हम बंधे हुए हैं CJI चंद्रचूड़ को क्‍यों याद आया 51 साल पहले दिया गया फैसला

Supreme Court News: वर्ष 1973 के केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत को सामने लाया था. निजी संपत्ति से जुड़े एक मामले में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने 13 जजों की संविधान पीठ द्वारा दिए गए उस ऐतिहासिक फैसले को याद किया.

हम बंधे हुए हैं CJI चंद्रचूड़ को क्‍यों याद आया 51 साल पहले दिया गया फैसला
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वह केशवानंद भारती मामले में 13 जजों की पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले से बंधा हुआ है. इस फैसले में संविधान के अनुच्छेद 31सी के एक हिस्से को बरकरार रखा था, जिसका उद्देश्य वैसे कानूनों को बचाना था जिसे ‘सार्वजनिक हित’ के लिए बनाया गया हो. इस फैसले में यह माना गया था कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है जब तक कि वह संविधान की मूल संरचना या आवश्यक विशेषताओं में परिवर्तन या संशोधन नहीं करती है. ‘बुनियादी संरचना’ सिद्धांत पर 1973 के केशवानंद भारती फैसले ने संविधान में संशोधन करने की संसद की विशाल शक्ति को खत्म कर दिया था और साथ ही न्यायपालिका को किसी भी संशोधन की समीक्षा करने का अधिकार दे दिया था. फैसले ने अनुच्छेद 31-सी के एक प्रावधान की संवैधानिकता को भी बरकरार रखा था, जिसमें निहित था कि राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को लागू करने वाले संशोधन यदि संविधान की ‘बुनियादी संरचना’ को प्रभावित नहीं करते हैं, तो उनकी न्यायिक समीक्षा नहीं होगी. ‘हमारे पास ऐसे फैक्‍ट्स, जो कोर्ट को हिला कर रख देगा’, अभिषेक मनु सिंघवी की दलील, SC का सीधा और सपाट जवाब केशवानंद भारती मामले का उल्‍लेख चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वह इस विवादास्पद कानूनी सवाल पर बहस सुन रही थी कि क्या निजी संपत्तियों को भी अनुच्छेद 39 (बी) के तहत ‘समुदाय के भौतिक संसाधन’ माना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा, ‘हम फिर से (केशवानंद भारती मामले में) 13 जजों की पीठ के फैसले के अधीन हैं. यह 5 न्यायाधीश का फैसला नहीं था.’ सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ नौ सदस्यीय संविधान पीठ में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के साथ-साथ जिसमें न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे. मामले में सुनवाई बेनतीजा रही और मंगलवार को फिर से शुरू होगी. . Tags: DY Chandrachud, National News, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 07:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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