लोकसभा चुनाव 2024: तो क्या सोरोस ने पीएम मोदी को हराने की साजिश रची थी
लोकसभा चुनाव को क्या विदेशी ताकतों ने प्रभावित करने की कोशिश की? यह एक ऐसा सवाल है जिसको लेकर आसानी से कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन एक्स पर वायरल हो रहे एक पोस्ट थ्रेड से कई सवाल खड़े हो गए हैं. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि इजरायल से लेकर चीन तक से मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए लाखों डॉलर की फंडिंग हुई.
वोटर्स के दिमाग को बदलने की कोशिश
इसमें कहा गया है कि कुछ मीडिया आउटलेट्स को फंडिंग उपलब्ध करवाया गया. वोटर्स के दिमाग को बदलने की पूरी कोशिश की गई और इसके खतरनाक किस्म के नैरेटिव गढे गए. इन सबके पीछे जो इंसान है उसका नाम है क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट (सीजे). इसके साथ ही भारत को बांटने वाला कास्ट सेंशस का नैरेटिव भी फ्रांस से आया.
क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट को भारत के बारे में काफी कुछ लिखने-पढ़ने वाले इंसान के रूप में जाना जाता है. यहां तक कि इस चुनाव में फ्रांस का मीडिया कुछ ज्यादा ही इंट्रेस्ट ले रहा था. ये सभी मीडिया क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट को बतौर एक एक्सपर्ट कोट किया करते थे.
अशोका यूनिवर्सिटी से आया कास्ट सेंशन का नैरेटिव
इसमें आगे कहा गया है कि क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट के सहयोगी गिल्स वर्नियर्स ने अशोका यूनिवर्सिटी के त्रिवेदी सेंटर ऑफ पॉलिटिकल डाटा के जरिए यह नैरेटिव बनाने की कोशिश की कि राजनीति में कथित निचली जातियों के लोगों का प्रतिनिधित्व काफी कम है. इसमें कहा गया है कि क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट ने सितंबर 2021 में ‘कास्ट सेंशस की जरूरत’ शीर्षक से पेपर लिखा था. इसके बाद ही भारत की राजनीति में जाति जनगणना पर चर्चा शुरू हुई.
DisInfo Lab के पोस्ट में आगे कहा गया है कि कास्ट के मुद्दे पर अभी चर्चा चल रही थी कि क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट को अमेरिका की एक संस्था हेनरी लुईस फाउंडेशन से भारी फंडिंग मिली. इस फाउंडेशन की स्थापना टाइम मैग्जीन के फाउंडर हेनरी लुईस ने ही किया था. हालांकि, दिसंबर 2023 में भी भारत की मोदी सरकार के खिलाफ सोरोस के द्वारा साजिश रचने का आरोप लगाया था.
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