समूह से लोन ले कर गुड़िया ने लगाई ये मशीन अब कई महिलाओं को दिया है रोजगार 

Dona Pattal ka business kaise start kare: शुरुआत में गुड़िया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा परंतु उनके पति ने सहयोग करते हुए सेलिंग में बहुत योगदान किया. दोना-पत्तल निर्माण की पारंपरिक विधियों में......

समूह से लोन ले कर गुड़िया ने लगाई ये मशीन अब कई महिलाओं को दिया है रोजगार 
रिपोर्ट- नीरज राज बस्ती: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता की कहानियां नई नहीं हैं लेकिन, जब एक छोटे पैमाने के व्यवसाय को बड़ी सफलता मिलती है तो वह प्रेरणा का स्रोत बन जाती है. हाल ही में एक उद्यमी ने समूह से जुटाए गए पैसे का उपयोग कर दोना-पत्तल का व्यवसाय शुरू किया और अब वह लाखों की कमाई कर रही हैं. यह कहानी बस्ती जिले के विकास खण्ड गौर के चकचई गांव की है जहां स्थानीय उद्यमी गुड़िया ने अपने व्यवसायिक सपनों को साकार करने के लिए स्वयं सहायता समूह की ओर रुख किया और 2019 में बालाजी महिला स्वयं सहायता समूह बनाया गया. सरकार द्वारा चलाए गए स्वयं सहायता समूह से 1,10,000 ऋण लेकर दोना पत्तल बनाने का कार्य इस समूह द्वारा किया गया. गुड़िया ने अपने समूह की अंजनी, भानूमती निर्मला को व्यवसाय की योजना में शामिल किया और समूह से पैसे जुटाकर दोना-पत्तल का उत्पादन शुरू किया. शुरुआत में गुड़िया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा परंतु उनके पति ने सहयोग करते हुए सेलिंग में बहुत योगदान किया. दोना-पत्तल निर्माण की पारंपरिक विधियों में समय और मेहनत की कमी होती है लेकिन गुड़िया ने इन विधियों को आधुनिक तकनीक के साथ और लोगों को मिलाकर उत्पादन को बढ़ावा दिया. उन्होंने उत्पादन के लिए कच्चे माल का उपयोग किया और उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया. उनकी मेहनत और लगन ने रंग लाया. शुरुआत में सीमित मात्रा में उत्पाद बनाकर बाजार में पेश किया लेकिन धीरे-धीरे गुणवत्ता और विश्वसनीयता के कारण व्यवसाय की मांग बढ़ने लगी. गुड़िया ने स्थानीय बाजार से लेकर जनपद के शहरों तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इसके परिणामस्वरूप उनके व्यवसाय ने तेजी से सफलता प्राप्त की. वर्तमान में गुड़िया का व्यवसाय कई हजार रुपयों की कमाई कर रहा है और उन्होंने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद की है बल्कि अन्य समूह की महिलाओं को रोजगार भी प्रदान किया है. यह उदाहरण दर्शाता है कि सामुदायिक सहयोग और सही रणनीति के साथ किसी भी छोटे निवेश को बड़े पैमाने पर सफल व्यवसाय में बदला जा सकता है. गुड़िया की यह सफलता की कहानी न केवल आर्थिक उन्नति की प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण उद्यमिता की संभावनाओं की भी पुष्टि करती है. उनके संघर्ष और समर्पण ने एक नई दिशा दिखाई है जहां गांव के लोग भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकते हैं. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 22:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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