जानें बलिया के शिक्षक की कहानी 27 सालों से बच्चों को सिखा रहे कला
जानें बलिया के शिक्षक की कहानी 27 सालों से बच्चों को सिखा रहे कला
Ballia News: बलिया में राजकीय इंटर कॉलेज के कला के अध्यापक इफ्तिखार खान 50 से अधिक पुरस्कार हासिल कर चुके हैं. उनके पढ़ाए विद्यार्थी आज विदेशों में बड़े-बड़े पद पर आसीन हैं. आइये जानते हैं कला के अध्यापक के बारे में.
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहते हैं कि सफलता किसी स्थिति की नहीं बल्कि जोश और जुनून की मोहताज होती है. हम बात कर रहे हैं उस कला अध्यापक की, जो कभी किसानी में भी माहिर हुआ करता था, लेकिन जोश और जुनून इतना था कि ग्रामीण परिवेश से शुरू हुई पढ़ाई अपने लक्ष्य में भी माहिर बना दिया. एक ऐसा कला अध्यापक जिसके छात्र आज देश-विदेश में बड़े-बड़े पदों पर हैं. एक ऐसा कला अध्यापक जिसके सफलता के बाद भी जोश और जुनून में कोई कमी नहीं है.
राजकीय इंटर कॉलेज में रहे अध्यापक
हम बात कर रहे हैं बलिया के राजकीय इंटर कॉलेज के मशहूर कला अध्यापक इफ्तिखार खान की. जिसे राज्यपाल और उपराष्ट्रपति से लेकर बड़ी-बड़ी हस्तियां भी सम्मानित कर चुकी हैं. उन्होंने कला के अध्यापक के रूप में बलिया को एक माहौल दिया और लगभग 50 से अधिक मेडल भी प्राप्त कर चुके हैं.
27 सालों तक रहे अध्यापक
राजकीय इंटर कॉलेज के कलाध्यापक इफ्तिखार खान ने बताया कि वह जनपद बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के किकोड़ा गांव का रहने वाला हूं. वह 27 सालों से कला अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. सामान्य घर परिवार में किसानी का काम होने के कारण सफलता के लिए उन्हें बहुत प्रयास करना पड़ा.
ग्रामीण परिवेश से शुरू हुई पढ़ाई लिखाई
पांचवी कक्षा तक की पढाई गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई, उसके बाद जूनियर हाई स्कूल सिकंदरपुर के बाद गांधी इंटर कॉलेज सिकंदरपुर से इंटरमीडिएट किया. उसके बाद सतीश चंद्र महाविद्यालय बलिया में प्रवेश लिए जहां बीएससी के दौरान फाइन आर्ट्स करने का शिक्षकों ने सलाह दिया.
वाराणसी से शुरू हुई जिंदगी की असली कहानी
शिक्षक के मुताबिक बीएचयू में पहली बार में ही फाइन आर्ट्स का परीक्षा निकाली और वहां से पढ़ाई बड़े-बड़े प्रोफेसरों की निगरानी में किया. कुछ दिनों तक मुंबई के एडवरटाइजिंग एजेंसी में विजुलाइजर पद पर कार्यरत थे. इसी दौरान शिक्षक की भर्ती निकली, जिसमें उन्होंने अप्लाई किया और परीक्षा इंटरव्यू एक ही बार में पास कर सन 1997 में कला के अध्यापक बन गए. वर्तमान में उनके छात्र देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियों में कार्य कर जनपद के साथ अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रहे हैं.
50 से अधिक अवार्ड मिला
अभी फिलहाल 2024 में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार नेपाल (नोबेल टैलेंट इंटरनेशनल) मिला है. इसके अलावा तत्कालीन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल डॉ. विष्णुकांत शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत जैसे लगभग 50 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं, जिसके बाद हौसला और बढ़ता चला गया.
Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 15:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed