मंदिर में हो रही थी खुदाई अचानक से आई खट की आवाज फिर
मंदिर में हो रही थी खुदाई अचानक से आई खट की आवाज फिर
Tamil Nadu News: विल्लुपुरम जिले के तिरुवेनाइललूर के पास इमप्पुर में हजारों साल पुराने वेदपुरीसावरर मंदिर का निरीक्षण के दौरान एक शानदार चीज मिली है. दरअसल मंदिर में पिछले कुछ महीनों से नवीकरण कार्य चल रहा है.
विल्लुपुरम: हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसे शिलालेख की खोज की है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यह शिलालेख 960 ई का है. शिलालेख तिरुवेन्नईलालुर के पास चोल राजा अदिथा करिकालन पर प्रकाश डालता है. इस खुदाई में अरिग्नार अन्ना आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, विल्लुपुरम में इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर और एचआर एंड सीई की पुरातत्व अनुसंधान टीम के सदस्य डी रमेश के नेतृत्व में, टीम में संयुक्त आयुक्त एस शिवकुमार, कार्यकारी अधिकारी ई सूर्या नारायणन और अनुसंधान विद्वान शामिल थे.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सभी सी इमैनुएल, विल्लुपुरम जिले के तिरुवेनाइललूर के पास इमप्पुर में हजारों साल पुराने वेदपुरीसावरर मंदिर का निरीक्षण कर रहे थे. बता दें कि यहां पिछले कुछ महीनों से नवीकरण कार्य चल रहा है. डी रमेश ने कहा कि ‘हमें सुंदरा चोलन के बेटे और राजा चोल के छोटे भाई अदिथा करिकालन के शासन काल का एक शिलालेख मिला. चेपेडु (तांबा शिलालेख) जो पहले तिरुवलंगाडु, चेन्नई और एसलाम में पाया गया था और जर्मनी के एक संग्रहालय में पांडियन राजा वीरपांडियन को हराने और तंजौर के महल में उसका सिर रखने के उनके कृत्य का उल्लेख है.’
पढ़ें- 500 रुपये नोट की 15 गड्डियां और 1 सूटकेस… एयरपोर्ट पर अचानक पहुंच गया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, फिर
विल्लुपुरम क्षेत्रों में शिलालेखों की उपस्थिति
उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि विल्लुपुरम क्षेत्रों में उनके शिलालेखों की उपस्थिति के बारे में बताते हुए, सुंदर चोलन ने थोंडाईमंडलम और थिरुमुनैपडी क्षेत्रों को करिकालन के शासन को सौंपा. रमेश ने कहा, ‘हमने पहले पेरंगियूर और तिरुमुंडीश्वरम में शिलालेख खोजे हैं, और अब, यह हालिया खोज हमारी समझ को बढ़ाती है.’
शिलालेख में क्या?
एमाप्पुर में पाए गए नए शिलालेख के बारे में बताते हुए, रमेश ने कहा कि ‘यह स्वस्ति श्री वीरपांडियन थलाई कोंडा कोप्पारा केसरी से शुरू होता है और 960 ईस्वी का है. इसमें इस क्षेत्र का उल्लेख थिरुमुनैपडी देश में एमाप्पेरुर नट्टू एमाप्पेरुर के रूप में किया गया है, जो इसका मुख्यालय था. समय के साथ, यह एमाप्पुर में विकसित हुआ. एक चरवाहे ने मंदिर में तिरुवलंदुरई अज़वार के लिए नंदा विलाक्कु (एक तेल का दीपक) को बनाए रखने के लिए 96 बकरियों का योगदान दिया, जो सूर्य और चंद्रमा के अस्तित्व तक चलने वाली परंपरा को दर्शाता है, और इन बकरियों को मंदिर के ट्रस्टी पान मेगेश्वर को सौंप दिया गया.’
डी रमेश ने आगे बताया कि ‘यह शिलालेख इस क्षेत्र पर अदिथा करिकालन के शासन के बारे में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. कुड्डालोर जिले के कट्टुमन्नारकोइल के पास उडौयारकुडी में आनंदेश्वर मंदिर में खोजे गए एक पुराने शिलालेख में एक साजिश के कारण करिकालन की मृत्यु का उल्लेख किया गया था, साथ ही साजिशकर्ताओं के नाम भी सूचीबद्ध थे.’
.
Tags: Bizarre news, Tamil nadu, TamilnaduFIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed