इस पर्वत की सिला में विराजते हैं बजरंगबली जुड़ी है खास मान्यताएं

बुंदेलखंड के बांदा में बने बामेश्वर पर्वत के पास बाम देव ऋषि का मंदिर भी है. वही ऊंची पहाड़ियों में मौजूद पत्थर की सिला में बजरंगबली की तस्वीर बनी है. मान्यता है कि जब प्रभु श्रीबाम देव ऋषि से मिलने आए थे तो उनके पीछे-पीछे बजरंग बली भी यहां पर आए हुए थे और उनकी परछाई ऊपर मौजूद इस पत्थर की सिला में पड़ गई. तब से यहीं विराजमान हो गए.

इस पर्वत की सिला में विराजते हैं बजरंगबली जुड़ी है खास मान्यताएं
बांदा. देशभर में बजरंगबली के कई मंदिर है और सब मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं भी है. वहीं कई मंदिरों में बजरंगबली की मूर्ति स्थापित भी की गई है तो कहीं वे स्वयं प्रकट हुए हैं. ऐसे में हम आपको यूपी के बांदा जिले के एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ऊंची पहाड़ियों पर बना हुआ है. इस जगह पत्थर की शीला में अपने आप बजरंगबली की परछाई पड़ी और वे वहीं पर अपने से स्थापित भी हो गए. आज भी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से ऊंची पहाड़ियों पर आते हैं. यहां पत्थर की शीला में विराजमान हैं बजरंगबली हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के बांदा में बने बामेश्वर पर्वत की, जहां बाम देव ऋषि का मंदिर भी है. वहीं ऊंची पहाड़ियों पर मौजूद पत्थर की सिला में बजरंगबली की तस्वीर बनी है. बताया जाता है कि जब प्रभु श्री राम को वनवास मिला था, तब वे चित्रकूट में ही ठहरे थे. इसी दौरान वे बांदा में बाम देव ऋषि से मिलने आए थे. जिनके पीछे-पीछे बजरंग बली भी यहां पर आए हुए थे और उनकी परछाई ऊपर मौजूद इस पत्थर की सिला में पड़ गई. जिसके बाद उनकी पूरी एक तस्वीर उस पत्थर में एक छाप दे गई. आज भी माना जाता है कि बजरंगबली यहांआते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देकर उनकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. भक्त मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में ज्यादा संख्या में पहुंचकर उनकी पूजा- अर्चना भी करते हैं. पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु मंदिर के पुजारी मयंक तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब प्रभु श्री राम को वनवास हुआ था. तब वे चित्रकूट आए थे. वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम बांदा के बाम देव ऋषि से मिलने आए थे. तभी बजरंगबली भी उनके साथ आए थे. इस दौरान प्रभु श्री राम इस पर्वत में भी गए थे और बजरंगबली भी इस पर्वत में उनके साथ चले गए. उसी दौरान बजरंगबली की परछाई इस पत्थर की शिला में पड़ गई है और  तभी से बजरंगबली यहां विराजमान हो गए. अब भक्त इस ऊंचे पहाड़ पर पहुंचकर बजरंगबली की पूजा- अर्चना करते हैं. Tags: Banda Medical Collage, Chitrakoot News, Dharma Aastha, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 11:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed