बलिया के इन ब्रिटिश कलेक्टरों ने रचा इतिहास जिले को दी एक अलग पहचान

प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है. इस देश के आईएएस, आईपीएस या जो भारतीय प्रशासनिक सेवा में युवा आ रहे हैं, उनको लेकर  मैंने यह शोध किया था.

बलिया के इन ब्रिटिश कलेक्टरों ने रचा इतिहास जिले को दी एक अलग पहचान
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: आज हम बलिया जिले के उन प्रथम तीन ब्रिटिश कलेक्टरों की बात करेंगे, जो न केवल बलिया को सजाने संवारने का काम किया, बल्कि इतिहास रच गए. आज भी बलिया के दूसरे कलेक्टर डीटी रॉबर्ट्स को ही लोग अपना प्रथम कलेक्टर मानते हैं. यही डीएम थे जिसने बलिया के ऐतिहासिक, पौराणिक और पुरातात्विक को न केवल संजोया, बल्कि गजेटियर पर भी पूरे मन से काम किया. इन्होंने अपने पत्नी के साथ मिलकर डीएम कार्यालय पर एक से बढ़कर एक पेड़ लगाए जो आज भी लोगों को छांव देते हैं. प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है. इस देश के आईएएस, आईपीएस या जो भारतीय प्रशासनिक सेवा में युवा आ रहे हैं, उनको लेकर  मैंने यह शोध किया था.  हमारे ऊपर शासन करने के लिए ब्रिटिश आए थे. उन्होंने जब अपना देश समझ करके अच्छा काम किया तो यह प्रेरणा हमारे नए आईएएस आईपीएस युवाओं के अंदर जानी चाहिए. सन 1 नवंबर 1879 को बलिया जिला बना. आज भी बहुत सारे लोग डी.टी रॉबर्ट्स को बलिया का प्रथम डीएम मानते हैं, लेकिन यह दूसरे डीएम थे. वजह ये है कि इन्होंने इस जिले के लिए बहुत कुछ किया. जिला बनने के बाद प्रथम कलेक्टर… सन 1871 बैच के आईसीएस अफसर मि. चार्ल्स विलियम विल्स ने 3 नवंबर 1879 को प्रथम कलेक्टर का पदभार संभाला था. यह 20 अप्रैल 1880 तक यहां रहे उसके बाद बदांयू स्थानांतरण हो गया. दूसरे कलेक्टर ने रचा इतिहास बलिया के दूसरे कलेक्टर मि. डी.टी. रॉबर्ट्स 1868 बैच के आई.सी.एस अफसर ने 25 अप्रैल 1880 को पदभार संभाला और एक इतिहास रच डाला. गजेटियर से लेकर बलिया जिले के पौराणिक ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व की जानकारी जुटाने  का काम किया. पत्नी बेटे के साथ इस डीएम की आज भी है कब्र इनका पूरा नाम मिस्टर डेविड थॉमसन राबर्टस् था, इसीलिए लोग इनको ही बलिया का पहला कलेक्टर मानते हैं. इनकीअपने बेटे और पत्नी के साथ इनकी कब्र आज भी टी.डी कॉलेज के ठीक पीछे दक्षिण-पूर्व कोने पर मौजूद है. मिलकर किया रिवीजन ऑफ रेवेन्यू का पूरा सेटलमेंट… तीसरे कलेक्टर 1865 बैच के आई.सी.एस अफसर मि. अलेक्जेंडर राबिन्स 1985 में आए. मिस्टर डी.टी. राबर्टस् के साथ मिलकर इन दोनों लोगों ने आजमगढ, गाजीपुर और बलिया का रिवीजन ऑफ रेवेन्यू का पूरा सेटलमेंट कर इतिहास रच दिया. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 14:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed