देश में किस बैंक को रखना पड़ता है सबसे ज्यादा रिजर्व क्या है इसका नियम
देश में किस बैंक को रखना पड़ता है सबसे ज्यादा रिजर्व क्या है इसका नियम
RBI Safest Bank List : अगर आप देश के सबसे सुरक्षित बैंक की तलाश में हैं तो रिजर्व बैंक ने आपकी यह तलाश पूरी कर दी है. आरबीआई ने हाल में ही देश के 3 सबसे सुरक्षित बैंकों की लिस्ट जारी की है. इसमें 2 निजी और एक सरकारी बैंक शामिल है.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने ऐसा नियम बनाया है जिसके तहत देश के सबसे सुरक्षित बैंक को सबसे ज्यादा रिजर्व भी रखना पड़ता है. लेकिन क्या आपको पता है कि किस बैंक को सबसे ज्यादा कैश रिजर्व में रखना पड़ता है और आखिर आरबीआई ने ऐसा नियम क्यों बनाया है. इतना ही नहीं रिजर्व बैंक हर साल ऐसे बैंकों की बाकायदा लिस्ट भी जारी करता है. इस साल भी आरबीआई ने ऐसे बैंकों की लिस्ट जारी कर दी है, जिन्हें सबसे ज्यादा कैश रिजर्व रखना पड़ता है.
आरबीआई हर साल घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची जारी करता है. इस बार आरबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को शामिल किया है. केंद्रीय बैंक ने बुधवार को डी-एसआईबी की सूची जारी की, जिसमें एक सरकारी बैंक और दो निजी बैंकों को शामिल किया गया है.
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क्या है इन बैंकों की जिम्मेदारी
इस सूची में शामिल होने के लिए ऋणदाताओं को उस ‘बकेट’ के अनुसार पूंजी संरक्षण भंडार के अतिरिक्त उच्च ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (सीईटी 1) बनाए रखना आवश्यक है, जिसके अंतर्गत इसे वर्गीकृत किया गया है. सूची के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अब भी ‘बकेट 4’ में बना हुआ है, जिसके लिए देश के सबसे बड़े ऋणदाता को 0.80 प्रतिशत का अतिरिक्त सीईटी 1 रखना होगा. यानी यह देश का सबसे सुरक्षित बैंक माना गया है.
बाकी बैंक किस श्रेणी में
निजी क्षेत्र के सबसे बड़ा ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को ‘बकेट 2’ में रखा गया है, जिसके तहत उसे 0.40 प्रतिशत अधिक सीईटी 1 बनाए रखना होगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए उच्च डी-एसआईबी अधिभार एक अप्रैल 2025 से लागू होगा. लिहाजा 31 मार्च 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर लागू डी-एसआईबी अधिभार क्रमशः 0.60 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत होगा.
बकेट 1 में कौन सा बैंक
आईसीआईसीआई बैंक को ‘बकेट 1’ में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता को सीईटी-1 भंडार में अतिरिक्त 0.20 प्रतिशत बनाए रखना होगा. आरबीआई ने कहा कि यह वर्गीकरण 31 मार्च 2024 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है. केंद्रीय बैंक ने पहली बार 2014 में डी-एसआईबी से निपटने के लिए रूपरेखा की घोषणा की थी. 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में शामिल किया था, लेकिन 2017 में अन्य दो बैंकों के साथ एचडीएफसी बैंक को भी सूची में शामिल कर लिया गया.
Tags: Business news, RBI Governor, Reserve bank of indiaFIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 18:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed