यह शख्स मात्र 5 रुपये में खिलाता है खानारोजाना भरते हैं 250 लोगों का पेट
यह शख्स मात्र 5 रुपये में खिलाता है खानारोजाना भरते हैं 250 लोगों का पेट
UP News: इलाज करवाना आजकल मुश्किल हो गया है. खासतौर पर गरीब लोगों के लिए एक साथ मोटी रकम लाना आसान नहीं होता है. इसी लिए बहराइच के संदीप मित्तल 5 रुपये में खाना खिला रहे हैं.
बहराइच: बहराइच के रहने वाले संदीप मित्तल पिछले 6 सालों से हरिशंकर चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते आ रहे हैं. इस काम में शहर के कई लोग सहयोग भी करते हैं.ट्रस्ट को शुरू करने का प्लान उस वक्त आया जब वो जिला अस्पताल में गरीबो को कम्बल बांटने गए हुए थे. उस वक्त उन्होंने दो तीमारदारों को आपस मे बात करते हुए सुना भोजन बहुत महंगा है, एक ही प्लेट ले लेते हैं.इसको सुनने के बाद संदीप मित्तल ने घर पहुंचकर इस घटना के बारे में घर वालो से बातचीत की. फिर उन्होंने हरिशंकर चैरिटेबल ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया.
गरीब लोगों को बांट रहे खाना
शुरुआत में लगभग 100 लोगों का भोजन बनाया जाने लगा. भोजन बनने के बाद सर्वप्रथम भगवान जी को भोग लगाया जाता और पहली थाली गौ माता को खिलाई जाती. फिर रिक्शा निकल पड़ता था सीधे बहराइच जिला अस्पताल के बाहर. यहां 5 रुपये में जरूरतमंदों का पेट भर खाना दिया जाता है. यह सिलसिला 4 सालों तक चलता आ रहा है. 4 साल बाद बहराइच के सरिया व्यापारी द्वारा ट्रस्ट को एक वाहन भेट दिया. इसके बाद भोजन वाहन से जाने लगा, जिसमे भोजन के रख रखाव की सुविधा समेत आदि आधुनिक टेक्नोलॉजी से तैयार था यह वाहन.
5 रुपये में मिलता है भरपेट खाना
अन्न रथ हारे का सहारा आज लगभग 5 रुपये में 250 लोगों का पेट भरता है.जिस भोजन को बनाने में संदीप मित्तल की पत्नी अन्य दो महिलाएं सहायता करती है.प्रति दिन दोपहर 2 बजे से भोजन बनने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है.यह प्रक्रिया तीन घटाने पांच बजे तक चलती है.जिसमे लगभग 6 किलो दाल,15 किलो आटे की रोटी,सब्जी,चावल,एक मीठा बनाया जाता है.यह भोजन बिना लहसुन,प्याज के साफ सफाई से बनाया जाता है.
5 रुपये में लोगों को खाना खिलाने के साथ-साथ बहुत से समाजसेवी कार्य ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. इसमे जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए निःशुल्क कोचिंग, मानव मृत्यु के बाद शव को रखने के लिए शव फ्रीजर और रक्त दान समेत तमाम सामाजिक कार्य शामिल है.
जरूरतमंदों के लिए एम्बुलेंस की सुविधा
कई बार इलाज के लिए आए हुए लोगों के सारे पैसे ईलाज में ही खर्च हो जाते हैं.घर जाने तक के पैसे नहीं बचते.प्राइवेट वाहन का किराया इतना अधिक होता है.ऐसे में ट्रस्ट की एम्बुलेंस 5 रुपये प्रति किलोमीटर एक वरदान के रूप में साबित हुई है.
Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 08:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed