Bareilly News: नाथ नगरी बरेली के रहने वाले अरविंद उपाध्याय पेशे से व्यापारी है. वह अपने खाली समय में अपने व्यापार के साथ ही बैठकर शिव पुराण पढ़ते हैं. साथ ही ॐ नाम का जाप करते हैं. वह ॐ नाम का जाप की 10 कॉपियां लिख चुके हैं.
विकल्प कुदेशिया/बरेली: वो कहते हैं ना कि ईश्वर को स्मरण करने का कोई एक स्थान और सही वक्त नहीं होता है. हम अपने ईश्वर को किसी भी वक्त किसी भी रूप में स्मरण कर उनकी पूजा अर्चना कर सकते है. इसी तरह ईश्वर में सच्ची श्रद्धा रखने वाले बरेली के एक व्यापारी अरविंद उपाध्याय के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो कि कागज की कॉपी पर ॐ नाम के जाप को प्रतिदिन अपनी श्रद्धा अनुसार ईश्वर को ध्यान करते हुए लिखा करते है.
संग्रहालय में रख चुके हैं 10 कॉपियां
अरविंद उपाध्याय इसी तरह ॐ शब्द को 2018 से लिखते आ रहे हैं. वह अपने व्यापार को चलाते समय जब भी उन्हें फ्री समय मिलता है तो वह यह काम करना शुरू कर देते हैं. 2018 से लगभग अब तक 10 कॉपियां वह लिखकर अपने संग्रहालय में रख चुके हैं. अरविंद उपाध्याय का कहना है कि पूरी सृष्टि और संसार ॐ मय है. उन्होंने कहा कि शिव ही सृष्टि के रचयिता हैं. इसलिए उन्हें स्मरण कर आप भगवान से मिलाप कर सकते हैं.
ॐ नाम के जाप को प्रतिदिन कागज पर लिखने वाले व्यापारी अरविंद उपाध्याय ने लोकल 18 से एक खास बातचीत के दौरान बताया कि ॐ तो निराकार ईश्वर है. जिसका कोई आकार नहीं होता. इसी को ध्यान में रखते हुई वे किसी भी समय ईश्वर का स्मरण कर लेते है.
इसके अलावा उनका इस तरह कागज पर लिख कर ईश्वर को स्मरण करने का कोई सीमित समय नहीं है. वे जब भी अपने काम से मुक्त होते हैं तो इसी प्रकार ॐ लिखकर ईश्वर का ध्यान करने लग जाते है. वह कहते हैं कि इस कार्य को करने से समय का सदुपयोग होता है. साथ ही ईश्वर के प्रति भक्ति जागृत होती है.
जानें कब हुई गायत्री मंत्र लिखने की शुरुआत
इसके अलावा वे ॐ के इस शब्द को छोटे अक्षरों में लिखते है. जिससे कम कागज में ज्यादा लिखा जा सके. आपको बता दें अरविंद उपाध्याय ने 2008 में सबसे पहले सूर्य मंत्र और 2011 में गायत्री मंत्र लिखने की शुरुआत की थी. उसके बाद से वह शिव पुराण को प्रतिदिन पढ़ते हुए ॐ नाम का जाप करते हैं.
जानें कहां से मिली प्रेरणा
अरविंद उपाध्याय ने बताया कि सूर्य नमस्कार मंत्र और गायत्री मंत्र लिखने के बाद उन्हें ओम नाम का जाप करने से एक अलग प्रकार की शक्ति प्राप्त होती है. इसके अलावा वे जब कभी भी अपने कार्यों से मुक्त होते हैं, तो इस तरह ॐ का जाप अपने कागज पर लिखकर ईश्वर का स्मरण करने बैठ जाते हैं.
उन्होंने बताया कि उनके कार्य का कोई सीमित समय नहीं है. उनके विचार में आया कि ॐ खुद में ही एक निराकार परमेश्वर हैं. इसके बाद से वह इसी तरह सच्ची श्रद्धा से कागज पर ॐ नाम का जप लिखने लगे. इसी तरह से वह भगवान का स्मरण निरंतर करने लगे.
जानें किस तरह करते हैं कार्य
ॐ नाम का जाप कागज पर काफी छोटे-छोटे अक्षरों में लिखते हैं. जिससे कि कम कागज में ज्यादा ॐ के अक्षर लिखे जा सकें. इससे समय का सदुपयोग होता है. इसके साथ-साथ ईश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति भी बढ़ती है. जिसका वे अनुभव करते हैं. साथ ही प्रतिदिन शिव पुराण का पाठ करते हुए. आदि देव महादेव भगवान शिव को याद करते हैं.
Tags: Bareilly news, Local18FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 18:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed