दुश्मन के लिए कश्मीर के DGP बोले- ऐसे लोगों ने चुनाव में लिया हिस्सा

Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि रंजन स्वैन ने कहा है कि पहले ‘दुश्मन’ के लिए काम करने और हिसाब-किताब रखने वाले लोगों ने इस बार चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन एवं पुलिस ने बाहरी खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित की.

दुश्मन के लिए कश्मीर के DGP बोले- ऐसे लोगों ने चुनाव में लिया हिस्सा
श्रीनगर. जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि रंजन स्वैन ने कहा है कि पहले ‘दुश्मन’ के लिए काम करने और हिसाब-किताब रखने वाले लोगों ने इस बार चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन एवं पुलिस ने बाहरी खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित की. स्वैन ने लोगों के भयमुक्त होने को रेखांकित करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा इस साल के लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में उल्लेखनीय मतदान प्रतिशत रहा. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से जम्मू कश्मीर में हुए पहले बड़े चुनावी मुकाबले में कश्मीर घाटी की तीन लोकसभा सीटों- श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी में पिछले तीन दशकों में अब तक का सबसे ज्यादा मतदान हुआ. डीजीपी स्वैन ने बाहरी तत्वों, विशेषकर ‘पाकिस्तान के छद्म तत्वों’ से संभावित खतरों की निगरानी करने में सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की. इन तत्वों का उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करना है. मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए स्वैन ने कहा कि ‘मैं, जम्मू-कश्मीर पुलिस में मेरे सहकर्मी और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन इसे एक ऐसे माहौल के रूप में देख रहा है, जहां आपने लोगों को भय से मुक्त कर दिया है.’ उन्होंने मध्य रात्रि में किये गए चुनाव प्रचार के अलावा, रोड शो और घर-घर जाकर किये गए प्रचार का भी उल्लेख किया जो ‘पाकिस्तानी बंदूक के खतरे के बिना’ किये गए. डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा बल उनके (पाकिस्तानी) प्रतिनिधियों और एजेंटों पर नजर रख रहे हैं, जो कभी लोकतंत्र और चुनावी राजनीति को उसके मूल स्वरूप में वापस लाने के बारे में सोचने वालों पर नजर रखते थे. स्वैन ने चुनावी राजनीति में शामिल लोगों को अतीत में निशाना बनाने में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की भूमिका को भी स्वीकार किया. हालांकि, उन्होंने संगठन के भीतर संभावित बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके कुछ सदस्यों ने हालिया चुनावों में सार्वजनिक रूप से भाग लिया, जो उनके दृष्टिकोण में संभावित बदलाव का संकेत देता है. 21 दिन मेरे लिए… जेल जाने से पहले केजरीवाल बोले, पहले देश फिर AAP उन्होंने कहा कि ‘डराने-धमकाने का तरीका दो तरह से काम करता है. यह सिर्फ बंदूक दिखाकर धमकाना नहीं है, बल्कि जैसा कि मैंने कहा है यह भी एक छिपा हुआ खतरा है कि कोई नजर रख रहा है, कोई हिसाब-किताब रख रहा है, कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि चुनावी राजनीति से दूर-दूर तक जुड़ी किसी भी चीज में असल में भाग लेने की प्रवृत्ति कौन से लोग दिखा रहे हैं.’ Tags: 2024 Loksabha Election, DGP Office, Jammu and kashmir, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 16:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed