राजनीति में जाने की इच्छा थी विधि के विधान से न्यायाधीश बन गए कोई मलाल नहीं: चीफ जस्टिस रमण
राजनीति में जाने की इच्छा थी विधि के विधान से न्यायाधीश बन गए कोई मलाल नहीं: चीफ जस्टिस रमण
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि वह तो वास्तव में सक्रिय राजनीति में जाना चाहते थे लेकिन विधि का विधान ऐसा था कि वह न्यायाधीश बन गए लेकिन इस बात का उन्हें मलाल नहीं है.
हाइलाइट्सचीफ जस्टिस रमण ने कहा- राजनीति में जाने की इच्छा थीविधि के विधान से न्यायाधीश बन गए, कोई मलाल नहींपिता की प्रेरणा से हैदराबाद में उच्च न्यायालय में वकालत करने गए
रांची. भारत के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि वह तो वास्तव में सक्रिय राजनीति में जाना चाहते थे लेकिन विधि का विधान ऐसा था कि वह न्यायाधीश बन गए लेकिन इस बात का उन्हें मलाल नहीं है. यहां न्यायिक अकादमी में न्यायमूर्ति सत्यब्रत सिन्हा स्मारक व्याख्यान देते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि निचली अदालत में वकालत के दौरान उनकी राजनीति में गहरी रुचि हो गई थी और वह सक्रिय राजनीति में जाना चाहते थे. लेकिन विधि का विधान ऐसा बना कि अपने पिता की प्रेरणा से वह हैदराबाद में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में वकालत करने चले गए. उन्होंने कहा कि फिर एक दिन उन्हें उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने का प्रस्ताव मिला, जिसे वह ठुकरा नहीं सके.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वकील (बार) से न्यायाधीश (बेंच) तक की यात्रा आसान नहीं होती क्योंकि न्यायाधीश का जीवन बहुत एकाकी और समाज से अलग-थलग होता है. उन्होंने कहा कि ‘जब आप वकील होते हैं तो आपका समाज में बहुत गहरा रिश्ता होता है. लेकिन जैसे ही बार से बेंच में आते हैं तो परंपरा के अनुसार सभी सामाजिक संबंध त्याग देने पड़ते हैं, जो बेहद कठिन होता है. लेकिन न्यायाधीश को न्याय के हित में यह सब करना पड़ता है.’ न्यायमूर्ति रमण ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि वह अपनी इच्छा के विपरीत राजनीति में नहीं जा सके, फिर भी उन्हें इस बात का मलाल नहीं है. उन्होंने इस बात का संतोष जताया कि जिस क्षेत्र को उन्होंने अपनाया, वहां वह न्यायपालिका और देश तथा समाज के लिए कुछ कर पाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारियों को दी बड़ी राहत, जीएसटी में फंसे पैसे वापस मिलेंगे, पढ़िए पूरा मामला
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लोग अक्सर भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में लंबे समय से लंबित मामलों की शिकायत करते हैं. हालांकि कई मौकों पर खुद उन्होंने भी लंबित मामलों के मुद्दे पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इस समस्या को हल करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति रमण ने न्यायाधीशों को उनकी पूरी क्षमता से कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए भौतिक और व्यक्तिगत, दोनों तरह के बुनियादी ढांचे को सुधारने की आवश्यकता की वकालत की.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Chief Justice of India, Politics, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 07:34 IST