गजब का आइडियाअगैती फसल से होगी पैसों की बारिश किसानों ने अपनाया ये तरीकe

मौसम में बदलाव के कारण बीजों के अंकुरण में किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए फर्रुखाबाद के किसानों ने ढकाऊ पद्धति अपनाई है, जो खेती में कारगर साबित हो रही है.

गजब का आइडियाअगैती फसल से होगी पैसों की बारिश किसानों ने अपनाया ये तरीकe
फर्रुखाबाद: बदलते समय के साथ खेती-किसानी के तौर-तरीके भी तेजी से बदल रहे हैं. किसानों ने ऐसी नई तरकीबें इजाद की हैं, जिनसे वे हर फसल में आसानी से मुनाफा कमा रहे हैं. वर्तमान में क्षेत्र में सब्जियों की फसलों की बुआई चल रही है, लेकिन मौसम में बदलाव के कारण बीजों के अंकुरण में किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए फर्रुखाबाद के किसानों ने ढकाऊ पद्धति अपनाई है, जो खेती में कारगर साबित हो रही है. क्या है ढकाऊ पद्धति? ढकाऊ पद्धति के तहत बीजों के अंकुरण के दौरान भूमि में पर्याप्त नमी बनाए रखी जाती है, जिससे बाहरी रोग और कीट फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते. इस तकनीक से समय से पहले ही फसलों का उत्पादन शुरू हो जाता है, जिससे किसान बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. किसानों का अनुभव फर्रुखाबाद के कमालगंज विकास खंड के कंधरापुर निवासी किसान शिवनंदन बताते हैं कि पहले सब्जियों की फसलों में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता था. लेकिन अब वे बीस वर्षों से अपने खेतों में ढकाऊ पद्धति का सफल प्रयोग कर रहे हैं. इस पद्धति से न केवल सिंचाई की आवश्यकता कम हो गई है, बल्कि फसल में रोग भी नहीं लगते, जिससे अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है. वर्तमान में गोभी और पत्ता गोभी जैसी सब्जियां साठ रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही हैं, और किसान इस फसल पर केवल दो हजार रुपये की लागत लगाकर सत्तर से अस्सी हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. ढकाऊ पद्धति की विधि शिवनंदन बताते हैं कि पहले वे खेत को समतल करते हैं और फिर दो मीटर की दूरी पर क्यारियां बनाते हैं. इसके बाद, पॉलिथिन को पाइप की सहायता से तंबू के आकार में शेड बनाते हैं और इसके नीचे सब्जियों के बीजों को रोपते हैं. किन फसलों पर होता है ढकाऊ पद्धति का प्रयोग? यह पद्धति विशेष रूप से विपरीत मौसम में सब्जियों और पत्तेदार फसलों को तैयार करने के लिए उपयोगी है. क्षेत्र के किसान गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, तोरई, तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, और लौकी जैसी फसलों को इस पद्धति से तैयार कर रहे हैं. उगाने का तरीका किसान बताते हैं कि सब्जियों की फसलों को तैयार करने के लिए नमीदार भूमि का चयन करना चाहिए. इसके बाद खेत को समतल कर जैविक खाद मिलाकर क्यारियां बनाई जाती हैं, जिनमें बीजों को रोपा जाता है. समय पर सिंचाई और उचित देखभाल से फसल तैयार होती है, जिसे बाद में मंडी में बेचा जाता है. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 11:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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