किस बात पर कटुता भुलाकर साथ आए सभी दल! अब संसद में चर्चा के लिए हुए राजी

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में जारी गतिरोध अब फिलहाल खत्म हो गया है. अब संसद के दोनों सदनों में संविधान पर चर्चा होगी. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमति पर खुशी जताई.

किस बात पर कटुता भुलाकर साथ आए सभी दल! अब संसद में चर्चा के लिए हुए राजी
नई दिल्ली. सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति बनने के बाद संसद में संविधान पर चर्चा की तिथियों की घोषणा के साथ ही 25 नवंबर से जारी गतिरोध सोमवार को खत्म हो गया. अब मंगलवार से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की संभावना है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें गतिरोध खत्म करने में सफलता मिली. विपक्ष की मांग को मानते हुए सरकार ने घोषणा की कि लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी और राज्यसभा में यह चर्चा 16 और 17 दिसंबर को होगी. बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल संसद में गतिरोध दूर करने के लिए सहमत हो गए हैं और मंगलवार से दोनों सदनों में सुचारू रूप से कामकाज होगा. रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा कि निचले सदन में 13 और 14 दिसंबर को और उच्च सदन में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी. विपक्षी दलों ने संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की थी. रीजीजू ने उम्मीद जताई कि मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आशा है कि ‘मोदी सरकार मंगलवार से दोनों सदनों को चलने देगी.’ विपक्ष ने की थी चर्चा की मांग रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 26 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संविधान पर दो दिवसीय विशेष चर्चा का अनुरोध किया था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी उस दिन सभापति को ऐसा ही पत्र लिखा था. छह दिन बाद इस अनुरोध को मोदी सरकार ने स्वीकार किया है और कांग्रेस तथा ‘इंडिया’ गठबंधन की अन्य पार्टियों के अनुरोध के अनुसार चर्चा की तारीखों की घोषणा की गई है.’ 25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अब तक गतिरोध बना हुआ था. कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं समाजवादी पार्टी सांसद संभल हिंसा के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे. विपक्ष में दिखे मतभेद कांग्रेस भले ही संसद में अदाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा की मांग कर रही थी, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन में उसकी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. तृणमूल कांग्रेस ने सत्र के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन की संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित विपक्ष की बैठकों से भी दूरी बना ली थी. पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि उनकी पार्टी सिर्फ कांग्रेस के एजेंडे पर अपनी मुहर लगाने के लिए वहां नहीं हो सकती. पिछले सप्ताह सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अभी तक कोई खास विधायी कामकाज नहीं हो सका है और पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया. सोमवार को दूसरे सप्ताह के पहले दिन भी कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका. फडणवीस होंगे महाराष्‍ट्र के नए मुख्‍यमंत्री! आलाकमान ने फैसले पर लगाई मुहर, 4 को होगा ऐलान विपक्षी सांसदों ने जताई खुशी इसके बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि ‘हम पहले दिन से कह रहे हैं कि विपक्ष संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा और राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा चाहता है. हम सरकार के औपचारिक बुलेटिन का इंतजार कर रहे हैं. आज उन्होंने हमें अनौपचारिक रूप से बताया कि तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी.’ जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात पर कहा कि ‘हमारा रुख सकारात्मक है लेकिन हम संभल के लोगों पर हो रहे अत्याचार और शोषण को स्वीकार नहीं कर सकते. मुझे उम्मीद है कि कल हमें इस पर चर्चा करने का मौका मिलेगा. स्पीकर ओम बिरला ने हमें आश्वासन दिया है. बेहतर होगा कि संविधान पर चर्चा हो.’ Tags: Indian Parliament, Parliament news, Parliament session, Parliament Winter SessionFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 23:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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