क्या EVM के वोटों से होगा VVPAT पर्चियों का मिलान SC आज सुनाएगा फैसला
क्या EVM के वोटों से होगा VVPAT पर्चियों का मिलान SC आज सुनाएगा फैसला
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी.
नई दिल्ली: ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिए डाले गए वोटों के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा. लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की गिनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्चियों का मिलान होगा या नहीं. यहां बताना जरूरी है कि कई संगठनों ने याचिका दाखिल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी. इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है. इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था.
पिछले सप्ताह पीठ ने इस मामले में कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसने कहा था कि आधिकारिक कृत्यों को आम तौर पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत वैध माना जाता है और चुनाव आयोग द्वारा की गई हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार के दूसरे सर्वोच्च कानूनविद, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनाव की पूर्व संध्या पर समय-समय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि मतदाता की लोकतांत्रिक पसंद को मजाक में बदल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत ने पहले ही इसी तरह की राहत की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में चार प्रश्न पूछे थे जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि ‘क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं.’ वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था. पीठ ने कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि आयोग द्वारा ईवीएम के बारे में ‘बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों’ (एफएक्यू) पर दिए गए उत्तरों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है.
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Tags: Supreme Court, VVPATFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 07:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed