बोल बम की नगरी देवघर में जय जय मोदी पूरा रास्ता पीएम के पोस्टरों से पटा
बोल बम की नगरी देवघर में जय जय मोदी पूरा रास्ता पीएम के पोस्टरों से पटा
Road of Deoghar filled with PM Modi Poster: बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर में श्रावणी मेला के दौरान भक्तों के बोलबम के नारों के बीच पूरा रास्ता मोदीमय हो चुका है. बाबाधाम के रास्ते में जैसे ही झारखंड की सीमा आती है वहां से पीएम नरेंद्र मोदी के पोस्टरों से पूरा रास्ता पटा पड़ा है.
हाइलाइट्स12 जुलाई को पीएम मोदी ने देवघर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया थादेवघर के रास्ते में झारखंड की सीमा आते ही पीएम मोदी को पोस्टरों से भरा पड़ा है रास्ताबाबाधाम में श्रावणी मेला में रोजाना एक लाख के आसपास श्रद्धालु पहुंचते हैं
देवघर. बिहार से झारखंड में देवघर की सीमा में प्रवेश करते ही देवघर तक का पूरा रास्ता पीएम मोदी के बाबा धाम में पूजा करते और जलाभिषेक करती तस्वीरों के पोस्टरों से पटा पड़ा है. पीएम मोदी को बाबा के दरबार से लौटे एक सप्ताह से ज्यादा बीत चुका है लेकिन देवघर के सीधे-साधे आदिवासी लोगों और श्रद्दालुओं के दिलों में उनकी भक्ति और जन सेवा का रुप मानो धर कर गया है. 14 जुलाई से ही सावन का महीना शुरू हुआ था जब पीएम मोदी बाबा धाम पहुंचे.
12 जुलाई को पीएम नरेन्द्र मोदी ने बाबा बैजनाथ धाम में भोले बाबा के सर पर माथा टेका था और वहां के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश के नाम समर्पित कर जिले को लोगों को एक बड़ी सौगात भी दी थी. इसके पहले पीएम मोदी ने देवघर को एम्स का भी तोहफा दिया था.
देवघर में शक्तिपीठ और ज्योर्तिलिंगसाथ साथ विराजमान
देवघर से 2009 से बीजेपी के सांसद रहे निशिकांत दूबे ने देवघर में एयरपोर्ट और एम्स ले जाने के लिए लंबी लडाई लड़ी और जब उन्होने रोड शो और रैली में पीएम मोदी के लिए जनता का स्नेह देखा को देवघर के पूरे रास्ते को पीएम मोदी के पोस्टरों से पाट दिया. कुल मिला कर 300 से ज्यादा पोस्टर पूरे देवघर तक के रास्ते में लगे हैं. देवघर यानि देश के 14 शक्तिपीठों में से एक और साथ साथ देश भर के 51 ज्योर्तिलिंग में से एक स्थापित होने के कारण देश दुनिया में महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थस्थलों के रुप में जाना जाता है. ये देश के उन इक्का दुक्का पीठों में से एक है जिसमें शक्तिपीठ और ज्योर्तिलिंग साथ साथ विराजमान हैं.
अब देवघर पहुंचना आसान
पूरे सावन महीने में कावंड़ियों की अपार भीड़ दर्शन करने देवघर पहुंचती है. दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला पवित्र मेला भी देवघर के मेले को ही माना जाता है. पूरे महीने बिहार, झारघंड. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बंगाल तक से कावंडिये भगवा पहने, बोल बम के नारे लगाते कावंडिए जल पड़े भोले बाबा के दरबार में गंगा जल चढाने पहुंचते हैं. पूरे महीने लाखों कांवड़ियों अपने रास्ते पर पीएम मोदी के पोस्टर देखते पहुंचेंगे. बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे कहते हैं कि ये जनता की ही भावना का प्रकटीकरण है जो इन पोस्टरों से साबित हो रहा है. निशिकांत दूबे का मानना है कि पीएम मोदी के दौरे ने इन इलाकों के पिछड़े और वंचित समाज के लोगों में एक उम्मीद जगायी है. देश दुनिया में बसे श्रद्धालुओ और पर्यटकों का देवघर पहुंचना आसान हो गया है.
पीएम मोदी ने किया था 13 किलोमीटर रोड शो
दरअसल 12 जुलाई को देवघर में हुए पीएम मोदी के रोड शो की दूरी लगभग 13 किमी थी. इसमें एयरपोर्ट से लेकर बैजनाथ मंदिर तक का रास्ता 11 किमी लंबा था और फिर मंदिर से लेकर देवघर कॉलेज में अभिनंदन रैली का स्थल 2 किमी का दूर था. लेकिन इस तेरह किमी का सफर सिर्फ पीएम मोदी को नहीं बल्कि उन सभी को याद रहेगा जो इस रोड शो का हिस्सा बने. पूरे रास्ते देवघर समेत आस पास के जिलों से आए सीधे साधे आदिवासी समुदाय के पुरुष, महिलाएं, युवा और बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था.
कई बार ऐसा लगा कि सुरक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी और भीड़ सड़क पर आ जाएगी लेकिन पीएम मोदी को देखने और उनको धन्यवाद देने आयी जनता का अनुशासन देखते ही बनता था. इन लोगों की आंखों में एक उम्मीद थी की पहली बार एक ऐसा राजनेता मिला है जो उनकी मुश्किलों को समझता भी और उसे दूर करने का बीड़ा भी उठा लिया है. ये बात और है कि पीएम मोदी खुद को प्रधान सेवक ही कहते हैं.
संथाल परगना के विकास पर पीएम मोदी की नजर
जानकारी के लिए बता दें कि संथाल परगना के जिले पीएम मोदी द्वारा चुने गए एस्पीरेशनल यानि पिछडे जिलों में ही आते हैं. इसलिए इतना ही कहा जा सकता है कि देवघर में पूजा करने वाले पहले सर्विंग पीएम बनने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजर इस संथाल परगना के विकास की है. देवघर में बाबा के दर्शन के बाद उन्होने आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के लिए चुन कर देश भर के आदिवासी समाज को आश्वस्त किया. झारखंड के संथाल परगना के देवघर समेत पांच जिलों को आदिवासी बाहुल्य माना जाता है और अब तक ये झारखंड मुक्ति मोर्चे का भी गढ माना जाता रहा है.
आजादी के 70 साल बाद भी इन इलाकों में सरकारी स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था. लेकिन पीएम मोदी से ये भावुक लगाव शायद आने वाले दिनों में संथाल परगना की काया और मिजाज ही पलट दे.
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Tags: Deoghar news, MP Narendra ModiFIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 18:48 IST