IAS बनने का सपना देखने वाली लड़की ने ये क्या किया सब रह गए दंग
IAS बनने का सपना देखने वाली लड़की ने ये क्या किया सब रह गए दंग
Kumbh Mela 2025, Girl Story: 9वीं क्लास में पढने वाली एक लड़की ने ऐसा फैसला लिया, जिसे सुनकर हर कोई चौक गया. उसका सपना कभी आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनने का था, लेकिन अचानक उसका मन बदल गया और उसने अलग राह चुन ली...
Kumbh Mela 2025, IAS Officer: छोटी उम्र में आजकल के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और न जाने क्या-क्या बनने के ख्वाब देखने लगते हैं? ऐसी ही एक कहानी ये भी है. बचपन से आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनने का सपना देखने वाली एक लड़की ने महाकुंभ (Kumbh Mela 2025) में एक ऐसा फैसला लिया कि हर कोई दंग रह गया. महज 14 साल की उम्र में इस लड़की ने ऐसा कदम उठाया कि घरवालों को न चाहते हुए भी ऐसा निर्णय लेना पड़ा, जो शायद किसी के लिए दुखदायी होगा. आइए आपको बताते हैं कि आखिर पढ़ने लिखने की उम्र में इस लड़की ने ऐसा क्या किया कि हर कोई सन्न रह गया…
यह कहानी शुरू तो उत्तर प्रदेश के आगरा से होती है, लेकिन इसका आखिरी पड़ाव प्रयाराज का महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh) है. यह कहानी है आगरा जिले के रहने वाले संदीप सिंह और रीमा सिंह की. आगरा के एक गांव में रहने वाले इस दंपत्ति की दो बेटियां हैं. बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए माता पिता ने आगरा शहर में किराए पर घर लिया. इस आस में यहां रहने लगे कि बेटियां ठीक से पढ़ लिख लें. पिता आगरा में पेठा का कारोबार करने लगे.
और बेटी बनना चाहती थी आईएएस
दोनों बेटियों में से राखी की इच्छा थी कि वह पढ़ लिखकर आईएएस अफसर बने. इसलिए वह अभी से मन लगाकर पढ़ा लिखाई करती थी. उसके माता पिता भी उसका मनोबल बढ़ाते थे. 14 साल की राखी आगरा के एक कॉन्वेंट स्कूल स्प्रिंगफील्ड इंटर कॉलेज में पढ़ती थी. वह यहां 9वीं क्लास में पढ़ रही थी, जबकि उसकी 7 साल की छोटी बहन निक्की दूसरी क्लास में पढ़ती है.
और कुंभ में आकर बदल गया मन
राखी की मां रीमा सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी बडी बेटी रखी पढ़ाई में काफी होशियार थी. बचपन से वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाने के सपने देखती थी, लेकिन जब वह महाकुंभ आई तो यहां आकर उसका मन बदल गया. एक दिन उसने साध्वी बनने की इच्छा जताई, जिसे सुनकर सबको आश्चर्य हुआ, लेकिन हमने इसे ईश्वर की इच्छा मानकर जूना आखडे को सौंप दिया. अब उसका मन संन्यास की राह पर जाने का है तो उसकी खुशी इसी में है. राखी के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटी के इस फैसले को सुनकर आंखों में आंसू आ गए लेकिन उसकी इच्छा यही है.
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11 साल की उम्र में ली थी दीक्षा
दरअसल रीमा सिंह के गांव में जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरी महाराज भागवत कथा के लिए आते थे. 11 साल की उम्र में राखी ने उनसे गुरु दीक्षा ली. अब जब प्रयागराज में महाकुंभ मेला लग रहा है, तो गुरुजी ने इस साल उन्हें महाकुंभ शिविर के लिए आमंत्रित किया था, जहां राखी ने यह निर्णय ले लिया.
गांव के लड़के ने टॉप की ये बड़ी परीक्षा, सरकारी स्कूल से पढ़ा, बन गया SDM
Tags: IAS exam, IAS Officer, Kumbh Mela, Kumbh sankranti, Maha Kumbh Mela, Mahakumbh 2021FIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 12:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed