गया: जमीन के अंदर गड़े मांस को खाता है और बड़े गहरे जख्म देता है यह छोटा जानवर
गया: जमीन के अंदर गड़े मांस को खाता है और बड़े गहरे जख्म देता है यह छोटा जानवर
Gaya News:गया में भेड़िया और सियार के हमले के बाद अब नये जंगली जानवर ने आतंक मचा रखा है. अब तक इस जानवर ने 6 से अधिक लोगों को काटकर जख्मी कर दिया है. इन सभी का इलाज डुमरिया के स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है और वन विभाग की टीम इसे पकड़ने की कोशिश में है.
हाइलाइट्स जंगली जानवर ने आधा दर्जन लोगों को काटकर किया जख्मी. डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्र में किया जा रहा है इलाज. बिज्जू उर्फ उलबिलाव के नाम से जाना जाता है यह छोटा जानवर. वन विभाग की टीम भी जंगली जानवर को पकड़ने में जुट गई.
गया. बिहार के गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के तेलियाडीह गांव में अहले सुबह से ही एक जंगली जानवर ने गांव में आतंक मचा रखा है. जंगली जानवर ने छह से भी ज्यादा महिलाओं और पुरुषों को काटकर जख्मी कर दिया. इसके बाद ग्रामीण दहशत में हैं. हालांकि, घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर जंगली जानवर को पकड़ने की कोशिश में जुट गई है. बताया जाता है कि यह जंगली जानवर बिज्जू उर्फ उदबिलाव के नाम से जाना जाता है, वहीं जिसे लोग ग्रामीण क्षेत्र में मुंहनोचवा के नाम से भी जानते हैं. कहा जाता है कि यह जानवर जमीन के अंदर गड़े मांस को खाता है.
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की सुबह 3 से 4 बजे के करीब महिलाएं शौच के लिए गांव से किनारे जंगल की तरफ गई थीं, तभी इस जानवर ने हमला कर दिया. इसके बाद यह जानवर कई जगहों पर भी देखा गया. जब कोई किसी को छुड़ाने गया तो दूसरे पर भी हमला कर देता है. इस दौरान 6 लोग से भी ज्यादा लोगों को घायल कर दिया है, जबकि एक महिला की स्थिति गंभीर है जिन्हें पटना रेफर किया गया. गया में डुमरिया के तेलियाडीह गांव में घायल हुई महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया.
वहीं, वनपाल दिनेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही हमलोग घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं और जानवर को पकड़ने के लिए कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि बीते सितंबर में गया के मकसूदपुर गांव अंधेरा होते ही भेड़ियों ने आतंक मचा दिया था. 300 साल पुराने किला में ठिकाना बना रखे भेड़िया गांव में निकलता और ग्रामीणों पर हमला कर देता था. इससे कई दिनों तक गांव में दहशत रही और बाद में वन विभाग ने उसे पकड़ लिया था.
FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 16:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed