इस साल केंद्र के विभागों को मिलीं 559 लाख जन शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग में सबसे ज्यादा
इस साल केंद्र के विभागों को मिलीं 559 लाख जन शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग में सबसे ज्यादा
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल 1 जनवरी से 25 जून के बीच कुल 5,59,094 जन शिकायतें मिलीं, जिनमें से 5,32,662 का निपटारा किया जा चुका है. सबसे ज्यादा शिकायते वित्तीय सेवा विभाग, श्रम व रोजगार मंत्रालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और रेल मंत्रालय को शिकायतें मिलीं.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार को साल 2022 की पहली छमाही में विभिन्न सरकारी विभागों के खिलाफ 5.59 लाख से अधिक जन शिकायतें मिली हैं. इनमें से सर्वाधिक शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को प्राप्त हुई हैं. एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 जनवरी से 25 जून के बीच ऑनलाइन मंच, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पर कुल 5,59,094 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 5,32,662 का निपटारा किया जा चुका है.
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और रेल मंत्रालय उन विभागों में शामिल हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा जन शिकायतें मिलीं. इनके अलावा सहकारिता मंत्रालय को भी काफी तादाद में लोगों की शिकायतें मिलीं. रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से 25 जून के बीच वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) को 86,478, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को 62,214, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आयकर) को 26,425, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) को 26,235 और डाक विभाग को 25,397 जन शिकायतें हासिल हुईं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि दूरसंचार विभाग के पास 24,480, गृह मंत्रालय के पास 20,751, सहकारिता मंत्रालय के पास 17,232, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पास 16,652 और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के पास 16,354 जन शिकायतें आईं. रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग प्रभाग) भ्रष्टाचार श्रेणी के तहत 1,605 लंबित शिकायतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है. वहीं ग्रामीण विकास विभाग, उपभोक्ता मामलों से जुड़ा विभाग और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का कार्यालय भी इस सूची में शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में वित्तीय सेवा विभाग को भ्रष्टाचार श्रेणी में 11,538 शिकायतें मिलीं, जबकि उसके पास पिछले वर्षों की 810 शिकायतें लंबित थीं. विभाग के पास भ्रष्टाचार श्रेणी की कुल शिकायतों में से 1,605 अब भी लंबित हैं. कार्मिक मंत्रालय के तहत डीएआरपीजी द्वारा पेश की गई जून 2022 की CPGRAMS मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग ‘उत्पीड़न/अत्याचार श्रेणी’ में भी सबसे ऊपर है, जिसके तहत उसके पास 292 लंबित शिकायतें मौजूद हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार विरोधी मामलों के लिए केंद्र के नोडल विभाग डीओपीटी को ‘भ्रष्टाचार/कदाचार श्रेणी के आरोपों’ के तहत 1,943 शिकायतें (315 को छोड़कर, जिन्हें आगे बढ़ाया गया है) प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 410 लंबित हैं. सहकारिता मंत्रालय को 25 जून तक कुल 407 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 355 का निपटारा होना बाकी है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और कैग के कार्यालय को क्रमश: 365 और 1,271 जन शिकायतें (आगे पहुंचाई गई शिकायतों समेत) हासिल हुई थीं, जिनमें से क्रमश: 259 और 248 लंबित हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्पीड़न/अत्याचार श्रेणी के तहत वित्तीय सेवा विभाग के पास 2,375 शिकायतें आई थीं, (जिनमें से 152 को आगे ले जाया गया) और 292 लंबित हैं. गृह मंत्रालय को इस श्रेणी के तहत कुल 635 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 175 लंबित हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को ऐसी कुल 125 शिकायतें (101 लंबित), कोयला मंत्रालय को 373 शिकायतें (64 लंबित), उच्च शिक्षा विभाग को 135 शिकायतें (46 लंबित), उपभोक्ता मामलों के विभाग को 163 शिकायतें (46 लंबित) और ग्रामीण विकास विभाग को 101 शिकायतें (40 लंबित) हासिल हुई थीं.
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Tags: Central government, Public GrievancesFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 14:45 IST