बकरी पालन के लिए बेहद फायदे की है यह योजना 50 लाख तक मिल रही सब्सिडी
बकरी पालन के लिए बेहद फायदे की है यह योजना 50 लाख तक मिल रही सब्सिडी
पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कृषकों,व पशुपालकों के लिए एक ऐसी जनकल्याण कारी योजना को संचालित किया जा रहा है. जिसके द्वारा हमारे किसान भाइयों हमारे पशु पालकों को काफी फायदा मिलेगा और उनका परिवार भी आगे बढ़ेगा.
पीयूष शर्मा/ मुरादाबाद : पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कृषकों व पशुपालकों के लिए एक ऐसी जनकल्याण कारी योजना को संचालित किया जा रहा है. जिसके द्वारा हमारे किसान भाइयों और पशु पालकों को काफी फायदा मिलेगा. उत्तर प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में शुमार पशुपालन विभाग की गोट पालन योजना एक बहुत अच्छी योजना कही जा सकती है. पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा इन दिनों पशु पालकों के लिए सुअर पालन व गोट पालन योजना चलाई जा रही है. इस योजना में अगर आप 40 लाख रुपए से कार्य शुरू करते हैं. तो 20 लाख रुपए की सब्सिडी सरकार देने जा रही है.
कृषक और पशुपालक ले सकते हैं लाभ
पशुपालक इस योजना का लाभ ले सकते हैं.मुरादाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनिल ने इस जनकल्याणकारी योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि हमारी वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया की जा सकती है.हमारी वेबसाइट पर जाकर कोई भी इस योजना की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है.
अधिकतम 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी की है सुविधा
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) यह केंद्र सरकार की योजना है. इसमें बकरी पालन, सुअर पालन सहित कई पशुओं को लेकर 50 प्रतिशत की सब्सिडी है. अगर मैं बात करूं बकरी पालन की तो हमारे क्षेत्र में बकरी पालन काफी होता है. पांच बकरा पालने वाली यूनिट की कुल लागत 20 लाख रुपए है. अगर आप इस योजना के तहत पात्र घोषित कर दिए जाते हैं. तो आपको 10 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी. इसके अलावा आप 200 यूनिट वाली योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो वह 40 लाख की है. जिसमें 20 लाख सब्सिडी मिलेगी. इसी प्रकार 300 वाली में 30 लाख और अधिकतम 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी इसमें दी जा रही है. मेरा सभी भाइयों से अनुरोध है कि जो बकरी पालन के लिए इच्छुक है. वह कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं और इस योजना की जानकारी प्राप्त कर इसका लाभ ले सकते हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 15:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed