Cyrus Mistry Death: आखिर क्यों बिगड़े थे रतन टाटा के साथ साइरस मिस्त्री के संबंध

Former Chairman of Tata Group Cyrus Mistry, Ratan Tata vs Cyrus Mistry: जिस जोश और उम्मीद से रतन टाटा साइरस को अपना उत्तराधिकारी बनाकर लाए थे. अब वो उनके दुलारे नहीं थे. दोनों के बीच शब्दों के ऐसे तीर चले कि दुनिया दंग रह गई कि भारत के सबसे अमीर पारसी उद्योग घराने में ये हो क्या रहा है.

Cyrus Mistry Death: आखिर क्यों बिगड़े थे रतन टाटा के साथ साइरस मिस्त्री के संबंध
नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के निधन के साथ ही कॉरपोरेट इंडिया के उस झगड़े का भी पटाक्षेप हो गया जो कभी देश के बड़े अखबारों की सुर्खियां बना था. रतन टाटा ने बड़ी हसरतों से साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया था लेकिन जो उसके बाद हुआ वो इतिहास बनकर रह गया. ये कॉरपोरेट विवाद 26 अक्टूबर 2016 को उस वक्त शुरू हुआ जब टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया गया था. साल 2012 में साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा की जगह टाटा ग्रुप की कमान संभाली थी. साइरस ने टाटा ट्रस्ट के कुछ पदाधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वो टाटा ग्रुप के कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं और पर्दे के पीछे से टाटा ग्रुप की कंपनियों को कंट्रोल करना चाहते हैं. साइरस के इन आरोपों के बाद रतन टाटा और साइरस मिस्त्री परिवार के बीच जो खटाश पैदा वो कभी कम ना हो सकी. टाटा संन्स में साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. सबसे बडी शेयरहोल्डिंग कपंनी के प्रतिनिधि होने और खुद रतन टाटा की पसंद होने के बावजूद साइरस मिस्त्री को जाना पड़ा. शब्दों के तीर से दुनिया रह गई थी हैरान जिस जोश और उम्मीद से रतन टाटा साइरस को अपना उत्तराधिकारी बनाकर लाए थे. अब वो उनके दुलारे नहीं थे. दोनों के बीच शब्दों के ऐसे तीर चले कि दुनिया दंग रह गई कि भारत के सबसे अमीर पारसी उद्योग घराने में ये हो क्या रहा है. साइरस मिस्त्री के पिता पालोन्जी मिस्त्री के बारे में कहा जाता था कि ये वो शख्स थे जिन्होंने आधी मुंबई बसाई. रतन टाटा के कोई संतान नहीं था ऐसे में माना जा रहा था कि साइरस पारसी होने के साथ युवा है और लंबे समय तक टाटा ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचाएंगे. पालोन्जी मिस्त्री का भी इसी साल 22 जून 2022 को निधन हो गया था. साइरस मिस्त्री पालोन्जी मिस्त्री के छोटे बेटे थे. रतन टाटा से विवाद होने के बाद साइरस ने 2016 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था. साइरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की दो कंपनियों पर आरोप लगाया कि रतन टाटा के निर्देश पर बोर्ड के निदेशकों ने उनके खिलाफ वोटिंग की है. वहीं टाटा ग्रुप ने भी साइरस मिस्त्री पर ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का आरोप लगाकर मिस्त्री के खिलाफ केस कर दिया. एन चंद्रशेखरन को टाटा संस की कमान सौंपी साइरस के जाने के बाद रतन टाटा ने नए उत्तराधिकारी की खोज शुरू कर दी थी. साइरस के बाद टीएसएस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को टाटा संस की कमान सौंपी गई. टाटा ग्रुप के इतिहास में पहली बार किसी गैर पारसी और परिवार के बाहर के व्यक्ति को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया. साल 2019 में National Company Law appellate Tribunal (NCLT) ने साइरस मिस्त्री को बहाल करने का आदेश दिया. हालांकि इस आदेश को लागू करने के लिए ट्राइब्यूनल ने चार महीने का समय दिया था. इन चार महीनों में टाटा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आदेश पर स्टे हासिल कर लिया. कुल मिलाकर एक बार फिर साइसर मिस्त्री टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनने से रोक दिए गए. साइरस मृदुभाषी थे. मीडिया में विवाद के छाने के बावजूद उन्होंने शालीनता कायम रखी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Ratan tata, TataFIRST PUBLISHED : September 04, 2022, 18:00 IST