चौकिए मत ये लंदन या न्यूयॉर्क नहीं है नवाबो के शहर लखनऊ की तस्वीर है!
चौकिए मत ये लंदन या न्यूयॉर्क नहीं है नवाबो के शहर लखनऊ की तस्वीर है!
इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला बताते है विक्टोरियन शैली की इमारतें और ऐतिहासिक महत्व के स्मारक यहां के वातावरण को और भी अद्वितीय बनाते हैं. शाम ढलते ही हजरतगंज की सुहानी हवाएं और वहां के चहल-पहल में घूमना हर किसी को बेहद भाता है.
ऋषभ चौरसिया / लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी भव्य इमारत, ऐतिहासिक महत्व और समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के लिए जानी जाती है. यह शहर नवाबों की नगरी कहलाता है, जहां हर गली, हर मोड़ पर इतिहास और परंपरा की झलक मिलती है. लखनऊ का दिल कहे जाने वाला हजरतगंज, न सिर्फ एक खरीदारी का केंद्र है,बल्कि यह शहर की संस्कृति और इतिहास को बखूबी दर्शाता है.
हजरतगंज न केवल लखनऊ की आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि यहां के गलियां और चौराहे उस ऐतिहासिक युग की कहानियां भी बयान करती हैं, जब यह अवध के नवाबों के अधीन था. इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्लाह के अनुसार, हजरतगंज का निर्माण अवध के छठे नवाब, सआदत अली खान ने 1798 से 1814 के दौरान कराया था. यह मार्केट खासतौर से ब्रिटिश रेजिडेंट्स के लिए बनाई गई थी जो उस समय कैंटोनमेंट में रहते थे.
घूमना हर किसी को बेहद भाता
हजरतगंज न सिर्फ एक शॉपिंग हब के रूप में मशहूर है, बल्कि यहां की शाम लखनऊ के लोगों के लिए विश्राम का स्थान बन चुकी हैं. विक्टोरियन शैली की इमारतें और ऐतिहासिक महत्व के स्मारक यहां के वातावरण को और भी अद्वितीय बनाते हैं. शाम ढलते ही हजरतगंज की सुहानी हवाएं और वहां के चहल-पहल से भरे वातावरण में घूमना हर किसी को बेहद भाता है.
नवाबी और ब्रिटिश शैली का मिश्रण
पर्यटकों के लिए हजरतगंज न सिर्फ एक खरीदारी की जगह नहीं है बल्कि, यह उन्हें लखनऊ की असल खुशबू से भी रूबरू कराता है. यहां के लोकल बाजारों में विभिन्न ब्रांडेड कपड़ों की दुकानों के साथ-साथ लखनऊ के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका भी मिलता है. आप चारबाग रेलवे स्टेशन से मेट्रो, ऑटो या कैब के जरिए हजरतगंज आसानी से पहुंच सकते हैं.
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Tags: Lucknow newsFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 20:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed