है वह हाई स्पीड से आता है जिसके घर्षण के कारण उसमें हीट जनरेट होती है. इसके लिए इन पैराशूटस में हीट रेजिस्टेंट नायलॉन के 66 फेब्रिक का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा इन पैराशूटस में स्पेशल टेप्स भी प्रयोग किए गए हैं. जिनके कारण हम अंतरिक्ष यात्रियों को पूरी तरह सुरक्षित धरती पर उतार पाएंगे.
इन देशों के पास है इस तरह की टेक्नोलॉजी
आयुक्त उपस्कर निर्माणी के निदेशक अमित सिंह ने कहा कि इस तरह के हाई टेक्नोलॉजी वाले पैराशूट पहली बार भारत में बनाए जा रहे हैं. अभी तक यह टेक्नोलॉजी केवल नासा,अमेरिका, रूस और चीन के पास थी लेकिन अब भारत भी उनकी बराबरी कर सकेगा. वहीं उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद में इस तरह के पैराशूट बनाए जा रहे हैं जो भारत में कहीं पर भी नहीं बन रहे हैं. फिरोजाबाद से लगभग 100 पैराशूट तैयार कर इसरो को सौंपे जाएंगे.
Tags: Gaganyaan mission, Local18FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 15:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed