घटता तापमानखेतों में जमा पानी धान पर मंडरा रहा इस खतरनाक रोग का खतरा!
घटता तापमानखेतों में जमा पानी धान पर मंडरा रहा इस खतरनाक रोग का खतरा!
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि जब तापमान 28 से 32 डिग्री के ऊपर बढ़ने लगता है. उस दौरान यह रोग तेजी से फैलता है. यह राइजोक्टोनिया सोलानाई नाम की फफूंदी से फैलता है. धान की फसल में रोग ना आए इसके लिए बीज उपचार करने के बाद ही धान की पौध तैयार करनी चाहिए.
शाहजहांपुर: कृषि प्रधान देश भारत में धान मुख्य फसलों में से एक है. देश के बड़े हिस्से में धान की फसल उगाई जाती है. बारिश के मौसम में ही उगाई जाने वाली इस फसल को कई तरह के रोग फसल को चपेट में ले लेते हैं. ऐसे ही शीथ ब्लाइट रोग धान की फसल को चपेट में लेता है. जिससे किसानों की धान की पूरी फसल नष्ट हो सकती है. जरूरी है कि किसान शीथ ब्लाइट की रोकथाम के लिए समय पर जरूर कदम उठाएं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि शीथ ब्लाइट रोग ज्यादा दिनों तक फसल में पानी भरा रहने या फिर ज्यादा मात्रा में नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने से आता है. इस रोग के आने से धान के पौधों की पत्तियां भूरे रंग की हो जाती हैं, तना गलने लग जाता है और भूरे रंग के धब्बे आ जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस रोग की रोकथाम समय पर कर ली जाए, अन्यथा धान की पूरी फसल बर्बाद हो सकती है.
घटता तापमान खतरनाक
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि जब तापमान 28 से 32 डिग्री के ऊपर बढ़ने लगता है. उस दौरान यह रोग तेजी से फैलता है. यह राइजोक्टोनिया सोलानाई नाम की फफूंदी से फैलता है. धान की फसल में रोग ना आए इसके लिए बीज उपचार करने के बाद ही धान की पौध तैयार करनी चाहिए. ध्यान रखें की धान की फसल में ज्यादा दिनों तक पानी न भरा रहे.
इस दवा का करें छिड़काव
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की फसल में जैसे ही शीथ ब्लाइट रोग पौधों को चपेट में ले रहा हो वहां रासायनिक उपचार कर रोग की रोकथाम की जा सकती है. डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि थाईफ्लुज़ामाइड 24% एससी (Thifluzamide 24% SC) नाम का कीटनाशक का इस्तेमाल धान की फसल में कर सकते हैं. 150 ml दवा 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर सकते हैं. जिससे रोग में रोकथाम हो जाएगी लेकिन अगर पूरी तरह से रोग का नियंत्रण न हो पाए तो किसान एक सप्ताह का अंतराल रखने के बाद अजक्सीस्ट्रॉबिन (Azoxystrobin) नाम की 200 ml दवा को 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ धान की फसल में छिड़काव कर सकते हैं. जिससे शीथ ब्लाइट रोग की रोकथाम हो जाएगी.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 13:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed