इस तरीके से तैयार करें धान की नर्सरी बंपर होगी पैदावार खूब कमाएंगे मुनाफा

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक आर के आनंद बताते हैं कि खरीफ की फसल में धान की फसल लगाने से पहले किसान अपनी नर्सरी तैयार करते हैं. नर्सरी तैयार करने में किसानों को जरूर ध्यान देना है. बिना बीज शोधित किए खेतों में बीज का इस्तेमाल न करें.

इस तरीके से तैयार करें धान की नर्सरी बंपर होगी पैदावार खूब कमाएंगे मुनाफा
आदित्य कृष्ण/ अमेठी: खरीफ की फसलों में धान की फसल के साथ कई फसलें शामिल हैं. वर्तमान समय में धान की नर्सरी किसान तैयार कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में धान की नर्सरी तैयार करने के लिए किसानों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन नर्सरी तैयार करते समय किसान कुछ खास बातों का ध्यान रखकर धान की बेहतर पैदावार कर सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा. किसानों की आय दुगनी होने के साथ उनकी फसल रोग मुक्त भी होगी. नर्सरी में इन बातों का रखें ध्यान, होगी बंपर पैदावार दरअसल गेहूं की फसल काटने के बाद किसान अपने खेतों में खरीफ फसल के लिए धान की बेरन तैयार करते हैं. धान की बेरन के लिए कुछ किसान नए बीज का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ किसान पुराने बीज का ही इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी  चाहिए, नहीं तो उनकी फसल पर प्रभाव पड़ सकता है. यदि आप धान की नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो आपको सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बिल्कुल भी धान का बीज अपने खेतों में नहीं डालना है. शाम को ही धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज खेतों में डालना चाहिए.  बीज बुवाई से पहले किसानों को रात भर एक ड्रम में धान के बीज को भिगोने के बाद सुबह प्रति किलोग्राम बीज पर स्ट्रेप्टोसाइकिलीन दवा का छिडकाव करना चाहिए . जिससे बीज की उत्पादन क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा फफूंदी से बचने के लिए कार्बाईंडाजिन सीरम प्रति किलो बीज के लिए 2 ग्राम के हिसाब से डालना चाहिए.  इससे हम अपने बीज को शोधित कर पाएंगे. बीज शोधित करने के साथ बीज में रोग की संभावनाएं कम होगी. गोबर की खाद का ज्यादातर करें प्रयोग इसके अलावा रासायनिक खादों के प्रयोग से किसानों को बचना चाहिए. किसान गोबर की खाद केंचुए की खाद या फिर मुर्गी की खाद का प्रयोग अपने खेतों में बीज बुवाई के पहले भी कर सकते हैं और नर्सरी तैयार होने तक रासायनिक खादों के बजाय ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करने से फसल में रोग नहीं लगेगा और फसल दुगना मुनाफा देगी. वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक आर के आनंद बताते हैं कि खरीफ की फसल में धान की फसल लगाने से पहले किसान अपनी नर्सरी तैयार करते हैं. नर्सरी तैयार करने में किसानों को जरूर ध्यान देना है. बिना बीज शोधित किए खेतों में बीज का इस्तेमाल न करें. बीज खराब होने का डर रहता है. इससे फसल खराब हो सकती है. इसके अलावा उन्होंने किसानों को सलाह दी कि धूप और गर्मी में बिल्कुल भी बीज अपने खेतों में ना बोएं, जिससे उन्हें नुकसान हो. उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 14:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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