एकल उपयोग प्लास्टिक पर शुक्रवार से लगेगा प्रतिबंध राज्य सरकारें करेंगी कार्रवाई
एकल उपयोग प्लास्टिक पर शुक्रवार से लगेगा प्रतिबंध राज्य सरकारें करेंगी कार्रवाई
एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी (Single use Plastic)) की तय वस्तुओं पर शुक्रवार से प्रतिबंध की शुरुआत के साथ राज्य सरकारें (State government) एक प्रवर्तन अभियान शुरू कर इस तरह की वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी.
नयी दिल्ली. एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी (Single use Plastic)) की तय वस्तुओं पर शुक्रवार से प्रतिबंध की शुरुआत के साथ राज्य सरकारें (State government) एक प्रवर्तन अभियान शुरू कर इस तरह की वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसमें पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) की धारा-15 और संबंधित नगर निगमों के उपनियमों के तहत, ज़ुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं.
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का आदेश दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक के उपयोग को रोकने में मदद करने के लिए नागरिकों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण एप भी शुरू किया है.
पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं
अधिकारियों ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) दिशानिर्देशों के अंतगर्त रखा जाएगा. पिछले साल 12 अगस्त को मंत्रालय ने एक जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल) के तहत पहचान की गई एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी. एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं.
दिल्ली में कड़ाई से लागू होगा प्रतिबंध
राष्ट्रीय राजधानी में राजस्व विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 दलों का गठन किया है. दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है. राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलो प्रति मीट्रिक टन) एकल उपयोग प्लास्टिक होने का अनुमान है. दिल्ली पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत चिन्हित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण बिक्री और उपयोग और अन्य निषिद्ध गतिविधियों में संलग्न इकाइयों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा.
दिल्ली नगर निगम और राजस्व विभाग करेंगे कार्रवाई
अधिकारी ने कहा कि डीपीसीसी पुष्टि क्षेत्रों में प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करेगा और अनौपचारिक क्षेत्र में इसके कार्यान्वयन के लिए एमसीडी और अन्य स्थानीय निकाय जिम्मेदार होंगे. दिल्ली नगर निगम और अन्य शहरी स्थानीय निकाय धोखाधड़ी करने वाली इकाइयों के खिलाफ उनके उपनियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे जबकि राजस्व विभाग पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा. एसयूपी मदों पर प्रतिबंध के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज करने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली एप्लिकेशन’ को भी अपडेट किया गया है.
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Tags: Single use Plastic, State governmentFIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 23:47 IST