लड़की का चक्कर एक टिप और 11वां फ्लोर दिल्ली के सबसे बड़े एनकाउंटर की कहानी
लड़की का चक्कर एक टिप और 11वां फ्लोर दिल्ली के सबसे बड़े एनकाउंटर की कहानी
क्रिमिनल्स के चेहरा देखकर दिमाग पढ़ लेने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ललित मोहन नेगी से जानिए उनके जीवन का सबसे बड़ा एनकाउंटर कौन था? दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात नेगी अब रिटायर हो चुके हैं. 26 साल स्पेशल सेल में रहते हुए नेगी ने 33 एनकाउंटर कर 47 आतंकवादी औरक गैंगस्टर का खात्मा किया. लेकिन, एक एनकाउंटर को नेगी आज भी नहीं भूल पा रहे हैं. पढ़ें यह रिपोर्ट.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात जांबाज एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसीपी ललित मोहन नेगी तीन दिन पहले ही रिटायर हुए हैं. रिटायरमेंट के बाद भी ललित मोहन नेगी के किए 33 एनकाउंटर की चर्चा खूब हो रही है. वैसे तो दिल्ली पुलिस में राजवीर सिंह, मोहन चंद शर्मा, संजीव यादव, राजेंद्र कुमार और विनय त्यागी जैसे कई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हुए हैं. लेकिन 35 साल के करियर में 26 साल स्पेशल सेल में बिताने वाले ललित मोहन नेगी की कहानी इन सबसे थोड़ी अलग है. स्पेशल सेल में रहते नेगी ने न केवल आतंकवादियों के कई नेटवर्क को ध्वस्त किया. बल्कि दिल्ली-एनसीआर में तैनात कई गैंगस्टर के गैंग को भी नेस्तनाबूद कर दिया.
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले ललित मोहन नेगी ने स्पेशल से में रहते हुए 33 एनकाउंटर किए हैं, जिसमें 47 गैंगस्टर और आतंकवादी मारे गए. खास बात यह है कि इसमें 11 पाकिस्तानी आतंकवादी भी शामिल है. नेगी ने पार्लियामेंट अटैक, जामा मस्जिद टेररिस्ट अटैक, जर्मन बेकरी, चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम ब्लास्ट की जांच, मुसावाला मर्डर मिस्ट्री के साथ-साथ अंसल प्लाजा एनकाउंटर, नजफगढ़ का गैंगस्टर सोनू और उसके साथियों का एनकाउंटर और इंडियन मुजाहिद्दीन के कई आतंकवादियों का एनकाउंटर भी किया है. इसके अलावा भी नेगी ने कई चर्चित मर्डर मिस्ट्री जैसे पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला और वसंत कुंज में कोहली दंपत्ति मर्डर मिस्ट्री को सुलझाया. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ललित मोहन नेगी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है.
अब तक 33 एनकाउंटर
ललित मोहन नेगी का करियर जितना शानदार रहा, उससे कम रोचक नहीं है उनसे जुड़े एनकाउंटर के किस्से और कहानियां. ललित मोहन नेगी ने न्यूज 18 हिंदी को बताया कि उनके जीवन का सबसे कठिन एनकाउंटर साल 2005 में गैंगस्टर सोनू और उसके साथियों का एनकाउंटर था. नेगी बताते हैं, ‘नजफगढ़ का एक गैंगस्टर सोनू काफी सारी किलिंग कर रखा था. हमलोग उसका पीछा कई महीने से कर रहे थे. पूरे दिल्ली-एनसीआर में जगह-जगह रेड की. लेकिन, वह हर बार गच्चा देकर फरार हो जाता था.’
जानिए ललित मोहन नेगी को
नेगी कहते हैं, ‘एक दिन अचानक से हमें कहीं से एक मैनुअल इनपुट मिली. वह किसी लड़की को परेशान करता था. हमलोग लड़की से मिले. लड़की ने हमें इनपुट दी. दो दिन पहले ही लड़की को सोनू पिक कर ले गया था. दो दिन तक अपने साथ रखा और उसका शोषण करने के बाद उसे छोड़ दिया. लड़की उससे परेशान थी. हर दो दिन के बाद वह लड़की को उठाकर चला जाता था. लड़की ने हमें गुड़गांव में वह जगह दिखाई, जहां उसे रखा गया था. हम लोगों ने उस जगह पर रेड की. क्योंकि सोसाइटी नई थी इस वजह से 80 प्रतिशत फ्लैट खाली थे. सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही उसमें रह रहे थे. एक फ्लैट का दरवाजा तोड़कर हमलोग इन किए तो वहां पर एक लड़का मिला. हालांकि सोनू नहीं मिला. पूरी रात उस सोसाइटी में चक्कर काटते रहे.’
दिल्ली का सबसे बड़ा एनकाउंटर
नेगी कहते हैं, ‘सोनू लगातार ठिकाना बदल रहा था. जब भी वह फोन इस्तेमाल करता था तो अपने ठिकाने से दूर करता था. ताकि लोकेशन का पता नहीं चल सके और फिर फोन बंद कर अपने ठिकाने पर भाग जाता था. रेड में उसे एक गोली भी लगी, लेकिन वह भागकर मकान के पिछले हिस्से से दूसरे घर में चला जाता था. स्पेशल सेल के 40-50 कॉप लगातार ऊपर-नीचे कर रहे थे. एक बार गैंग के एक और साथी एक घर में घूस कर पूरे घर को ही होस्टेज कर लिया. इस बीच जिसको हमने पकड़ रखा था उसने बताया कि यहां एक और उसका फ्लैट है.’ ललित मोहन नेगी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है.
लड़की ने दी थी इनपुट
नेगी के मुताबिक, ‘फिर हमलोग उस घर का दरवाजा तोड़ा. सोनू वहां मिल गया. उसने हमलोगों को दिखाने के लिए पिस्टल नीचे फेक दिया. दिखाने लगा कि मैं सरेंडर कर रहा हूं, लेकिन रुम के अंदर कई सारे हथियार थे. इस बीच उसका एक साथी घर के पीछे वाले हिस्से से नीचे उतरने लगा. पहले तो सोनू को न्यूट्रीलाइज्ड किया, फिर 11 वें फ्लोर से नीचे आकर 10वें फ्लोर का दरवाजा तोड़ कर उसके दूसरे साथी का एनकाउंटर किया. बाद में फिर एक और उसके साथी का भी खेल खत्म हो गया. इस एनकाउंटर में 14 घंटे लगे. 40-50 जवान लगे थे. इस एनकाउंटर में सोनू, जसवंत और जयप्रकाश मारे गए. इस तरह इनका चेप्टर खत्म हुआ.’
ये भी पढ़ें: चैन की नींद लेने का गया समय, अब शहर में होगा सब ‘धुआं-धुआं’, ‘जहरीली’ सांस पर शुरू हो गई ‘सियासत’ ललित मोहन नेगी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है. दिल्ली पुलिस ने नेगी के नेटवर्क को देखते हुए बतौर सलाहकार सेवाएं चालू रखने का फैसला किया है. आपको बता दें कि ललित मोहन ने कई ऐसी भी ऑपरेशन को अंजाम दिया है, जो देश से बाहर हुए हैं. ये जानकारी वह साझा करने से बचते हैं. नेगी को कई पुलिस मेडल मिले हैं. खास बात यह है कि सीबीआई, रॉ और आईबी जैसी एजेंसियां नेगी की काम की तारीफें कर चुकी हैं.
Tags: Delhi Police Special Cell, Police Encounters, Terrorist EncounterFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 15:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed