अनोखा मंदिर! यहां विराजमान है राक्षसी साल में एक बार बन जाती है देवी

मंदिर के पुजारी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन राक्षसी त्रिजटा देवी बन जाती है और महिलाएं उनकी पूजा करती है.

अनोखा मंदिर! यहां विराजमान है राक्षसी साल में एक बार बन जाती है देवी
अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस को मंदिरों का शहर कहा जाता है. इस शहर में 33 कोटि देवी देवताओं के मंदिर हैं. देवी देवताओं के इन मंदिरों के बीच एक राक्षसी का मंदिर भी है, जहां उसकी पूजा होती है. ये बातें सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है. लेकिन धर्म नगरी काशी में ऐसा होता है. यह बिल्कुल सच है. खास बात यह है कि यह राक्षसी एक दिन के लिए देवी बन जाती है. इससे जुड़ी प्राचीन कथा भी है. मान्यता है कि इस मंदिर का कनेक्शन त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है. दरसअल, त्रेतायुग में भगवान राम के बनवास के बाद रावण ने जब माता सीता का हरण किया. जिसके बाद रावण ने उन्हें अशोक वाटिका में रखा. इस दौरान उनके देखरेख की जिम्मेदारी राक्षसी त्रिजटा को दी. त्रिजटा माता सीता की देखभाल बेटी की तरह करती थी. रावण के वध के बाद जब माता सीता प्रभु श्री राम के साथ जाने लगी, तो त्रिजटा ने उनसे साथ चलने की इच्छा जताई. लेकिन माता सीता ने उन्हें काशी में विराजमान होने की बात कहीं और एक दिन के देवी होने का वरदान दिया. बन जाती है राक्षसी से देवी काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर के करीब साक्षी विनायक मन्दिर में त्रिजटा देवी विराजमान है. मंदिर के पुजारी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन राक्षसी त्रिजटा देवी बन जाती है और महिलाएं उनकी पूजा करती है. त्रिजटा करती है रक्षा धार्मिक मान्यता है कि जो भी इस दिन त्रिजटा की पूजा करता है और उन्हें बैंगन, मूली का भोग लगाता है, त्रिजटा माता सीता की तरह हमेशा उनकी रक्षा करती है. बिना पूजा कार्तिक स्नान अधूरा काशी में भगवान विष्णु के प्रिय माह कार्तिक में पूरे एक महीने गंगा स्नान की परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक स्नान के पूर्णिमा तिथि के बाद जो भी त्रिजटा की पूजा नहीं करता है, उसकी ये पूजा अधूरी मानी जाती है. यही वजह है कि कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. कितनी ही कहानियां है हमारे आसपास, हमारे गांव में-हमारे शहर में. किसी की सफलता की कहानी, किसी के गिरने की और उसके उठने की कहानी, किसान की कहानी, शहर की किसी परंपरा या किसी मंदिर की कहानी, रोजगार देने वाले की कहानी, किसी का सहारा बनने वाले की कहानी…इन कहानियों को दुनिया के सामने लाना, यही तो है लोकल-18. इसलिए आप भी हमसे जुड़ें. हमें बताएं अपने आसपास की कहानी. हमें वॉट्सऐप करें हमारे नंबर पर, 08700866366. . Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 16:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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