कल पहली बार आंख खोली और आज टूट गई सांसों की डोरफफक पड़े बेकल पिता

Delhi Baby Hospital Fire: अंजार ने बताया कि डिलीवरी के समय उन्होंने गुप्ता अस्पताल में 85000 रुपये जमा कराया था. बच्‍ची की तबीयत ठीक न होने की वजह से नवजात को विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में भर्ती कराया था. यहां पर हर रोज ₹10000 से ₹12000 जमा करते थे.

कल पहली बार आंख खोली और आज टूट गई सांसों की डोरफफक पड़े बेकल पिता
हाइलाइट्स विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में आग से व्‍यापक तबाही भीषण अग्निकांड में 7 नवजात की मौत, 5 अस्‍पताल में भर्ती हॉस्पिटल के मालिक पर केस दर्ज, तलाश में जुटी दिल्‍ली पुलिस नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली के विवेक विहार इलाके में स्थित एक बेबी केयर अस्‍पताल में भीषण अग्निकांड की वजह से व्‍यापक पैमाने पर जान और माल का नुकसान हुआ है. बच्‍चों के अस्‍पताल में भयंकर आग लगने से पूरा हॉस्पिटल जलकर खाक हो गया. स्‍थानीय लोगों और फायर डिपार्टमेंट की टीम ने अस्‍पताल के पहले फ्लोर से 12 बच्‍चों को रेस्‍क्‍यू किया, जिनमें से 7 नवजात बच्‍चों की मौत हो गई. राष्‍ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक ने इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया है. इस भीषण हादसे में अंजार की बच्‍ची की भी मौत हो गई. उन्‍होंने बताया कि कल (शनिवार) ही उनकी बच्‍ची ने पहली बार अपनी आंखें खोली थीं और आज (रविवार 26 मई) वह इस दुनिया में नहीं रही. अस्‍पताल में आग लगने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों का वहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. घटनास्थल पर पहुंच रहे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. अंजार की बच्‍ची भी इसी अस्‍पताल में पिछले 10 दिनों से भर्ती थी. अंजार की बच्ची ने 25 मई को ही पहली बार अपनी आंखें खोली थीं. अंजार को उनके दोस्त से हादसे का पता चला. अग्निकांड की सूचना मिलने के बाद पूर्वी कांति नगर में रहने वाले अंजार घटनास्थल पर पहुंचे. उन्‍होंने बताया कि 15 तारीख को उन्होंने अपनी नवजात बच्ची को दोपहर 3.43 बजे यहां एडमिट करवाया था. वह हर रोज यहां पर उसको देखने के लिए आते थे. रविवार दोपहर 2:00 बजे उसको देखने के लिए आना था, लेकिन अंजार के दोस्त ने उन्हें बताया कि जिस बेबी केयर सेंटर में उनकी बच्ची भर्ती है, वहां पर धमाका हुआ है. ‘बहुत जोर की आवाज थी, लगा आतंकवादी हमला हो गया’, चश्‍मदीद ने सुनाई बेबी केयर सेंटर में आग की आंखों देखी कहानी आज ही मिली घटना की जानकारी अंजान का कहना है कि उन्‍हें थोड़ी देर पहले ही पूरी घटना की जानकारी मिली. उन्‍होंने बताया कि उन्हें किसी ने भी इस बात की जानकारी नहीं दी कि अस्पताल में इतना बड़ा हादसा हो गया. जब वह अस्पताल पहुंचे तो यहां देखा कि पूरा अस्पताल जलकर खाक हो गया है. अंजार को जानकारी दी गई है कि उनकी 10 दिन की बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है. अंजार ने बताया कि यहां जब वह आते थे तो दो तीन स्टाफ यहां दिखाई देता था और ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल दिखाई देते थे. बेटी को याद कर बिलख पड़े अंजार अंजार ने बताया कि डिलीवरी के समय उन्होंने गुप्ता अस्पताल में 85000 रुपये जमा कराया था. बच्‍ची की तबीयत ठीक न होने की वजह से नवजात को विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में भर्ती कराया था. यहां पर हर रोज ₹10000 से ₹12000 जमा कर आते थे. शनिवार को पहली बार उनकी बच्ची ने आंख खोल कर देखा था. अंजार यह बताते ही फफक कर रो पड़े. उन्होंने बताया इस नर्सरी और अस्पताल के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे, फिर चाहे इसके लिए उन्हें अपना घर ही क्‍यों न बेचना पड़े. उन्होंने बताया कि यह बच्‍ची उनकी तीसरी संतान थी. Tags: Delhi Fire, Delhi news, Hospital fireFIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 14:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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