इस सब्जी की खेती में बंपर मुनाफा! सिर्फ 2 हजार लागत और हो रही लाखों की कमाई

किसान अभय सिंह ने बताया चार-पांच सालों से हम कद्दू की खेती कर रहे हैं इस खेती में लागत कम मुनाफा अच्छा है इस समय करीब 5 बीघे में कददू की खेती कर रहे हैं जिसमें लागत करीब एक बीघे में ढाई से तीन हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक से डेढ़ लाख रुपए तक हो जाता है क्योंकि बरसात के सीजन में यह काफी महंगा बिकता है इस समय हमारा जो कद्दू है

इस सब्जी की खेती में बंपर मुनाफा! सिर्फ 2 हजार लागत और हो रही लाखों की कमाई
बाराबंकी: भारत में अब उन सब्जियों की खेती किसान अधिक करने लगे हैं, जो कम समय में ज्यादा मुनाफा दे सकें और कम मेहमत में ही अधिक उत्पादन मिल सके. इन सब्जियों में शामिल है कद्दू, जिसकी सब्जी से लेकर बीजों तक का बाजार में काफी डिमांड रहती है. इसलिए किसान कम समय मे इसकी खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. इन बीजो की करें बुआई कददू की खेती से अच्छी आमदनी कमाने के लिये जरूरी है कि इसकी उन्नत किस्मों से खेती की जाये. बात करें इसके सबसे खास बीजों के किस्म के बारे में तो पूसा विशवास, पूसा विकास, कल्यानपुर पम्पकिन-1, नरेन्द्र अमृत, सीएस 14 और 2, पूसा हाईब्रिड-1 और कासी हरित आदि उन्नत किस्में लगा सकते हैं. वहीं बाराबंकी के दरामनगर गांव के रहने वाले युवा किसान अभय सिंह कई सालों से कद्दू की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जानें कितने बीघे में की है खेती देसी कद्दू की खेती कर रहे युवा किसान अभय सिंह ने बताया कि वह 4-5 सालों से कद्दू की खेती कर रहे हैं. इस खेती में लागत कम मुनाफा ज्यादा है. इस समय वह करीब 5 बीघे में कददू की खेती कर रहे हैं, जिसमें लागत करीब एक बीघे में ढाई से तीन हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक से डेढ़ लाख रुपए तक पहुंच जाता है क्योंकि बरसात के सीजन में यह काफी महंगा बिकता है. इस समय उनका कद्दू अच्छे रेट में जा भी रहा है. अगर यही रेट मिलता रहा तो आमदनी और भी बढ़ सकती है. जानें कौन सी मिट्टी होती है फायदेमंद किसान ने बताया कि इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. वैसे तो कद्दू की खेती गर्म और ठंडी दोनों जलवायु में की जा सकती है, लेकिन तेज धूप और पाला पड़ने पर इसकी कुछ किस्मों में नुकसान भी हो जाता है. दोमट मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिये सबसे उपयुक्त रहती है. साल में 2 बार कर सकते हैं बुआई किसान ने बताया कि कद्दू की फसल साल में 2 बार लगाई जाती है, जिसमें पहली फसल फरवरी से मार्च और दूसरी खेती जून से अगस्त के बीच होती है. मौसम के अनुसार ही इसकी अलग-अलग किस्मों को लगाया जाता है, इसकी फसल दो-तीन महीने तक चलती है. Tags: Barabanki News, Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 17:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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