पिता को हुआ पैरालिसिस सेल्फ स्टडी कर इंटर में किया कमाल जिले में 6वीं रैंक
पिता को हुआ पैरालिसिस सेल्फ स्टडी कर इंटर में किया कमाल जिले में 6वीं रैंक
फर्रुखाबाद की बेटी दिव्यांशी कटियार ने मुश्किल हालातों के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षा परिणाम में जिले में छठवां स्थान प्राप्त किया है. घर पर खुद से पढ़ाई, तो दूसरी ओर घर के एकमात्र सहारा पिता का पैरालिसिस हो जाना, किसी पहाड़ जैसी मुसीबत से कम नहीं है.
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद:- इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुदूर गांव की लड़कियों ने सफलता का परचम लहराया है. लिहाजा हर तरफ बेटियों की सब तारीफ कर रहे है. लेकिन क्या आपको पता है इस कामयाबी के पीछे कितनी मेहनत और इच्छाशक्ति छिपी हुई है. आज हम आपको दिव्यांशी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने संसाधन के अभाव में तैयारी की और आज अपना नाम बनाया है.
दरअसल फर्रुखाबाद की बेटी दिव्यांशी कटियार ने मुश्किल हालातों के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षा परिणाम में जिले में छठवां स्थान प्राप्त किया है. घर पर खुद से पढ़ाई, तो दूसरी ओर घर के एकमात्र सहारा पिता का पैरालिसिस हो जाना, किसी पहाड़ जैसी मुसीबत से कम नहीं है. इसके बावजूद भी इस बेटी ने हार नहीं मानी.
मध्यम परिवार की हैं दिव्यांशी
जिले के स्वराज वीर शिक्षा सदन इंटर कॉलेज की छात्रा जो की इंटरमीडिएट में क्षेत्र के कंधरापुर गांव की निवासी मनोज कटियार की पुत्री दिव्यांशी कटियार किसान होने के साथ ही अत्यंत मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. वही संसाधनों के अभाव के बावजूद घर पर रहकर सेल्फ स्टडी की. स्कूल के दिनों में घर से 8 से 10 किलोमीटर प्रतिदिन यात्रा करके तैयारी की. वहीं परीक्षा के दिन आते-आते यूट्यूब पर भी कई डाउट को क्लियर किया और आज परीक्षा परिणाम अच्छे लाकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
पिता को हुआ पैरालिसिस
लोकल18 को छात्रा दिव्यांशी कटियार ने बताया कि जब वह परीक्षा की तैयारी कर रही थी, उसी दौरान ही उनके पिता को पैरालिसिस हो गया. जिसके कारण उनके ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. जहां एक तरफ पढ़ाई में मन नहीं लगता था, तो दूसरी ओर अन्य आर्थिक समस्याएं भी आ पड़ी थी. इसके बावजूद भी उन्होंने हौसला नहीं हारा. बीमारी के चलते घर में पूरी तरह से माहौल बदल गया. ऐसे समय पर दिव्यांशी कटियार के दिमाग में यही रहता था कि अब तो इस परीक्षा में कुछ बड़ा ही करना है. इसी जज्बे के साथ लगातार दिन में 5 से 8 घंटे घर पर रहकर ही पढ़ाई करने लगी.
अब तक का सफर
दिव्यांशी कटियार नियमित रूप से स्कूल की क्लास लेती थी वही स्कूल तक 10 किलोमीटर की यात्रा यह लगातार साइकिल के द्वारा ही करती आ रही है. वहीं जब भी बात कोचिंग की आई तो इन्होंने घर पर पढ़ाई करना ही जरूरी समझा. जब परीक्षा के परिणाम आए तो उनके चेहरे खिल गए और आसपास के लोग भी इन्हे बधाई देते नहीं थक रहे हैं.
इंटरमीडिएट की छात्रा दिव्यांशी कटियार ने बताया कि उनका हाई स्कूल से ही देश की सेवा करने का सपना था. इसी को लेकर वह लगातार तैयारी कर रही हैं. अब इसके बाद वह एनडीए की अच्छे से तैयारी करने के बाद भारतीय नेवी ज्वाइन करके देश की सेवा करना चाहती हैं.
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इसे मानती हैं सफलता का रहस्य
हमें जो भी चीज चाहिए होती है, उसके लिए हमें पूरी शिद्दत से कार्य करने के साथ ही मेहनत करनी चाहिए. मंजिल एक न एक दिन जरूर मिलती है. बस आपके अंदर पूरी शिद्दत और लगन होनी चाहिए. कोई भी परीक्षा हो या कोई भी हालात हो, आपको बिना डरे संघर्ष करना चाहिए और नियमित रूप से उसके लिए तैयारी करके समर्पित हो जाना चाहिए. इस सफलता के पीछे उनका कहना है कि उनके मात- पिता के साथ ही भाई और शिक्षकों का अमूल्य योगदान रहा है.
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Tags: Farrukhabad news, Local18, Up board result, UP newsFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 15:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed