Explainer: नेहरू के खतों पर बवाल सोनिया के पास कब से हैं क्या लौटाएंगे राहुल
Explainer: नेहरू के खतों पर बवाल सोनिया के पास कब से हैं क्या लौटाएंगे राहुल
Nehru Letters Controversy: पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के य कौन से खत थे और ये किसे लिखे गए थे जिन्हें वापस मांगा जा रहा है और कौन मांग रहा है? देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ढेरों खत जो कभी नेहरू मेमोरियल में सुरक्षित तौर पर रखे थे....
Nehru Letters Controversy: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ढेरों खत जो कभी नेहरू मेमोरियल में सुरक्षित तौर पर रखे थे, अब वहां नहीं हैं. न ये चोरी हुए हैं और न ही रखे रखे नष्ट हुो गए हैं. इन्हें साल 2008 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने मंगवा लिया था. इन्हें मंगवाने के डेढ़ दशक बाद भी लौटाया नहीं गया. पहले भी सितंबर में लेटर लिखकर मांगा गया था और अब एक बार फिर इन्हें देश की धरोहलरलर बताते हुए वापस मांगा जा रहा है. राहुल को लिखे लेटर में कहा गया है कि वे ऑरिजिनल नहीं दे सकते तो डिजिटल या फोटोकॉपी ही भिजवा दें. पूर्व पीएम नेहरू के ये कौन से खत थे और ये किसे लिखे गए थे? अब इन्हें वापस क्यों मांगा जा रहा है और कौन मांग रहा है? आइए समझें…
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि सोनिया गांधी ने इन खतों को गायब कर दिया है. दरअसल जवाहर लाल नेहरू के ये पत्र केवल एडविना माउंटबेटन से जुड़े ही नहीं हैं बल्कि अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम के बीच के संवाद भी इसमें हैं. इनमें लेडी माउंटबेटन (एडविना माउंटबेटन) को लिखे हुए खत भी हैं.
ये वे दस्तावेज हैं जो मेमोरियल को दान किए गए थे. इनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन जैसी हस्तियों के साथ हुए पत्राचार हैं. पहले ये सारी चिट्ठियां नेहरू मेमोरियल के पास थीं. लेकिन 2008 में सोनिया गांधी ने वहां से 51 कार्टन अपना एक प्रतिनिधि भेजकर मंगवाए. एक बार फिर अब नेहरू मेमोरियल के सदस्य और इतिहासकार रिजवान कादरी ने इन्हें वापस मांगने के लिए लेटर लिखा है. ये लेटर राहुल गांधी को लिखा गया है कि वे नेहरू से जुड़े दस्तावेजों के वे 51 डिब्बे लौटाएं जो सोनिया गांधी ले गई थीं.
बीजेपी ने पूछा- क्या है इन खतों में जिसे देश से छुपाने की जरूरत है…
इधर संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि नेहरू और माउंट बेटन की वाइफ के बीच जो खत लिखे गए थे था उसे गायब कर दिया है. नेहरू और जय प्रकाश नारायण के बीच जो संवाद हुआ था वो राष्ट्र की संपति थी और उन लेटर को वापस किया जाना चाहिए. यह पहली बार नहीं है कि नेहरू के खतों को लेकर बवाल मचा है. पहले भी एडविना माउंटबेटन औऱ नेहरू के बीच हुए पत्राचार पर बीजेपी कांग्रेस को निशाने पर लेती रही है. ऐसे में गांधी परिवार का इन लेटर को मेमोरियल (जो कि अब प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है) से मंगवाना और फिर बार बार कहने पर भी न लौटाना, संदेह पैदा करता है. संबित कहते हैं, ‘मुझे इस बात की उत्सुकता है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा जिसे सेंसर करने की आवश्यकता थी.
बीजेपी का कहना है कि इतिहासकार कादरी ने लेटर लिखकर कहा है कि राहुल अपनी माताजी से बात करिए और ये सारे पेपर्स लौटाइए क्योंकि ये राष्ट्र की धरोहर हैं. हर हिन्दुस्तानी को ये अधिकार है कि उनके पहले प्रधानमंत्री किससे क्या बात कर थे और कौन से दस्तावेजों पर साइन कर रहे थे, ये देश को पता होना चाहिए. कादरी ने कहा कि सोनिया गांधी से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद ही उन्होंने राहुल गांधी को एक और पत्र लिखा. बता दें कि पीएमएमएल सोसाइटी का कार्यकाल 4 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला था लेकिन संस्कृति मंत्रालय ने इसे 13 जनवरी 2025 तक दो महीने का विस्तार दिया है.
Tags: Jawaharlal Nehru, Rahul gandhi, Sambit Patra, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 13:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed