रजवाड़े की जिंदगी जी रहे थे पति-पत्नी अब वृद्ध आश्रम में काट रहे जिंदगी

Ballia Old Age Home: बलिया के एक बुजुर्ग दंपति रजवाड़े जैसा जीवन व्यतीत कर रहे थे, लेकिन उनके साले ने सेवा करने का बहाना बनाकर उनकी सारी संपत्ति हड़प ली. अब बुजुर्ग दंपति वृद्ध आश्रम में जीवन बिताने को मजबूर हैं. आईए जानते हैं पूरा मामला...

रजवाड़े की जिंदगी जी रहे थे पति-पत्नी अब वृद्ध आश्रम में काट रहे जिंदगी
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: किस्मत किसे कब कहां लेकर जाएगी, इसका अनुमान शायद कोई नहीं लग सकता है,  जो नींद कभी राजगद्दी पर आती है. वही नींद समयानुसार सड़क पर भी आने को मजबूर हो जाती है. कहते हैं समय बड़ा बलवान होता है. अच्छे अच्छों को कब कहां ले जाकर पटक देगा यह कोई नहीं जानता है. ये सब आपने बिल्कुल सही सुना है. आज हम आपको बलिया के एक ऐसे बुजुर्ग दंपति की कहानी बताएंगे, जिसे सुनकर शायद आप भी रो पड़ेंगे. जिनके जीवन में कभी हर ऐशो आराम हुआ करता था, वो आज वृद्ध आश्रम में अपना एक-एक फल कैसे गुजार रहे हैं. इसको जानकर हर किसी के आंखों से आंसू छलक जा रहा है. आइए विस्तार से जानते हैं… बलिया जनपद के देवस्थली गांव के रहने वाले बुजुर्ग केशव प्रसाद की पत्नी लीलावती देवी ने बताया कि उनके ससुर स्वास्थ विभाग के काम करते थे. उनके पति केशव पुश्तैनी (जमीन जायदाद जैसी हर सुविधा) घर पर मौजूद थी, लेकिन किस्मत की अचानक वृद्धावस्था में ऐसी मार पड़ी की धीरे-धीरे सब कुछ खत्म हो गया और आज वृद्ध आश्रम में अपना जीवन यापन कर रहे हैं. रजवाड़े से पहुंच गए वृद्ध आश्रम बुजुर्ग केशव प्रसाद ने बताया कि उनके पिता बलिया जिला में ही स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे. जमीन जायदाद के मामले में वह पुश्तैनी संपन्न थे. उन्होंने कहा कि उनके एक भी संतान नहीं है. धीरे-धीरे शरीर पुराना होता चला गया और कुछ काम करने की क्षमता भी खत्म होती चली गई. धीरे-धीरे वृद्ध होने के कारण केशव प्रसाद और उनकी पत्नी लीलावती देवी का शरीर भी अस्वस्थ होने लगा. पत्नी के भाई और भतीजी ने सब हड़प लिया केशव प्रसाद की पत्नी लीलावती देवी के भाई और भाई की लड़की यानी भतीजी द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि आप दोनों लोग मेरे घर आ जाइए. हम आपके अंत तक सहारा बनेंगे. लीलावती देवी का भाई अपनी बहन और बहनोई (केशव प्रसाद) का खूब सेवा सत्कार करना शुरू किए. धीरे-धीरे केशव प्रसाद के पत्नी का भाई इन बुजुर्ग दंपत्ति का सब कुछ सेवा सत्कार करते हुए ले लिया. अंत में जब इन दोनों लोगों के पास कुछ नहीं बचा तो इनको घर से निकाल दिया गया. दोनों बुजुर्ग हैं अस्वस्थ केशव प्रसाद ने बताया कि वह और उनकी पत्नी दोनों अस्वस्थ हैं. यह बुजुर्ग दंपति अपना जीवन यापन सरकारी वृद्ध आश्रम गड़वार बलिया में काट रहे हैं. अपने जीवन की दु:खद कहानी लोकल 18 से बताते समय इन बुजुर्ग दंपति की आंखों में आंसू भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि दामन में दाग लगाई दोस्ती, दोस्ती में हम कुश्ती खा (हार) गए. बहुत कुछ बताने में यह बुजुर्ग दंपति असमर्थ रहे. बुजुर्ग दंपति के आखों में भरा रहता है आंसू अब यह अनुमान लगाना बेहद कठिन है कि इन बुजुर्ग दंपति का कभी रजवाड़ा की तरह जीवन यापन होता था, जो आज कैसे अपना एक-एक पल वृद्ध आश्रम में गुजार रहे हैं? वहीं, इस पूरे मामले को वृद्धाश्रम अधीक्षक ने भी हृदय विदारक बताया. उन्होंने कहा कि इस बुजुर्ग दंपति के साथ सही नहीं हुआ है. आज भी इन दोनों लोगों के आंखो में हर समय आसूं भरा होता है. Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 10:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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