650 स्टूडेंट और 850 पेड़ कमाल का है UP का ये स्कूल हर बच्चा लगाता है पौधा

यह स्कूल बागपत के तमेला गढ़ी गांव में स्थित है. यहां ग्रामीणों ने करीब 27 वर्ष पूर्व बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई और दूर दराज पढ़ने वाले बच्चों को सुविधा देने के लिए गांव में ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल इंटर कॉलेज के नाम से स्कूल की स्थापना कर दी.

650 स्टूडेंट और 850 पेड़ कमाल का  है UP का ये स्कूल हर बच्चा लगाता है पौधा
बागपत. बागपत में एक स्कूल की स्थापना साल 1976 में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर कराई थी. पर्यावरण को सुरक्षित रखने में यह स्कूल एक अलग ही भूमिका निभा रहा है. इस स्कूल में आने वाला प्रत्येक बच्चा पौधारोपण करता है. आज के समय में इस स्कूल में करीब 650 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं और इससे अधिक पौधे स्कूल में लगे हुए हैं. यहां नया बच्चा जब एडमिशन लेता है, तो वह जाकर पौधारोपण करता है और अपनी आगे की पढ़ाई शुरू करता है. ग्रामीण समय-समय पर चंदा देकर स्कूल को आगे बढ़ाने में बड़ा योगदान देते हैं. यह स्कूल बागपत के तमेला गढ़ी गांव में स्थित है. यहां ग्रामीणों ने करीब 27 वर्ष पूर्व बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई और दूर दराज पढ़ने वाले बच्चों को सुविधा देने के लिए गांव में ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल इंटर कॉलेज के नाम से स्कूल की स्थापना कर दी. सभी ग्रामीणों ने मिलकर स्कूल की जमीन को दान दिया और चंदा इकट्ठा करके स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण शुरू कर दिया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस नाम रखने के पीछे बड़ी वजह थी कि इस गांव के लोगों ने देश  की आजादी के समय बड़ी भूमिका निभाई थी, इसलिए इस स्कूल का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस रखा गया. इसमें एक खासियत है कि यहां जो भी बच्चा नया एडमिशन लेता है, उसे पौधारोपण कराया जाता है. स्कूल में बच्चों की संख्या के बराबर होती है पौधों की संख्या स्कूल के प्रिंसिपल रुक्म पाल सिंह ने बताया कि जो भी बच्चा यहां एडमिशन लेता है, उसे पौधारोपण कराया जाता है. जो बच्चे 12वीं पास करने के बाद इस स्कूल को छोड़कर आगे की पढ़ाई करने या नौकरी करने के लिए जाते हैं. उन्हें आगे चलकर भी पौधारोपण करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कहा जाता है. वहीं  स्कूल में आज के समय में 650 बच्चे हैं और 850 पौधों की संख्या है. ग्रामीण इस स्कूल को आगे बढ़ाने में अपना पूर्ण सहयोग देते हैं. अच्छी शिक्षा देना स्कूल की प्राथमिकता स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की कमेटी में 30 सदस्य हैं, जो लगातार स्कूल की देखरेख करती है और ग्रामीण भी स्कूल की तरक्की में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते. स्कूल में बच्चों से कम फीस लेकर उन्हें अच्छी शिक्षा दिए जाने का प्रयास किया जाता है. कक्षा एक में 400 रूपये पर बच्चा और कक्षा 12 में प्रत्येक बच्चे से 800 रूपए फीस ली जाती है.इस स्कूल में 22 टीचरों का स्टाफ 650 बच्चों को पढ़ाते हैं. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 16:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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