Sudhanva Kund: लखनऊ के सुधन्वा कुंड में स्नान करने से मिलती है पाप से मुक्ति! जानें इतिहास
Sudhanva Kund: लखनऊ के सुधन्वा कुंड में स्नान करने से मिलती है पाप से मुक्ति! जानें इतिहास
Sudhanva Kund Lucknow: सुधन्वा कुंड यूपी की राजधानी लखनऊ एक तीर्थ स्थल है. जबकि इस कुंड का जिक्र महाभारत के विश्राम सागर में मिलता है. आइए जानें खासियत...
रिपोर्ट : अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ. सुधन्वा कुंड एक ऐसा तीर्थ स्थल जो बख्शी का तालाब स्थित सिद्ध पीठ चंद्रिका देवी के बिल्कुल पास में बना हुआ है. इस कुंड का जिक्र महाभारत के विश्राम सागर में मिलता है. खास बात यह है कि इस कुंड में स्नान करने के लिए हर साल नवरात्रि और अमावस्या के दिन लाखों की तादाद में भक्त आते हैं. मान्यता यह भी है कि जो भी इस कुंड में स्नान करता है, उसके पाप धुल जाते हैं और वह व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता. वहीं, दावा किया जाता है कि इस कुंड में कभी भी पानी सूख नहीं सकता. जबकि इन दिनों लखनऊ में अधिक बारिश के कारण इस कुंड में पानी और भी अधिक बढ़ चुका है.
चंद्रिका देवी मंदिर के पुजारी राम आसरे वाजपेई ने बताया कि यह एक तीर्थ स्थल है जिसको लोग सुधन्वा कुंड के नाम से जानते हैं. इस कुंड का जिक्र महाभारत के विश्राम सागर में मिलता है. महाभारत काल में पांडव वनवास के दौरान द्रौपदी के साथ इस पवित्र स्थान पर आए थे. महाराजा युधिष्ठिर ने यहां अश्वमेध यज्ञ कराया था. वहीं, उनका घोड़ा चन्द्रिका देवी धाम के निकट राज्य के तत्कालीन राजा हंसध्वज द्वारा रोके जाने पर युधिष्ठिर की सेना से उन्हें युद्ध करना पड़ा था. जबकि राजा ने यह घोषणा कर दी थी कि जो भी इस युद्ध में सबसे पीछे आएगा उसको खौलते हुए कड़ाहे में डाल दिया जाएगा.
राजा के बेटे को हुई देरी तो मिली सजा
पुजारी राम आसरे वाजपेई के मुताबिक, इस युद्ध में राजा हंसध्वज का पुत्र सुरथ समय से पहुंच गया था और दूसरा पुत्र सुधन्वा युद्ध के दौरान चन्द्रिका देवी धाम में नव दुर्गाओं की पूजा आराधना में लीन था. इस वजह से रण क्षेत्र में उसे पहुंचने में देरी हुई. इसके बाद महीसागर क्षेत्र में उसे खौलते तेल के कड़ाहे में डालकर उसकी परीक्षा ली गई थी, लेकिन मां चन्द्रिका देवी की कृपा के चलते उसके शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, तभी से इस तीर्थ को सुधन्वा कुंड भी कहा जाने लगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लोगों ने राजा के ऊपर शक करना शुरू कर दिया था क्योंकि खौलते हुए कड़ाहे से उनका पुत्र सही सलामत बाहर आ गया था, लेकिन ऐसा तो मां की कृपा शुरू हुआ था. वहीं, जब लोग विश्वास नहीं कर रहे थे तब राजा ने इसके अंदर नारियल डाला तो वो फट गया था. इसके बाद यहां पर पानी निकल आया. इसके बाद लोगों को यकीन हो गया था कि यह सब कुछ मां चंद्रिका देवी की कृपा से ही संभव हुआ है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Lucknow news, Mahabharata, UP newsFIRST PUBLISHED : September 28, 2022, 16:10 IST