कनाडा में बोल्ड हो रहे खालिस्तानी संजय वर्मा का गोल्डी बराड़ पर खुलासा
कनाडा में बोल्ड हो रहे खालिस्तानी संजय वर्मा का गोल्डी बराड़ पर खुलासा
Sanjay Kumar Verma Interview: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले को लेकर भारत और कनाडा के संबंध काफी खराब हो चुके हैं. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खुद भारत पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. भारत की ओर से सबूत मांगे जाने पर कनाडा को फैक्ट्स भी मुहैया नहीं कराया है. कनाडा में भारत के हाई-कमिश्नर रहे संजय कुमार वर्मा ने कई बातों पर से पर्दा हटाया है.
नई दिल्ली. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के संबंध काफी तल्ख हो चुके हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारतीय डिप्लोमेट के इसमें शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं. कनाडा में भारत के हाई-कमिश्नर रहे संजय कुमार वर्मा के साथ ही पांच अन्य इंडियन डिप्लोमेट को ‘पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट’ घोषित कर दिया गया. इसके बाद द्विपक्षीय संबंध और भी बिगड़ गए. भारत ने संजय वर्मा समेत अन्य डिप्लोमेट को वापस इंडिया बुला लिया. न्यूज 18 हिन्दी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में संजय वर्मा ने कई बातों से पर्दा हटाया.
इंटरव्यू के मुख्य अंश -:
सवाल: क्या वजह है कि आपको और आपके 5 डिप्लामेट को नामित किया गया? ऐसा क्यों?
जवाब: कनाडा सरकार ने शायद मन बना लिया था कि भारत से रिश्ता बुरा करना है. 12 अक्टूबर को कनाडा के विदेश मंत्रालय ने मुझे बुलाया और मुझे कहा गया कि आप पर्सन ऑफ इंटरेस्ट हैं. आप अपने देश से कहें कि आपकी डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी हटाए, ताकि आपसे हमलोग पूछताछ कर सकें. उन्होंने बताया की (हरदीप सिंह) निज्जर की हत्या हुई है, उस संबंध में पूछताछ करनी है. हमने दिल्ली को इसके बारे में बताया. दिल्ली में सीनियर ऑफिसर्स ने कनाडा के एक्टिंग हाई-कमिश्नर से कहा कि आपने विश्वास को तोड़ दिया है. विश्वास टूट गया तो हम अपने राजनयिकों को वापस बुला रहे हैं. हमें भी फोन पर बताया गया कि आपको वापस आना है, लेकिन उसके एक दिन बाद हमें ई-मेल से बताया गया कि आपको और आपके 5 अन्य साथी को Persona non Grata यानी अवांछित घोषित करते हैं.
सवाल: पाकिस्तान और चीन के साथ भी ऐसा नहीं हुआ कि किसी भारतीय हाई-कमिश्नर को या राजदूत को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया गया हो. क्या ट्रूडो सरकार की ये भी साजिश थी कि आरोप लगाकर गिरफ्त में आपलोग को लें.
जवाब: जब तक हमलोगों को राजनीतिक इम्यूनिटी थी, तब तक हमलोगों के खिलाफ वहां कार्रवाई नहीं की जा सकती थी और आंच नहीं आ सकती थी.
सवाल: आप पर तलवार से भी हमला हुआ…ऐसा कब और कैसे हुआ?
जवाब: जब कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना किसी सबूत के भारत पर आरोप लगाए थे, यह घटना (हमले की) उसके बाद की है. मैं कनाडा के अल्बार्टा राज्य में था. वहां एक पब्लिक इवेंट था, जहां भारतीय मूल के काफी लोग थे. उसमें बहुत सारे व्यवसाय से जुड़े लोग भी थे. मैं जहां भी जाता था, तब भारत विरोधी गतिविधियां होती थीं. प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री और गृह मंत्री तक का अपमान होता था. यह सामान्य बातें थीं. हमारे झंडे का अपमान होता था. कनाडा सरकार ने हमें सुरक्षा मुहैया कराई थी. अल्बार्टा में जब मैं पब्लिक इवेंट के लिए रुका तो पुलिस के बैरिकेड को एक खालिस्तानी ने तोड़ने की कोशिश की. खालिस्तान समर्थक के हाथ में एक तलवार था. तलवार को उसने आगे बढ़ाया, लेकिन तब तक मुझे बात समझ आ गई थी. मैंने अपने आप को पीछे कर लिया था. मैं यही कहूंगा कि हमला करने के लिए तलवार बढ़ाया था. मेरे शरीर से सिर्फ कुछ इंच दूर था. सुरक्षाकर्मियों ने उसे फिर पीछे कर दिया और मुझे अंदर ले गए. अफसोस है कि इस सीमा तक जा सकते हैं.
सवाल: ट्रूडो सरकार अभी ऐसा क्यों कर रही है? क्या चुनाव नजदीक होने की वजह से?
जवाब: कनाडा के आंतरिक मामले पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन वस्तुस्थिति यही है कि खालिस्तान अलगाववादी धीरे-धीरे बोल्ड होते जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि उन्हें भारत विरोधी गतिविधियां के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
सवाल: कनाडा के फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन में चीन के हस्तक्षेप पर ज्यादा बात हो रही है, लेकिन ट्रूडो सरकार भारत के मामले को ज्यादा तूल दे रही है, ऐसा क्यों?
जवाब: मैं चीन के बारे में बात नहीं कर सकता, क्योंकि मैं भारत और कनाडा के रिश्ते को देखता था. यह बात सही है कि कनाडा में जो अधिकांश बातचीत हो रही थी, वह आयोग में चीन के हस्तक्षेप को लेकर हो रही थी. जहां तक भारत की बात है तो इस आयोग में भारत के विषय पर खालिस्तानियों की तरफ से एक वकील है और वो आरोप लगाता था. आरोप लगने के बाद सरकारी अधिकारी या नेतागण आरोप को तूल दिया करते थे. ये नेता सरकार के अंग थे. ट्रूडो सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं. नेचुरल जस्टिस का जो अंग होना चाहिए था वह नहीं था. इसका मतलब एकतरफा बात हो रही है और रिकॉर्ड करके जो भी बोलना है बोल दीजिए. एकतरफा आरोप और एकतरफा बहस हो रही है.
सवाल: भारत की तरफ से दी गई 26 लोगों की प्रत्यर्पण सूची पर क्यों कार्रवाई नहीं की गई और गोल्डी बराड़ का नाम क्यों हटाया गया?
जवाब: कुछ फाइल्स पर पर कार्रवाई हुई और हमसे चर्चा की गई, लेकिन 21 फाइल ऐसी हैं जिस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. मैं मानकर चलूंगा कि वह लोग कार्रवाई नहीं करना चाहते. सभी साक्ष्य हमने कनाडा में भेजें हैं (प्रत्यर्पण को लेकर). कार्रवाई न हो और आप उसपर 10 साल तक बैठ जाएं तो आप इसे क्या कहेंगे?
सवाल: गोल्डी बराड़ के साथ क्या किया ?
जवाब: हमलोगों ने बताया था की गोल्डी बराड़ कौन है और किस तरह से वह भारत में गलत धंधे करता है. कनाडा में एक सिविक संस्था है BOLO. यह संस्था वांछितों की लिस्ट जारी करती है. पहली लिस्ट में गोल्डी का नाम डाला तो हमें खुशी हुई, लेकिन बाद में हटा दिया. जब हमने पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
सवाल: भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ेगा खालिस्तानी अलगाववादियों का?
जवाब: कुल मिलाकर 30 लाख भारतीय मूल के और भारतीय नागरिक कनाडा में मौजूद हैं. खालिस्तान समर्थकों और कट्टरपंथियों ने धमकियां बहुत दी हैं. धमकियों में भारत लौटने के लिए कहा जाता है. हिंदू मंदिरों पर हमला तक किया गया.
सवाल: भारतीय छात्रों और भारतीय अभिभावकों के लिए क्या संदेश है ?
जवाब: भारतीय अभिभावकों के लिए संदेश साफ है कि वहां जानकारी लेकर भेजें. अच्छे विश्वविद्यालय में भेजें न कि ऐसे कॉलेज में जो कि सिर्फ बिजनेस के लिए बनाए गए हैं, जहां हफ्ते में सिर्फ एक क्लास होता है, बाकी समय बच्चे घूमते-फिरते हैं. नौकरियां भी वहां कम है. रहना मुश्किल है. जगह महंगी है. खाने की परेशानी है, ऐसे में चरमपंथी के चंगुल में बच्चे फंस सकते हैं और उन्हें गुमराह किया जा सकता है. अभिभावक अपने बच्चों से रोज बात करें उनकी स्थिति के बारे में जानें. किसी तरह की संदिग्ध स्थिति अभिभावक देखते हैं तो पुलिस को इसकी सूचना दें.
सवाल: आपको लगता है कि ट्रूडो सरकार के जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध अच्छे हो जाएंगे और क्या शर्त होगी बेहतर संबंध के लिए?
जवाब: भारत और कनाडा हमेशा से अच्छे मित्र रहे हैं और अच्छे मित्र रहने चाहिए. हमलोग लोकतांत्रिक देश हैं. अभी के वक्त को सामान्य से इतर मानूंगा. आगे मैं जो देख रहा हूं संबंध अच्छे होने चाहिए. वहां किसकी सरकार रहेगी यह तो कनाडा के लोग ही तय करेंगे. मुझे उम्मीद है कि चाहे जो भी सरकार कनाडा में हो उन्हें पता होगा कि कैसे भारत और कनाडा एक दूसरे से बेनिफिट ले सकते हैं. भारत की एक शर्त है- जो भी भारत की अखंडता की तरफ बुरी निगाह रखते हैं उन्हें कंट्रोल करें. खालिस्तानियों को कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.
सवाल: कनाडा के लोगों पर नेटवर्क 18 ने एक सर्वे किया. सर्वे के नतीजे के मुताबिक, भारत सरकार के पक्ष का ज्यादातर लोगों ने समर्थन किया है. 80 फ़ीसदी लोगों ने ट्रूडो सरकार को मौजूदा खराब संबंध के लिए जिम्मेदार माना है.
जवाब: देखिए हम तो प्रजातंत्र हैं और ज्यादा प्रजा यही कहती है तो यही देश की नीति है.
Tags: Canada News, Justin Trudeau, National NewsFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 19:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed