माफिया अखंड प्रताप सिंह समेत 12 बरी 11 साल पहले धनराज यादव की हुई थी हत्या

Azamgarh News: 11 साल पहले हुए ट्रांसपोर्टर धनराज यादव हत्याकांड मामले में आजमगढ़ की अदालत ने अभियुक्त अखंड प्रताप सिंह समेत 12 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. पर्याप्त अबूतों के आभाव में कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

माफिया अखंड प्रताप सिंह समेत 12 बरी 11 साल पहले धनराज यादव की हुई थी हत्या
हाइलाइट्स बहुचर्चित ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या के मुकदमे में माफिया अखंड प्रताप सिंह बरी पुलिस की कमजोर विवेचना और साक्ष्य संकलन में नाकाम होने की वजह से कोर्ट ने बरी किया आजमगढ़. आजमगढ़ जिले के बहुचर्चित ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने पर्याप्त सबूत के अभाव में बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी व पूर्व ब्लॉक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह समेत 12 अभियुक्तों को दोष मुक्त कर दिया. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 1 सतीश चंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को सुनाया. इस फैसले के बाद अब पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है कि अगर पुलिस ने फेयर विवेचना की होती तो आज घटना में शामिल अभियुक्त सलाखों के पीछे होते. इस मामले में पूर्व प्रमुख समेत 12 अभियुक्तों को झूठे मुकदमे में जेल नहीं जाना पड़ता. बताते चलें कि अभियोजन पक्ष के अनुसार वाराणसी में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करने वाले मेंहनगर क्षेत्र के टोडरपुर ग्राम निवासी धनराज यादव (35) पुत्र सत्यदेव की स्कार्पियो सवार हमलावरों ने 11मई 2013 की शाम लगभग साढ़े पांच बजे उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब वह अपने पिता सहित चार लोगों के साथ नरायनपुर गांव स्थित रिश्तेदारी से लौट रहे थे. इस मामले में मृतक धनराज के भाई बच्चेलाल यादव ने तरवां ब्लॉक के पूर्व ब्लाक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ नामजद तथा चार अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस को दी गई तहरीर में बच्चे लाल यादव ने आरोप लगाया कि प्रधानी चुनाव को लेकर अखंड प्रताप सिंह से उनके भाई से रंजिश चल रही थी. इसकी वजह से अखंड प्रताप सिंह उनके साथियों ने भाई धनराज यादव की हत्या कर दी और उनकी बंदूक भी छीन लिए. इस घटना में जांच के नाम पर खानापूर्ति कर नामजदगी के आधार पर पुलिस ने 13 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया. जबकि इनके खिलाफ कोई साक्ष्य संकलन करने में पुलिस नाकाम रही. अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी बच्चेलाल तथा संतोष यादव को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया गया. बाद में अदालत ने न्यायहित में अपनी तरफ से नौ गवाहो को न्यायालय में तलब किया. बचाव पक्ष से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हरिवंश यादव तथा सर्वजीत यादव ने बताया कि दौरान मुकदमा एक आरोपी कामता प्रसाद यादव की मृत्यु हो गई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पुलिस की कमजोर विवेचना तथा पर्याप्त सबूत के अभाव में पूर्व प्रमुख अखंड प्रताप सिंह, अजय सिंह, सुनील सिंह पुत्र वशिष्ठ,दयाशंकर सिंह अमित सिंह चंदन सिंह , संतोष कुमार और पप्पू सुनील सिंह पुत्र रविंद्र, रमेश यादव, कृष्ण कुमार, विपिन उर्फ टिंकू तथा प्रदीप सिंह कबूतरा को दोष मुक्त कर दिया. Tags: Azamgarh news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 07:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed