सिंह साहब और तिवारी जी की लड़ाई में मिश्रा जी का पेच यहां कौन होगा गंगा पार
सिंह साहब और तिवारी जी की लड़ाई में मिश्रा जी का पेच यहां कौन होगा गंगा पार
Buxar Lok Sabha Constituency: देशभर में लोकतंत्र का महाउत्सव चल रहा है. महापर्व अब अपने आखिरी पड़ाव पर आ गया है. अंतिम और सातवें चरण की वोटिंग बाकी है. इसी चरण बिहार की बक्सर लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. जातीय समीकरण और युवाओं के रुख ने यहां की चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है.
नई दिल्ली/बक्सर. चुनाव पंचायत का हो या विधानसभा का या फिर लोकसभा का बिहार की जनता की इनमें काफी रुचि होती है. वैसे तो राष्ट्रीय स्तर पर जाति और समुदाय की स्थिति को देखते हुए राजनीतिक टिकटों का वितरण करते हैं, लेकिन बिहार में जातिगत समीकरण और इसको लेकर चर्चा ज्यादा मुखर है. लोकसभा चुनाव-2024 के लिए 6 चरणों का मतदान हो चुका है. सातवें और अंतिम चरण के लिए 1 जून को वोटिंग होनी है. बिहार की बक्सर सीट पर भी इसी फेज में मतदान होना है. बक्सर लोकसभा सीट पर इस बार का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. बीजेपी ने दो बार के सांसद अश्विनी चौबे का टिकट इस बार काट दिया है. भाजपा ने इस बार मिथिलेश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, RJD ने जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि पूर्व IPS अधिकारी आनंद मिश्रा निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं.
बक्सर लोकसभा सीट पर अगड़ी जाति के साथ ओबीसी और एमबीसी (अति पिछड़ी जाति) मतदाता अच्छी खासी तादाद में हैं. बीजेपी ने दो बार के सांसद (साल 2014 और 2019) अश्विनी चौबे का टिकट इस बार काट दिया है. भाजपा ने मिथिलेश तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. मिथिलेश तिवारी पिछले 3 से भी ज्यादा दशक से यहां सक्रिय हैं. उनको कैंडिडेट बनाने का पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी स्वागत किया है. हालांकि, यहां के स्थानीय लोगों खासकर युवाओं में अश्विनी चौबे को लेकर काफी नाराजगी भी है. मिथिलेश तिवारी हर संभव कोशिश में जुटे हैं कि बीजेपी के कोर वोट बैंक में किसी तरह की दरार न आए. उन्होंने नया नारा भी दिया- छोड़ो सारे क्लेश को, सांसद बनाओ मिथिलेश को.
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BJP vs RJD में मुख्य मुकाबला
भाजपा के मिथिलेश तिवारी के मुकाबले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. सुधाकर सिंह भी मिथिलेश की तरह अगड़ी जाति से आते हैं. मिथिलेश जहां ब्राह्मण तो वहीं सुधाकर राजपूत जाति से हैं. ब्राह्मण वोट बैंक के बीजेपी से खिसकने की संभावनाओं से आरजेडी उत्साहित है, लेकिन ओबीसी (जैसे कुशवाहा, यादव) और अति पिछड़ी जातियों (खासकर निषाद) को साधना सुधाकर सिंह के लिए चुनौती बना हुआ है. दरअसल, ददन पहलवान भी आरजेडी के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. ददन निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. यादव वोट बैंक में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है जो आरजेडी का कोर वोट बैंक है. बता दें कि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में ददन पहलवान बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और तकरीबन 1.80 लाख वोट हासिल किया था.
आनंद मिश्रा किसका बिगाड़ेंगे खेल?
पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा भी इस बार बक्सर लोकसभा सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं. अब सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि आनंद मिश्रा किसका खेल बिगाड़ेंगे भाजपा या फिर राजद का? अश्विनी चौबे से नाराजगी का असर जमीन पर भी देखा जा रहा है. ऐसे में बीजेपी को ब्राह्मण वोट बैंक के खिसकने का डर है. बता दें कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बक्सर क्षेत्र में रैली की थी. मिथिलेश तिवारी इससे खासे उत्साहित हैं. बता दें कि साल 2009 का लोकसभा चुनाव छोड़ दें तो साल 1996 से अभी तक भाजपा यहां से जीत हासिल करती रही है. साल 2009 में यहां से आरजेडी के जगदानंद सिंह ने जीत हासिल की थी. बक्सर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- बक्सर, ब्रह्मपुर, दिनारा, रामगढ़, राजपुर और डुमरांव. फिलहाल बक्सर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा की सभी 6 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.
Tags: Buxar lok sabha election, Buxar news, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 12:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed